Friday, June 8, 2012

एन.एस.एस. कैंप में बच्चों को दी जाएगी विशेष जानकारियां : बैरागी




तरावड़ी :
 तरावड़ी कस्बे के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सह-शिक्षा में  एन.एस.एस. कैंप का उदघाटन हुआ। जिसकी अध्यक्षता स्कूल की प्रधानाचार्य संतोष बैरागी ने की। शिविर के शुभारंभ अवसर पर स्कूल की प्रधानाचार्य संतोष बैरागी सहित सभी अध्यापकों एवं सभी एन.एस.एस. प्रतिभागियों द्वारा पौधारोपण किया गया। शिविर में संतोष बैरागी ने स्वयंसेवकों को शिविर में किए जाने वाले कार्यों की जानकारी दी। उन्होनें बताया कि शिविर के माध्यम से स्वयं को आत्म निर्भर बनाना, सामाजिक कुरीतियों को दूर करना, प्रोढ़ शिक्षा, एवं एड्स  की जानकारी के साथ-साथ अन्य बुराईयों पर भी लोगों को जागरूक किया जाएगा। हिंदी प्राध्यापक ज्ञान सिंह ने बताया कि विद्यालय में एन.एस.एस. शिविर में 50 छात्र-छात्राएं भाग ले रहे है। उन्होने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि हमें अपने जीवन में ऐसे काम करने चाहिए जिससे दूसरों को लाभ मिल सके। सीमा मैडम ने कहा कि शिविर में समाज में फैली बुराईयों को खत्म करने के लिए संकल्प लिया जाएगा। इस मौके पर स्कूल की प्रधानाचार्य संतोष बैरागी के साथ-साथ जसङ्क्षवद्र कौर, रीटा, चिंकी, गायत्री, राम रतन शर्मा, सोनिया मैडम, सीमा, अनीता, मंजू, राजबाला के अलावा अन्य प्राध्यापक मौजूद थे।




12 वीं परीक्षा में निशांत ने पाया द्वितीय स्थान पर कब्जा
तरावड़ी : राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय सह-शिक्षा  के 12 वंी कक्षा विज्ञान संकाय के निशांत ने 500 में से 454 अंक प्राप्त कर द्वितीय स्थान पर कब्जा जमाया। स्कूल की प्रधानार्चा संतोष बैरागी ने बताया कि उनके स्कूल से कुल 174 विद्यार्थियों ने परीक्षा दी थी जिसमें से 114 विद्यार्थियों ने अच्छे अंक लेकर स्कूल का मान बढ़ाया। उन्होने बताया कि बच्चों की इस शानदार उपलब्धि का श्रेय बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावकों तथा अध्यापकों को भी जाता है। 
                      निशांत का मुंह मीठा करवाते अध्यापकगण। 
बच्चों की शानदार सफलता पर उन्हें गर्व है। अंग्रेजी प्राध्यापक सीमा मैडम ने सभी विद्यार्थियों को बधाई दी व उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होनें कहा कि विद्यार्थियों की कड़ी मेहनत और अध्यापकों के भरसक प्रयासों के बिना इतनी बड़ी उपलब्धि हासिल करना संभाव नही था। उन्होंने कहा कि भविष्य में अधिक मेहनत करके और भी ज्यादा बुलान्धियो  को छूने की कोशिश की जाएगी।

