काम्बोज/अनेजा करनाल
उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी ने विकास से जुड़े अधिकारियों को कहा कि वे जो अधूरे कार्य हैं उनको एक सप्ताह तक पूरा करें और पूरे हुए विकास कार्यो की रिपोर्ट तुरंत भेजे। उन्होंने ऐसा न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने की चेतावनी भी दी।
उपायुक्त आज लघु सचिवालय के सभागार में पंचायती राज संस्थाओं से जुड़े अधिकारियों के साथ जिले में चल रहे विकास कार्यो की समीक्षा कर रही थी। उन्होंने अधिकारियों को कहा कि वे ग्रामीण स्तर से जिला स्तर पर अपनी शिकायत लेकर आते हैं यह सरासर खंड स्तर के अधिकारियों की लापरवाही है यदि शिकायतकर्ता के कार्य का समाधान लोकल स्तर पर ही हो जाए तो उसे जिला स्तर पर किसी को आना नहीं पड़ेगा और वहीं ग्रामीणों का लोकल स्तर के अधिकारियों पर विश्वास बढ़ेगा। उपायुक्त ने समीक्षा के दौरान पूछा कि जिले के कितने गांवों मे 100-100 गज के प्लाटों की रजिस्टरी हो चुकी है। इस पर जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी सी.एस.दलाल ने बताया कि जिले के 330 गांवों में प्लाट देने के लिए जगह है इसमें से 261 गांवों में रजिस्टरी करवाई जा चुकी है। उनहोंने कहा जिले में करीब 82 गांवों में जगह की उपलब्धता न होने के कारण वहां रजिस्टरी नहीं करवाई गई है और 37 गांवों का मामला कोर्ट में विचाराधीन है तथा 21 गांव ऐसे हैं जिनमें थोड़ा बहुत मनमुटाव है जो लोकल स्तर पर निपटाया जा सकता है। उन्होंने कहा शीघ्र ही ऐसे गांवों के केसों को निपटाकर उनकी रजिस्टरी करवाई जायेगी।
उपायुक्त ने कहा कि जिन गांवों में रजिस्टरी हो चुकी है वहां पर 100-100 गज के प्लाटों पर जो सुविधाएं देनी है उन पर कार्य किया जाए। उन्होंने पंचायती राज संस्था के कार्यकारी अभियंता के.एस.श्योराण से कहा कि वे जिले में चल रहे विकास कार्यो को शीघ्र पूरा करवाएं तथा जिले में खंड स्तर पर राजीव गांधी सेवा केन्द्र बनाए जा रहे हैं जिन केन्द्रों का कार्य पूरा हो गया है उनका शीघ्र उदघाटन करवाया जाए। उन्होंने कहा अधिकारी किसी कार्य को पूरा करने में कोताही न बरते और समय पर कार्यालय में आए और कार्य पूरा करने पर ही कार्यालय छोड़े। उन्होंने एम.पी.लैंड के द्वारा किए जाने वाले कार्य की समीक्षा करते हुए कहा कि इस योजना के तहत जो कार्य किया जाना है उसकी दूसरी किस्त के लिए आवेदन करे। यदि किसी कार्य को करने में बाधा आती है तो उसकी लिखित जानकारी देकर उस कार्य के लिए भेजी गई राशि को वापिस लिया जाए।
अतिरिक्त उपायुक्त एम.के.पांडुरंग ने बैठक में कहा कि जिले में स्वच्छता उत्सव चल रहा है। इस उत्सव को बढ़-चढक़र मनाने के लिए अधिकारी पूरा सहयोग करे। वे गांव-गांव जाकर लोगों को सफाई के बारे में जानकारी दें। उन्होंने कहा इसके अतिरिक्त बी.पी.एल. का पुनरीक्षण किया जा रहा है। इस सर्वे में हर कार्य ईमानदारी से हो यह भी सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा एक अक्तूबर से एक नवम्बर तक बूथ स्तर पर नई वोट बनाई जा रही है। अधिकारियों को चाहिए कि वे इसका औचक निरीक्षण करें।
उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिले में डीएपी खाद की बिक्री में कोई धांधली न हो
करनाल
उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिले में डीएपी खाद की बिक्री में कोई धांधली न हो तथा किसानों को गेहूं की बुआई से पहले डीएपी खाद दिया जाए ताकि किसान समय रहते अपने गेहूं की बुआई कर सके।
