Sunday, October 9, 2011

व्यक्ति आयु से तो बुढा हो सकता है लेकिन मानसिकता से भी बुढा नही हो सकता है

करनाल सुरेश अनेजा 
             उपायुक्त नीलम पी. कासनी  आज शहर के सैक्टर-13 में स्थित डे केयर सैन्टर में वरिष्ट नागरिक परिषद हरियाणा के सौजन्य से आयोजित अन्तर्राष्ट्रीय वृद्धजन दिवस समारोह के अवसर पर वृद्धों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का समय चुनौती भरा है, हमें समाज में रहकर अपनी जडों को भी नहीं छोडऩा है और उड़ान भी भरनी है। इस कार्य को समाज में वरिष्ट नागरिक अपने अनुभव के कारण बेखुबी निभा सकते है। उन्होंने उपस्थित वरिष्ट नागरिकों में उर्जा का संचार करते हुए कहा कि व्यक्ति आयु से तो बुढा हो सकता है लेकिन मानसिकता से भी बुढा नही हो सकता है। वे अपनी काबलियत को लोगों की सेवा में लगाये। लोगों की सेवा को कभी बोझ मत समझे, हर परिस्थतियों का सामना निडर होकर करे ऐसी स्थिति में की गई सेवा जीवन को खुशहाल बनायेगी। उन्होंने वरिष्ट नागरिकों को कहा कि वे अपने जीवन के अनुभव को समाज की उन्नति में लगाये। इससे एक अलग प्रकार का अनुभव मिलेगा। सेवा करने से जीवन खुश, स्वस्थ व मस्त दिखाई देगा।
        श्रीमती कासनी ने हरियाणा भर से आये वरिष्ट नागरिकों से आग्रह किया कि वे अपनी इच्छा अनुसार सरकारी कार्यालयों में आने वाले लोगों की  सेवा करे। प्रशासन आपकी हर दिक्कतों के समाधान के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि जो भी वरिष्ट नागरिक ऐसी सेवा करना चाहता है तो वह अपना नाम भेज सकता है। प्रशासन द्वारा उनकी पहचान के लिए एक अलग रंग की टी-शर्ट दी जायेगी। जिस पर कर्मयोगी लिखा होगा। इसके माध्यम से अधिकारी उनके कार्य को प्राथमिकता से लेगे। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा वरिष्ट नागरिकों के लिए प्रत्येक जिले में डे केयर सैन्टर बनाये गये है और ग्रामीण क्षेत्र में भी शीघ्र ही ऐसी सुविधा दी जायेगी। उन्होंने कहा कि करनाल जिले में 55 कम्यूनिटी सैन्टर है। ग्रामीण क्षेत्र के हर गांव में 3 से 5 तक चौपाले बनाई गई है लेकिन रूढ़ीवादी विचारों के लोगों ने इन चौपालों को जातिवाद का नाम दिया जोकि गलत है। चौपाले किसी जाति व धर्म के लिए नही बनाई जाती बल्कि समाज के हर व्यक्ति के बैठने व आराम करने के लिए होती है। उन्होंने कहा कि प्रशासन द्वारा जिले में वृद्धों के लिए एल.पी.जी गैंस घर देने की सुविधा शुरू की है। वही बीपीएल परिवारों के वृद्धों के लिए मिलने वाली सुविधा भी घर पर ही दी जा रही है।
  उन्होंने वरिष्ट नागरिकों से एक सामाजिक अनुरोध किया कि समाज में चल रही कन्याभ्रूण हत्या पर अंकुश लगाने के लिए वे समाज में जाकर लोगों को जागरूक करे तथा इस बुराई से होने वाली दिक्कतों के बारे में जानकारी दे और कहे कि कुदरत के नियमों के साथ छेड़-छाड़ न करें लडक़ी को भी जन्म लेने दे ताकि सृष्टि का भी चक्कर चलता रहे। इसके लिए उपायुक्त ने कहा कि पूरे जिले में एक जन-आन्दोलन पिछले दो महिने से चल रहा है। प्रत्येक मास की 6 तारीख को सुबह 9 बजे एक मिनट के लिए सभी लोग अपने आपसे इस बुराई की रोकथाम के लिए वायदा करते है। उन्होंने कहा कि वरिष्ट नागरिक अपने अनुभव के अनुसार इस मुहिम को अधिक से अधिक जनता में पहुचाने का प्रयास करें। इस कार्यक्रम में सभी पदाधिकारियों ने अपने-अपने अनुभव सांझा किये और सरकार से मांग की बुढापा पैंशन 500 की जगह 2 हजार रूपये प्रतिमाह की जाये व बसों में महिलाओं की तर्ज पर किराये में 50 प्रतिशत की सुविधा दी जाये। हस्पतालों में अलग से वृद्धों की स्वास्थ्य जांच हो और भीड-भाड वाले स्थानों पर अलग से खिडकी की सुविधा दी जाये।
    इस कार्यक्रम की अध्यक्षता समाज सेवी कृष्ण गर्ग ने की। कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जिलों, प्रदेश व जोन स्तर के पदाधिकारियों ने भाग लिया। उपायुक्त ने सभी पदाधिकारियों को अपनी ओर से उन्हें शाल उठाकर सम्मानित किया। वहीं वरिष्ट नागरिक परिषद द्वारा आये अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर उपायुक्त ने आशीर्वाद स्मारिका का भी विमोचन किया।
    इस मौके पर जिला समाज कल्याण अधिकारी बलजीत सिंह ग्रेवाल, एस.के शर्मा, मनमोहन सिंह वालिया, पीसी गुप्ता, आर के कोहली, एसपी आर्य, एलआर चौधरी, आरबी जैन, जे आर कालडा, केके पासी, सतनाम कौर, देशराज गाबा, एसएस तलवार, रश्मि मान, एससी मनचन्दा, दीवान चन्द, डीआर लुथरा सहित विभिन्न कार्यकर्ता उपस्थित थे।

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