Sunday, October 9, 2011

मंडियों में अब तक हुई एक लाख 66 हजार 283 मीट्रिक टन धान की आवक:कासनी


करनाल काम्बोज/अनेजा
जिला की विभिन्न मण्डियों में गत दिवस तक एक लाख 66 हजार 283 मीट्रिक  टन धान की आवक हो चुकी है जिसमें  ग्रेड ए एक लाख 65 हजार 177 मीट्रिक टन,  सरबती 774 मीट्रिक टन तथा मुच्छल 292 मीट्रिक टन व सामान्य 40 मीट्रिक टन धान शामिल है।
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए उपायुक्त नीलम प्रदीप कासनी ने बताया कि जिला की विभिन्न मण्डियों में गत दिवस तक की आवक में से सरकारी एजैन्सी खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा 70 हजार 911 मीट्रिक टन, हैफेड द्वारा 60 हजार 437 मीट्रिक टन, एग्रो द्वारा 16 हजार 882 मीट्रिक टन, हरियाणा वेयर हाऊसिंग कार्पोशन द्वारा 6 हजार 50 मीट्रिक टन तथा कान्फेड द्वारा  1200 मीट्रिक टन और मिलर्स व डीलर्स द्वारा 1 हजार 303 मीट्रिक टन धान, सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर खरीदी गई है। 
उपायुक्त ने जिला की विभिन्न मण्डियों में अब तक की आवक के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि असन्ध मण्डी में 12 हजार 830 मीट्रिक टन,  घरौंडा मण्डी मेें 10 हजार 920 मीट्रिक टन, इन्द्री मण्डी में 21 हजार 601 मीट्रिक टन, जुण्डला मण्डी में 9 हजार 11 मीट्रिक टन, करनाल मण्डी में  62 हजार 395 मीट्रिक टन, कुंजपुरा में 1 हजार 444 मीट्रिक टन, नीलोखेड़ी मण्डी में एक हजार 621 मीट्रिक टन, निसिंग में 16 हजार 750 मीट्रिक टन, निगदू मण्डी में 2 हजार 191 मीट्रिक टन, बल्ला मण्डी में 891 मीट्रिक टन, घीड़  मण्डी में 3 हजार 884 मीट्रिक टन , तरावड़ी मण्डी में 10 हजार 255 मीट्रिक टन व ब्याना मंडी में 891 मीट्रिक टन  धान की आवक हुई है। जिसे सरकारी खरीद एजैन्सियों तथा मिलर्स व डिलर्स द्वारा खरीदा जा रहा है। उपायुक्त नीलम प्रदीप कासनी  ने जिला के किसानो से अपील की है कि वे नमीयुक्त धान को मण्डियों में लेकर नहीं आए बल्कि उसे सुखाकर व साफ करके लाए ताकि उन्हें उनकी फसल बेचने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होने यह भी अनुरोध किया कि किसान मंडियों में ओवरलोडिंग वाहन न लेकर आएं केवल ट्रैक्टर-ट्राली में उतना ही धान भरे जितनी उसकी क्षमता हो। ओवरलोडिंग वाहन से किसी भी अप्रिय घटना के घटित होने की संभावना बढ़ जाती है। 