Thursday, June 7, 2012

जनता के धैर्य की परीक्षा मत लीजिए


सरकार ने एक झटके में पेट्रोल के दाम बढ़ा दिए. डीजल और रसोई गैस के दाम वैसे ही ज़्यादा हैं, लेकिन अभी और बढ़ सकते हैं. सरकार को मालूम था कि देश में इसका विरोध होगा, गुस्सा पैदा होगा, कुछ विपक्षी पार्टियां लकीर पीटने के लिए आंदोलन की घोषणा करेंगी और सिंबोलिक आंदोलन भी होंगे, इसके बावजूद उसने पेट्रोल के दाम 12 प्रतिशत से ज़्यादा बढ़ा दिए. सरकार को यह अच्छी तरह से मालूम है कि देश के लोग चुनाव से पहले यानी वोट डालने के दिन से पहले कोई भी निर्णायक लड़ाई नहीं लड़ेंगे और जिस तरह की हालत भारतीय जनता पार्टी की है, उससे सरकार आश्वस्त है कि कोई बड़ा विरोध उसे नहीं झेलना पड़ेगा और वह 15 दिनों के भीतर फिर पुरानी पटरी के ऊपर चलने लगेगी और इसी तरह के अन्य फैसले भी वह आसानी से कर लेगी.
सरकार बिल्कुल सही है, क्योंकि उसे इस बात का एहसास है कि अगले चुनाव में भले ही कोई और पार्टी सत्ता में आए, लेकिन कांग्रेस की सीटें बढ़ेंगी, इसके ऊपर प्रश्नवाचक चिन्ह लग गया है. इसलिए वह वे सारे काम कर डालना चाहती है, जिनसे विदेशी पूंजीपतियों, खासकर अमेरिका एवं यूरोप को फायदा हो सकता है. अभी बहुत सारे प्रहार झेलने के लिए हमें तैयार रहना चाहिए, क्योंकि हमारे देश के प्रधानमंत्री अर्थशास्त्री हैं, लेकिन उनका अर्थशास्त्र अमेरिकी पूंजीपतियों और भारतीय पूंजीपतियों के लिए इस्तेमाल होता है. हमारे प्रधानमंत्री का अर्थशास्त्र हिंदुस्तान के ग़रीबों के लिए बिल्कुल बेकार है, क्योंकि उनकी सूची में हिंदुस्तान का ग़रीब कहीं है ही नहीं. हमारे प्रधानमंत्री ऐसे मंत्रिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं, जिसमें मंत्री भी प्रधानमंत्री जैसे ही हैं. बेशर्मी के साथ मंत्री यह कहते हैं कि उन्हें भी सब्सिडी मिल रही है, जिन्हें इसकी ज़रूरत नहीं है और देश के लोगों को मुफ्त़खोरी की आदत पड़ गई है.
दरअसल, मुफ्त़खोर वह मंत्री है, जो यह बयान दे रहा है. उस बेवकूफ को यह समझ में नहीं आता कि वह भारत सरकार का मंत्री है और अगर पेट्रोल एवं डीजल का दाम बढ़ता है तो ढुलाई का दाम बढ़ेगा. पेट्रोल एवं डीजल का दाम बढ़ता है तो हर चीज का दाम बढ़ेगा. खेती की लागत और बढ़ जाएगी. वैसे ही किसान को उसकी लागत के हिसाब से फसल की क़ीमत नहीं मिलती. अब पेट्रोल एवं डीजल के बढ़े हुए दाम की वजह से उसकी खेती और महंगी हो जाएगी. या तो वह खेती कम करेगा या खेत बेचेगा या फिर आत्महत्या करेगा. वह बेशर्म मंत्री, जिसने यह बयान दिया कि देश के लोगों को मुफ्त़खोरी की आदत पड़ गई है और पेट्रोल एवं डीजल के बढ़े हुए दाम का असर ग़रीबों के ऊपर नहीं पड़ेगा, उसका सार्वजनिक रूप से अपमान होना चाहिए.
मुफ्त़खोर वह मंत्री है, जो यह बयान दे रहा है. उस बेवकूफ को यह समझ में नहीं आता कि वह भारत सरकार का मंत्री है और अगर पेट्रोल एवं डीजल का दाम बढ़ता है तो ढुलाई का दाम बढ़ेगा. पेट्रोल एवं डीजल का दाम बढ़ता है तो हर चीज का दाम बढ़ेगा. खेती की लागत और बढ़ जाएगी. वैसे ही किसान को उसकी लागत के हिसाब से फसल की क़ीमत नहीं मिलती. अब पेट्रोल एवं डीजल के बढ़े हुए दाम की वजह से उसकी खेती और महंगी हो जाएगी. या तो वह खेती कम करेगा या खेत बेचेगा या फिर आत्महत्या करेगा.
इस देश का किसान आत्महत्या करता है तो उसे अ़खबारों और मीडिया में जगह नहीं मिलती. ज़्यादातर किसान इसलिए आत्महत्या करते हैं, क्योंकि वे खेती के लिए कर्ज लेते हैं और कर्ज लेकर की गई खेती उन्हें और बड़े कर्ज में डाल देती है, क्योंकि उन्हें फसल की सही क़ीमत नहीं मिलती. उनका घर गिरवी हो जाता है, उनके बच्चे पढ़ नहीं पाते, उनकी बेटियों की शादी नहीं हो पाती, उनकी सामाजिक बेइज्जती होती है और तब उनके पास आत्महत्या के अलावा कोई चारा नहीं रहता. उस किसान की जिंदगी को आत्महत्या की आग में झोंकने का काम यूपीए सरकार ने किया है. कांग्रेस के सहयोगी ममता बनर्जी एवं अजीत सिंह कहते हैं कि सरकार के अंदर रहकर मूल्य वृद्धि का विरोध करेंगे. यह कहते हुए दोनों की ज़ुबान नहीं कांपी? आप उसी सरकार में हैं और यदि आपकी बात प्रधानमंत्री नहीं सुनते तो आप सरकार में हैं क्यों? क्या प्रधानमंत्री ने आपसे नहीं पूछा, क्या प्रधानमंत्री ने मंत्रिमंडल की राय के बिना यह ़फैसला ले लिया कि पेट्रोल के दाम में इतनी बड़ी वृद्धि हो, जिसका असर हिंदुस्तान में रहने वाले हर आदमी को झेलना पड़ेगा?
पेट्रोल के दाम में बढ़ोत्तरी का असर केवल स्कूटर और कार चलाने वालों पर नहीं पड़ेगा. इसका असर हिंदुस्तान के हर नागरिक पर पड़ेगा, क्योंकि पेट्रोल एवं डीजल सिंचाई और ढुलाई के सबसे बड़े साधन हैं. अ़फसोस इस बात का है कि देश के लोग शायद अभी भी घड़े के और भरने का इंतज़ार कर रहे हैं. नौजवान खामोश है. शायद सरकार में बैठे लोग या राजनीतिक दलों के लोग इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि वे जब सड़कों पर निकलें तो जनता उन्हें घेरे और उनके साथ बदसलूकी करे. सरकार में बैठे लोग देश की जनता के सब्र की, धीरज की परीक्षा लेना चाहते हैं.
सबको पता है कि सारी दुनिया में कच्चे तेल का दाम घटा है. तेल कंपनियां कहती हैं कि उन्हें घाटा हो रहा है. तेल कंपनियां अपना हिसाब लोगों के सामने क्यों नहीं रखतीं कि उन्हें कैसे घाटा हो रहा है. तेल कंपनियां राजनीतिक आकाओं को पैसे पहुंचाने के साधन के रूप में तब्दील हो गई हैं. हम सस्ता तेल बेचने वाले व्यापारियों में से भी जो महंगा तेल बेचता है, उससे तेल खरीदते हैं और उसके बाद यहां पर उसमें कितना हिस्सा किसकी जेब में जाना है, उसे जोड़कर देश में वह तेल यानी पेट्रोल एवं डीजल लोगों के पास पहुंचता है.

