स्वस्थ जीने के लिए स्वस्थ आहार:
एक कहावत है- यू आर वट यू eat . और ये सही भी है कि जो भी हम खाते है वो हमारी शारीरिक, मानसिक सेहत को दर्शाता है. एक स्वस्थ आहार के लिए हमारा खाना सभी पौषक तत्वों से भरपूर होना चाहिए तभी हम बीमारियों से दूर रह सकते है. स्वस्थ रहने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए जैसे:
- पूरे दिन में 5&6 बार खाना खाना चाहिए. कोई भी मील स्किप नही करना चाहिए.
- नाश्ते और लंच के बीच में एक मील और लंच और रात के खाने के बीच में दो मील लेने चाहिए जैसे फल, सलाद, अंकुरित दालें, चने इत्यादि.
- साबुत अनाज और साबुत दालों को अपने आहार का महतवपूर्ण हिस्सा बनाये, मैदे और मैदे से बनी हुई चीज़ों से परहेज़ करें.
- खाने में फल और सब्जियां ज्यादा मात्रा में ले. ऐसा करने से कब्जी, दिल कि बीमारियाँ और कैंसर इत्यादि रोगों से छुटकारा मिलता है.
- खाने बनाने में कम से कम तेल का इस्तेमाल करना चाहिए और तली हुई चीजों का इस्तेमाल और सेवन कम से कम करें. इनकी बजाय बेक करी हुई चीज़ें या भुनी हुई चीज़ों का सेवन करें
- एक ही तेल का बार बार इस्तेमाल करने कि बजाये हर महीने तेल कि variety को बदल बदल कर इस्तेमाल करे.
- जंक फ़ूड से परहेज करें उसकी बजाएं कुछ हेल्थी चीज़ों का चयन करें जैसे फल, सब्जियां ,सलाद, घर पर बने हुए सूप, लस्सी, नीम्बू पानी, भुने हुए चने इत्यादि .
- चाय और कॉफ़ी ज्यादा मात्रा में ना ले.दिन में २ कप से ज्यादा चाय या कॉफी नुकसानदायक है.
- पूरे दिन में 10-12 गिलास पानी का सेवन करें.
- कोई भी पैक चीज़ों को खरीदने से पहले उसके ingredients को अवश्य पड़ें.
- 30-45 मिनट कि रोजाना सैर को अपने जीवन का आवश्यक हिस्सा बनाये और बीमारियों को दूर भगाएं.
कुछ खाने कि चीज़ों में कैलोरी कि मात्रा
इनकी बजाये
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मात्रा
|
कैलोरी
|
इनका इस्तेमाल करें
| मात्रा |
कैलोरी
|
परांठा
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1 no
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200
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चपाती
|
1 no
|
80
|
पुलाव
|
75 g
|
170
|
उबले चावल
|
50 g
|
80
|
तलीहुई सब्जियां
|
100 g
|
140
|
बेक करी हुई सब्जियां
|
100 g
|
50
|
चिकन/ फिश करी
|
135g
|
250
| ग्रिल किया हुआ चिकन/ फिश |
100 g
|
160
|
ओमेलेट
|
1 no
|
120
|
उबलाहुआ अंडा
|
1 no
|
60
|
फुल क्रीम ढूध
|
1 glass
|
170
|
टोंड ढूध
|
1 glass
|
80
|
चीनी
|
1 tsp
|
20
| ब्राउन चीनी |
1 tsp
|
5
|
पूडिंग / मिठाई
|
75 g
|
150
|
ताज़े फल
|
75 g
|
40
|
कोला/ मिरिंडा/ पेप्सी
|
300 ml
|
180
|
सोडा+ नीम्बू
| ३०० ml | 0 |
Dr. शेफाली अनेजा गुडगाँव
|
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खट्टे नींबू के मीठे लाभ
यह फल खट्टा होने के साथ-साथ बेहद गुणकारी भी है। आइए जानते हैं इसके कुछ प्रयोगों के बारे में-कृमि रोग-10 ग्राम नींबू के पत्तों का रस (अर्क) में 10 ग्राम शहद मिलाकर पीने से 10-15 दिनों में पेट के कीड़े मरकर नष्ट हो जाते हैं। नींबू के बीजों के चूर्ण की फंकी लेने से कीड़ों का विनाश होता है। शिरशूल-नींबू के पत्तों का रस निकालकर नाक से सूँघे जिसे व्यक्ति को हमेशा सिरदर्द बना रहता है, उसे भी इससे शीघ्र आराम मिलता है। चेहरे की सुंदरता के लिए- 10 ग्राम नींबू का रस 10 बूँद ग्लिसरीन तथा 10 ग्राम गुलाबजल इन तीनों को मिलाकर रख लें। यह एक प्रकार से लोशन सा तैयार हो जाएगा। इस लोशन को प्रतिदिन सुबह स्नान के पश्चात तथा रात्रि सोने के पूर्व हल्के-हल्के मलने से चेहरा रेशम की तरह कोमल बन जाएगा। नींबू के रस में बराबर की मात्रा में गुलाबजल मिलाकर चेहरे पर लगाएँ। आधे घंटे बाद ताजे जल से धो लें। चेहरे पर मुँहासे बिल्कुल साफ हो जाएँगे। यह प्रयोग करीब 10-15 दिनों तक करें। ताजे नींबू का रस निकालकर नाक में पिचकारी देने से नाक से खून गिरता हो, तो बंद हो जाएगा।