उपायुक्त आज लघु सचिवालय के सभागार में कृषि, सहकारी बैंक व हैफेड के अधिकारियों की बैठक को सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि प्राय: देखने में आता है कि गेहूं के सीजन में लोग डीएपी खाद की कालाबाजारी करने लग जाते हैं। इस कालाबाजारी के दौरान गरीब किसानों को खाद नहीं मिलती। जिसके कारण उनकी बुआई में देरी हो जाती है। उन्होंने कहा कि अपैक्स बैंकों के माध्यम से किसानों को जो खाद दी जाती है उसमें नकली किसान भी खाद ले लेते हैं जो बाद में उसकी काला बाजारी करते हैं। उन्होंने सहकारी बैंक प्रबंध निदेशक सतीश रोहिल्ला को निर्देश दिये कि वे एक एकड़ से 5 एकड़ के जमींदार को पुरानी दर 600 रुपये, 5 से 7 एकड़ के जमींदार को 760 रुपये तथा इससे बड़े जमींदार को नये रेट के आधार पर खाद का कटटा दें। उन्होंने कहा किसानों को कम से कम 5 कटटे खाद के जरूर मिले।
उपायुक्त ने कहा कि पिछले वर्ष जिले में 10 हजार डीएपी खाद के कटटे थे, परन्तु इस बार किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए इनकी संख्या बढ़ा दी गई है। किसी भी किसान को खाद की कमी नहीं रहने दी जायेगी। उन्होंने उपमंडलाधीश करनाल मुकुल कुमार को कहा कि खाद की काला बाजारी न हो इसके लिए यू.पी. को जाने वाली सडक़ पर निगरानी रखे और समय-समय पर उसका औचक निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि खाद की काला बाजारी यूपी के रास्ते से होने की बार-बार शिकायत मिल रही है।
इस अवसर पर असंध के उपमंडलाधीश आर.के.सिंह, उप-कृषि निदेशक देवेन्द्र मलिक, नीलोखेड़ी के तहसीलदार इन्द्र सिंह उपस्थित थे।
जिला में तैनात 19 डयूटी मेजिस्ट्रेट पटाखा फैक्ट्रियों, स्टोर, बिक्री केन्द्रों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं
करनाल
उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी के निर्देश पर जिला में तैनात 19 डयूटी मेजिस्ट्रेट पटाखा फैक्ट्रियों, स्टोर, बिक्री केन्द्रों का औचक निरीक्षण कर रहे हैं ताकि किसी भी स्थान पर कोई अप्रिय घटना घटित ना हो।
उपमंडलाधीश करनाल मुकुल कुमार ने आज हांसी रोड, शिव कालोनी व शहर के अन्य स्थानों पर पहुंचकर छापे मारे। इन छापों के दौरान कोई भी विवादित सामग्री नहीं मिली। फिर भी निरीक्षण का कार्य जारी है। टीमों द्वारा लोगों की शिकायतों पर घरों तक अवैध पटाखा सामग्री की जांच के लिए औचक निरीक्षण किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा इतना ही नहीं दीपावली के त्यौहार को देखते हुए सिविल सर्जन शिव कुमार की टीम भी शहर की मिठाईयों की दुकान पर अपनी नजर बनाए हुए है। उन्होंने लोगों से अपील की कि त्यौहार के दौरान मिठाई व पटाखों का कम से कम प्रयोग करें। त्यौहारों की मिठाई स्वास्थ्य के अनुकुल नहीं होती।
उन्होंने कहा कि इन टीमों के क्षेत्र बांटे गए हैं जिनमें पुलिस स्टेशन सिटी करनाल के क्षेत्र के लिए करनाल के नायब तहसीलदार व निसिंग के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी डयूटी मेजिस्ट्रेट होंगे। इसी प्रकार पुलिस स्टेशन सिविल लाईन करनाल के लिए करनाल के तहसीलदार व नीलोखेड़ी के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, पुलिस स्टेशन सदर करनाल क्षेत्र के लिए करनाल के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, पुलिस स्टेशन बुटाना क्षेत्र के लिए नीलोखेड़ी के तहसीलदार व निगदू के नायब तहसीलदार, पुलिस स्टेशन इंद्री क्षेत्र के लिए नीलोखेड़ी के तहसीलदार व खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी इन्द्री को डयूटी मेजिस्ट्रेट बनाया गया है।