जेल के कैदी पठाई के साथ साथ व्यावसायिक कोर्सो का ज्ञान भी अर्जित कर रहे हैं


 करनाल
जेल किसी अपराधी को बंदी के रूप में रखकर उसे प्रायश्चित करवाने का घर ही नहीं बल्कि कसूरवार जीवन में दोबारा सजा पाने की गलती न करने का संकल्प लेकर एक अच्छा इंसान बनकर जेल से बाहर आए तो आप इसे नई जिंदगी या परिवर्तन क्या कहेंगे ? करनाल जेल की हकीकत ऐसी ही है और अधिकारिक परिभाषा में इसे सुधार का नाम दिया जा रहा है। इस जेल में रह रहे कैदी पढ़ाई  के साथ-साथ बढई का कार्य, वैल्डिंग तकनीक, कटिंग, टेलरिंग व ड्रेस मेकिंग, पलम्बर, एम्ब्रायडरी, रेडियो व टी.वी. तकनीशियन, ब्यूटी कल्चर तथा कैटरिंग मैनेजमेंट जैसे व्यावसायिक कोर्सो का ज्ञान भी अर्जित कर रहे हैं। योगिक क्रियाएं और संगीत को कैदी बड़ी रूचि लेकर सीख रहे हैं। हाल ही में यहां के कैदियों द्वारा मिटटी व लकड़ी की कलात्मक वस्तुएं तथा खूबसूरत पेंटिंग भी तैयार की गई हैं और इन वस्तुओ को लेकर एक क्रिएटिविटी सेन्टर करनाल जेल में स्थापित किया गया है, जिसका उपायुक्त रेनू एस. फुलिया ने आज प्रात: उदघाटन कर अवलोकन किया। कैदियों द्वारा मिटटी से बनाई गई देवी देवताओं की खूबसूरत प्रतिमाओं को देखकर उपायुक्त अभिभूत हुई और प्रशंसा किए बिना नहीं रह सकी।