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लहसुन खूब खाएं, लेकिन कच्चा हो तो बेहतर। वजह यह है कि लहसुन को पकाने पर इसमें मौजूद 'एलिसिन' कम हो जाता है। जाहिर है कि यदि आप खूब सारा कच्चा लहसुन खाएंगे तो आपके पास बैठने वाले दोस्तों की संख्या कम ही रहेगी। खैर, यदि आप लहसुन के कैप्सूल ले रहे हों तो आपको चिकित्सक की सलाह मानना चाहिए। यदि आप मधुमेह के रोगी हैं तो आपको मालूम होना चाहिए कि लहसुन से रक्तशर्करा भी घटती है। इसलिए मधुमेह के रोगियों को लहसुन की वैकल्पिक चिकित्सा के दौरान उच्च रक्तचाप की मॉनिटरिंग भी करनी चाहिए। लहसुन से उच्च रक्तचाप नियंत्रित किया जा सकता है, यह आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी मान चुका है। लहसुन दमा के इलाज में काफी कारगर साबित होता है। 30 मिली दूध में लहसुन की पांच कलियां उबालें और इस मिश्रण का हर रोज सेवन करने से दमे में शुरुआती अवस्था में काफी फायदा मिलता है। अदरक की गरम चाय में लहसुन की दो पिसी कलियाँ मिलाकर पीने से भी अस्थमा नियंत्रित रहता है।
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= कब्ज से बचाव के उपाए:
इस मौसम में त्योहारों और शादियों के दौर के कारण लोगों का खाना ज्यादातर घर से बाहर और अस्वस्थ होता है तो इस दौर में लोगों को ज्यादातर कब्ज़ की शिकायत रहती है पर निमन्लिखित बातों का ध्यान रखकर और उन्हें अपने जीवन में अपनाकर इस कब्ज़ की शिकायत को दूर किया जा सकता है...
कब्ज से बचाव के उपाए:
Dr. शेफाली अनेजा गुडगाँव
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= कब्ज से बचाव के उपाए:
इस मौसम में त्योहारों और शादियों के दौर के कारण लोगों का खाना ज्यादातर घर से बाहर और अस्वस्थ होता है तो इस दौर में लोगों को ज्यादातर कब्ज़ की शिकायत रहती है पर निमन्लिखित बातों का ध्यान रखकर और उन्हें अपने जीवन में अपनाकर इस कब्ज़ की शिकायत को दूर किया जा सकता है...
कब्ज से बचाव के उपाए:
- सबसे पहले तो अपने पुरे दिन में पानी की मात्रा सही रखे. कम से कम दस से बारह गिलास पानी पीये क्यूंकि यह शरीर में जमा हुए जहरीले तत्वों को बहार निकालने में मदद करता है और कब्ज़ भी दूर करता है.
- बिना छाने आटे का इस्तेमाल करें और अगर हो सके तो गेहू के आटे में चने का आटा मिक्स करवाएं ऐसा करने से आटे में फाइबर की मात्रा बढ जाएगी और कब्ज़ से राहत मिलेगी.
- रोज़ चार से पांच किलोमीटर सैर करें.रात के खाने के बाद टहलने से खाना अच्छे से पचने में मदद मिलती है. रात के खाने और सोने के बीच में कम से कम आधे घंटे का गैप रखें.
- खाने को अच्छे से चबा कर खाए. ज्यादा जल्दी जल्दी में और टेंशन में खाना न खाए. अगर हम ऐसा न करें तो खाना अच्छे से नही पचता.
- मैदा और मैदे से बनी हुई चीज़ों से परहेज़ करें और ज्यादा मीठे का सेवन न करें.
- कभी भी नाश्ता स्किप न करें रोज़ नाश्ते का सेवन करें. हमारे दिन की पौषक तत्वों की जरूरतों का 1 /3 हिस्सा नाश्ते से पूरा होना चाहिए.
- रोजाना दिन में दो बार आधा-आधा कप बंदगोभी का जूस पीने से कब्ज़ से राहत मिलती है.
- खजूर को ढूध के साथ लेने से कब्ज़ को आराम मिलता है.
- सुबह ख़ाली पेट अमरुद खाना कब्ज़ के लिए सबसे सस्ता और अच्छा उपाए है.
- ख़ाली पेट ताम्बे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीना कब्ज़ के लिए बहुत अच्छा और घरेलु उपाए है.
- 1 चम्मच बादाम के तेल को ढूध में मिला कर तीन से चार दिन तक रोज़ रात को लेने से कब्ज़ से राहत मिलती है.
- दो चम्मच इसबगोल या आटे की चौकर को आधा कप कोसे ढूध या पानी के साथ रोज़ रात को लेने से कब्ज़ से राहत मिलेगी.
- कोसे पानी में नीम्बू और शहद डाल कर रोज़ सुबह पीने से कब्ज़ दूर रहती है
- ज्यादा चाय और कॉफी पीने से हमारे शारीर में जेह्रीले तत्वों की मात्रा बढ जाती है इसीलिए ज्यादा चाय और कॉफी नही पीनी चाहिए. जब कब्ज़ हो तो अदरक वाली चाय पीने से बहुत जल्दी आराम मिलता है.
- सुबह नाश्ते से पहले पपीता खाने से कब्ज़ को दूर रखने में मदद मिलती है.
- 1 चम्मच आंवले का Powder रोज़ रात को खाना कब्ज़ के लिए बहुत अच्छी आयुर्वेदिक औषधि है.
अपनी रोजमर्रा की ज़िन्दगी में थोडा सा सुधार ला कर कब्ज़ जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है इसलिए इन उपचारों को अपनाये और कब्ज़ को दूर भगाएं.
Dr. शेफाली अनेजा गुडगाँव