अमरनाथ यात्रा के बारे में
की गई टिप्पणी के मामले में हरियाणा सरकार ने आर्य समाज के नेता स्वामी
अग्निवेश के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया है।
स्वामी अग्निवेश ने कथित तौर पर अमरनाथ यात्रा को 'फ्रॉड' करार दिया था। पिछले साल मई में जम्मू यात्रा के दौरान अग्निवेश ने अमरनाथ यात्रा पर
जाने वालों के बारे में कथित तौर पर कहा था कि मैं नहीं समझ पाता कि लोग
क्यों इस यात्रा पर जाते हैं। यह एक धार्मिक धोखा है। मैं इस तरह के धर्म
में विश्वास नहीं करता हूं। प्रदेश सरकार के वकील ने पंजाब एवं
हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस परमजीत सिंह के सामने 14 मई की तारीख वाला एक
पत्र पेश किया, जिसमें मुकदमा चलाने की मंजूरी देने से इनकार किया गया है। हरियाणा के हांसी में पिछले साल 23 मई को अग्निवेश के खिलाफ एक एफआईआर
दर्ज की गई थी। सामाजिक कार्यकर्ता प्रवीण तायल की शिकायत पर आईपीसी की
धारा 295 के तहत यह प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इससे पहले हाई
कोर्ट ने हरियाणा सरकार को निर्देश दिया था कि वह इस बात पर हलफनामा दाखिल
करे कि उसने अग्निवेश के खिलाफ अभियोजन की कार्रवाई की इजाजत दी है या
नहीं।
इस मामले में हाई कोर्ट में अब 28 मई को सुनवाई होगी।
इससे पहले हांसी के एसडीजेएम कोर्ट ने एफआईआर के आधार पर अग्निवेश के खिलाफ पिछले साल 29 अगस्त को गैर जमानती वारंट जारी किया था। अग्निवेश ने तब पिछले साल 30 अगस्त को हाई कोर्ट की शरण ली और एफआईआर रद्द किए जाने की गुहार लगाई थी।
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