क्रिएटिविटी सेन्टर के उदघाटन के बाद उन्होंने जेल परिसर में भारत विकास परिषद की करनाल शाखा की ओर से आयोजित योग शिविर में शिरकत की। परिषद के अध्यक्ष डाक्टर सी.के. ठाकुर ने करीब एक घंटा कैदियों को प्राणायाम, अनुलोम-विलोम तथा कई योगासनों का प्रशिक्षण भी दिया। उपायुक्त ने भी मंच पर विराजमान योग शिक्षकों की टीम के साथ बैठकर योग क्रियाएं की। जेल में यह शिविर चार दिन तक चलेगा।
योग शिविर में आज पहले दिन की योग कक्षा जैसी ही समाप्त हुई उपायुक्त ने उपस्थित महिला एवं पुरूष बंदियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जाने-अनजाने में छोटी से भूल आदमी को अपराधी बना देती है और फिर सजा पाने के बाद उसे जेल में जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि जेलों में बड़ी संख्या में बंद कैदियों के रूप मे हमारे देश की मानव-शक्ति एक तरह से बेकार हो जाती है। यदि आदमी अपराध न करे और अपनी शक्ति को रचनात्मक कार्यो में लगाएं तो देश की प्रगति की रफ्तार में और इजाफा हो सकता है। उपायुक्त के बोलने से पूर्व कई बंदियों ने मंच पर आकर जेल में अपनी सजा गुजारते हुए अपने जीवन में परिवर्तन को स्वीकार करते हुए अनुभवो को सांझा करते हुए कहा कि उन्होंने यहां के माहौल से प्रभावित होकर कसम खाई है कि जेल से बाहर जाकर वे अपना शेष जीवन अच्छे इंसान के रूप में व्यतीत करेंगे। कैदियों के मुंह से ऐसी बाते सुनकर उपायुक्त ने जेल अधीक्षक से कहा कि जिन कैदियों का आचरण या व्यवहार अच्छा है, उनकी सजा माफी के लिए सरकार को लिखा जायेगा।

उपायुक्त ने कहा कि स्वस्थ तन और मन के लिये योग जरूरी है। योग से मनुष्य रोगमुक्त व तनाव रहित हो जाता है और योग से व्यक्तित्व का विकास होता है। कुछ चीजे जिन्दगी मे सीखनी जरूरी हैं, योग भी इनमें से एक है लेकिन योग करने के लिये इसका प्रशिक्षण व अभ्यास जरूरी है। इसके बाद ही योग के आसन व क्रियाओं को सही ढंग से किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि योग से संयम मिलता है, और संयम रखना सबके लिए जरूरी है। उन्होंने बंदियों से कहा कि अनुदेशको की बातों को ध्यान से सुने और उनके द्वारा करवाई जा रही क्रियाओं को ध्यान से करें। जो बंदी प्रशिक्षित हो जाते हैं वे खुद दूसरे बंदियों को प्रतिदिन योग करवाएं।
उपायुक्त ने करनाल जेल में हो रहे विभिन्न सुधारो का जिक्र करते हुए इसे प्रदेश की आदर्श जेल करार दिया और इसके लिए यहां के अधीक्षक शेरसिंह की मुक्त कंठ से सराहना की।
इससे पूर्व जेल अधीक्षक शेरसिंह ने उपायुक्त का स्वागत किया और जिला जेल में बंदियों के लिए जुटाई जा रही सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जेल में रह रहे कैदी संगीत में भी रूचि ले रहे हैं  जिससे उनका रूझान भक्ति की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि यहां के कैदी अपने साथी कैदियों से ही हिंदी के साथ-साथ उर्दू, अरबी और अंग्रेजी भाषा भी सीख रहे हैं। बहुत से कैदी यहां आने के बाद आत्म-ग्लानि से भरे हुए हैं और प्रण करते हैं कि वे जिंदगी में दोबारा अपराध न हो इससे तौबा कर चुके हैं। इस अवसर पर कैदियों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए।
इस अवसर पर जेल उप-अधीक्षक संजीव कुमार बुधवार व रेशम सिंह, हेड वार्डर राम प्रकाश, भारत विकास परिषद करनाल की ओर से डाक्टर वी.के. सिंगला, प्रोफेसर वी.के. बंसल, अशोक महेन्द्र, श्रीमती प्रभा देवी व साधना सिंह तथा डाक्टर सरिता ठाकुर भी उपस्थित थी।