इसी प्रकार पुलिस स्टेशन कुंजपुरा क्षेत्र के लिए नायब तहसीलदार इन्द्री, पुलिस स्टेशन घरौंडा क्षेत्र के लिए घरौंडा के तहसीलदार व खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी घरौंडा, पुलिस स्टेशन मधुबन क्षेत्र के लिए असंध के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी व नायब तहसीलदार घरौंडा, पुलिस स्टेशन निसिंग क्षेत्र के लिए असंध व निसिंग के नायब तहसीलदारों को तथा पुलिस स्टेशन असंध क्षेत्र के लिए तहसीलदार असंध व नायब तहसीलदार बल्ला को डयूटी मेजिस्ट्रेट बनाया गया है।
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मण्डियों में गत दिवस तक 3 लाख 37 हजार 444 मीट्रिक टन धान की आवक हो चुकी है
करनाल
जिला की विभिन्न मण्डियों में गत दिवस तक 3 लाख 37 हजार 444 मीट्रिक टन धान की आवक हो चुकी है जिसमें ग्रेड ए 3 लाख 27 हजार 528 मीट्रिक टन, सरबती 4 हजार 392 मीट्रिक टन तथा मुच्छल 2 हजार 202 मीट्रिक टन, बासमती 3 हजार 160 मीट्रिक टन व सामान्य 160 मीट्रिक टन धान शामिल है।
इस सम्बन्ध में जानकारी देते हुए उपायुक्त नीलम प्रदीप कासनी ने बताया कि जिला की विभिन्न मण्डियों में गत दिवस तक की आवक में से सरकारी एजैन्सी खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा एक लाख 43 हजार 512 मीट्रिक टन, हैफेड द्वारा एक लाख 17 हजार 255 मीट्रिक टन, एग्रो द्वारा 39 हजार 236 मीट्रिक टन, हरियाणा वेयर हाऊसिंग कार्पोशन द्वारा 16 हजार 715 मीट्रिक टन तथा कान्फेड द्वारा 3 हजार 982 मीट्रिक टन और मिलर्स व डीलर्स द्वारा 16 हजार 744 मीट्रिक टन धान, सरकार द्वारा निर्धारित समर्थन मूल्य पर खरीदी गई है।
उपायुक्त ने जिला की विभिन्न मण्डियों में अब तक की आवक के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि असन्ध मण्डी में 28 हजार 385 मीट्रिक टन, घरौंडा मण्डी मेें 26 हजार 255 मीट्रिक टन, इन्द्री मण्डी में 43 हजार 826 मीट्रिक टन, जुण्डला मण्डी में 20 हजार 350 मीट्रिक टन, करनाल मण्डी में एक लाख 14 हजार 643 मीट्रिक टन, कुंजपुरा में 19 हजार 287 मीट्रिक टन, नीलोखेड़ी मण्डी में 3 हजार 334 मीट्रिक टन, निसिंग में 33 हजार 446 मीट्रिक टन, निगदू मण्डी में 4 हजार 748 मीट्रिक टन, बल्ला मण्डी में 10 हजार 895 मीट्रिक टन, घीड़ मण्डी में 5 हजार 996 मीट्रिक टन , तरावड़ी मण्डी में 23 हजार 841 मीट्रिक टन व ब्याना मंडी में 2 हजार 438 मीट्रिक टन धान की आवक हुई है। जिसे सरकारी खरीद एजैन्सियों तथा मिलर्स व डीलर्स द्वारा खरीदा जा रहा है।
उपायुक्त नीलम प्रदीप कासनी ने जिला के किसानो से अपील की है कि वे नमीयुक्त धान को मण्डियों में लेकर नहीं आए बल्कि उसे सुखाकर व साफ करके लाए ताकि उन्हें उनकी फसल बेचने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन्होने यह भी अनुरोध किया कि किसान मंडियों में ओवरलोडिंग वाहन न लेकर आएं केवल ट्रैक्टर-ट्राली में उतना ही धान भरे जितनी उसकी क्षमता हो। ओवरलोडिंग वाहन से किसी भी अप्रिय घटना के घटित होने की संभावना बढ़ जाती है।
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