आगामी स्वच्छता दिवस चार नवंबर तक मनाया जायेगा:कासनी
करनाल काम्बोज/अनेजा
   उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी ने गांव भूसली और बजीदा जाटान में  स्वच्छता उत्सव के अन्तर्गत ग्रामीणों को स्वस्थ व स्वच्छ रहने की प्रेरणा दी।  उन्होंने कहा कि अस्वच्छता को बिल्कुल सहन न करे और स्वच्छता को अपने जीवन का एक हिस्सा बनाए। उपायुक्त ने कहा कि स्वच्छता उत्सव आगामी 4 नवम्बर तक मनाया जायेगा और इस उत्सव के दौरान न केवल निर्मल पुरस्कार के लिए सफाई अभियान चलाया जायेगा, बल्कि गांव व शहर के हर गली व मौहल्लो तक स्वच्छता के संदेश को पहुंचाया जायेगा ताकि लोगों में स्वच्छता के प्रति एक चेतना जगाई जा सके। उन्होंने कहा कि इस उत्सव के सफल आयोजन से लोगों के जीवन में एक बदलाव आयेगा और लोग अपने जीवन में साफ-सफाई से रहने की एक आदत डाले। 
उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान में लोगों का सहयोग मिलता रहा तो यह अभियान निरंतर जारी रहेगा और वह दिन दूर नहीं जब हमारे करनाल जिला के सभी गांव निर्मल ग्राम की सूची में शामिल होंगे। उपायुक्त ने ग्रामीणों का आहवान किया कि वे शांतिपूर्वक अपना जीवन व्यतीत करें। छोटी-छोटी बातों को लेकर आपस में न टकराए। ग्राम पंचायत को ग्राम विकास के लिए अपना सहयोग दें। शारीरिक व बौद्धिक शक्ति का प्रयोग करके अपने विवेक से काम ले और जीवन में परिश्रम के दम पर आगे बढऩे की कोशिश करे। 
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त एम.के.पांडुरंग ने कहा कि लोग स्वच्छता के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझे। सरकार व प्रशासन का काम जनता को जागरूक करना है। अस्वच्छता के कारण बीमारियों का सामना गांववासियों को ही करना पड़ता है, इससे उनका स्वास्थ्य खराब होता है और धन भी व्यय होता है और व्यक्ति का विकास रूक जाता है। उन्होंने कहा कि निर्मल पुरस्कार प्राप्त करना हमारा लक्ष्य नहीं अपितु गांव को पूर्णत: स्वच्छ बनाना हमारा उददेश्य है ताकि व्यक्ति खुशहाल व समृद्ध बन सके। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि हर घर में शौचालय बनाएं और उनका प्रयोग करना भी सुनिश्चित करे।
इस अवसर पर खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी करनाल नरेश शर्मा, ए.पी.ओ. अमिता, भूसली के सरपंच राजेश कुमार, बजीदा जाटान के सरपंच अशोक कुमार सहित भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।


उपायुक्त ने किया बीपीएल परिवारों वाले गांव भूसली और बजीदा जाटान का औचक निरीक्षण
करनाल काम्बोज/अनेजा
उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी ने जिले में चल रहे गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों का गांव भूसली व बजीदा जाटान में पुनरीक्षण कर औचक निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान उपायुक्त ने लोगों से अपील की कि बी.पी.एल. का लाभ जरूरतमंद व्यक्ति ही लें। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में 2007 में ऐसे परिवारों की पहचान की गई थी जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे थे। इस सर्वे के दौरान कुछ ऐसे परिवारों का नाम इस श्रेणी में शामिल किया गया जो इसके पात्र नहीं थे, परन्तु जरूरतमंद व्यक्ति इससे अनभिज्ञ रह गए थे। उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार अब फिर प्रदेश में बी.पी.एल. परिवारों की सूची का घर-घर जाकर अधिकारियों द्वारा पुनरीक्षण किया जा रहा है जो परिवार इस सूची में अपात्र है उसका नाम काट दिया जायेगा। 
उन्होंने बताया कि गांव भूसली में कुल 68 बी.पी.एल. परिवार थे जिनमें से पुनरीक्षण के बाद 54 परिवार शेष रह गए हैं और 14 परिवार अपात्र पाए गए हैं तथा इन 14 में से 3 परिवार गांव छोड़ गए हैं।  गांव बजीदा जाटान में कुल 42 बी.पी.एल. परिवार थे जिनमें से पुनरीक्षण के बाद 37 परिवार शेष रह गए हैं और 5 परिवार अपात्र पाए गए हैं इन 5 परिवारों में एक परिवार गांव छोड़ गया है। 
उपायुक्त ने दोनों गांवों में घर-घर जाकर चेक किया कि जो परिवार बी.पी.एल. पाए गए हैं वो हैं भी या नहीं हैं। गांव भूसली में उपायुक्त ने करीब 10 बी.पी.एल. परिवारों को चेक किया जिनमें से 4 परिवार बी.पी.एल. नहीं थे। इसको देखकर उपायुक्त ने कहा कि पुनरीक्षण में लगाए गए उन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेगी जिन्होंने ये रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त श्री एम.के.पांडुरंग, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी करनाल नरेश शर्मा, ए.पी.ओ. अमिता, ए.डी.ओ. देवेन्द्र सिंह, भूसली के सरपंच राजेश कुमार, बजीदा जाटान के सरपंच अशोक कुमार सहित भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।

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