Sunday, October 9, 2011

बढ़ती हुई महंगाई के कारण किसान दिन प्रतिदिन कर्जे के बोझ में दबकर आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं:जयकुंवार


इन्द्री विजय काम्बोज
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय उपप्रधान जयकुंवार ने कहा कि बढ़ती हुई महंगाई के कारण किसान दिन प्रतिदिन कर्जे के बोझ में दबकर आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं। वे आज इन्द्री किसान भवन में किसान यूनियन की एक बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने राष्ट्रीय कृषि बीमा योजना थोपकर किसानों पर बहुत बड़ा बोझ रख दिया है। यदि यह योजना बंद नहीं की तो किसान बैंकों का लेनदेन बंद करने पर मजबूर हो जायेंगे। सरकार ने यह योजना लागू कर किसान विरोधी होने का परिचय दिया है। उन्होंने मांग की कि पीआर धान किस्म पर दो सौ रूपये बोनस दिया जाये और 1121 धान का रेट कम से कम तीन हजार रूपये क्विंटल व बासमती धान का मूल्य चार हजार रूपये प्रति क्विंटल दिया जाये। ताकि किसानों का फसल पर होने वाले खर्चे की पूर्ति हो सके क्योंकि आज के दिन बिजली,डीजल,डीएपी,यूरिया खाद व दवाइयों के रेट आसमान को छू रहे हैं। जिसकी वजह से किसानों को फसल तैयार करने में काफी लागत लगानी पड़ रही है। इस समय किसानों को अपनी फसल का उचित मूल्य न मिलने के कारण किसान बर्बादी के कगार पर खड़ा है। इस अवसर पर जिला प्रधान पृथ्वी सिंह,ब्लॉक करनाल प्रधान सूबे सिंह,रोशन लाल,अमर सिंह व ईश्वर सिंह आदि उपस्थित रहे।


चमत्कारों के पीछे आंतरिक शक्ति होती है:सुधांशु जी महाराज
करनाल विजय काम्बोज
 विश्व जागृति मिशन करनाल मंडल द्वारा मेरठ रोड़ स्थित पावन धाम आश्रम मेंआयोजित एक दिवसीय सत्संग सामारोह में लोक विख्यात संत सुधाशु जी महाराज ने श्री गणेश एवं भगवान शिव की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण करके सत्संग क ा श्री गणेश किया। उन्होंने कहा कि  जीवन का मार्ग लक्ष्य की ओर जाता है और व्यक्ति  उसमें विचलित ने हो यह परम आवश्यक  है। कुछ वस्तुएं जीवन में ऐसी होती है जिसे हम सभी पाना चाहते है। सभी सुखी व सफल होना चाहते है और पीड़ा व दुख से मुक्ति  चाहते है। सफलता क्या है? आनंद पूर्वक जीवन बिताना। आनंद लेना व परमानंद प्राप्त कर लेना ही जीवन का परम लक्ष्य है। मनुष्य सोचता है कि मेरा काम बन जाए, बच्चों की शादी हो जाए, उनकी नौकरी लग जाए, मेरा मकान बन जाए जिससे क£ी वह आनंदित हो जाए। आज के  युग में  आनंदित होने के  लिए भी शर्ते लगाई जाती है। व्यक्ति  के काम बनते जाते है और अगले काम दिखाई देते जाते है इन्हीं कामों में उलझने के कारण आनंद दूर जाता रहता है। व्यक्ति  को भूलना नहीं चाहिए कि  हर सफलता पिछली पीड़ा को भुला देती है। उन्होंने कहा कि  संसार में जो चमत्कार होते है उसके  पीछे आंतरिक शक्ति  होती है। जब दिमाग शांत होता है तो हम सही निर्णय ले लेते है। शांत दिमाग के  लिए एकाग्रता का होना जरूरी है। एक समय, एक ही काम एकाग्रता से करना चाहिए। यह मन का व्यायाम है। इससे पूर्व सुधाशु जी का माल्यार्पण करके मंडल के£ अध्यक्ष राजेन्द्र भारती, सोमदत्त सैनी , सुभाष वत्स, विजय गोयल, पदम सैन गुप्ता कृष्ण लाल भारती तथा जयसिंह ने स्वागत किया।  कार्यक्रम में सुरेन्द्र मोहन गाबा , ओमप्रकाश ग्रोवर , अश्वनी सुनेजा, सुरेश बहेती, रमेश कत्याल, विशाल जोशी, प्रदीप राजपूत, सुशील भट्ट कृ ष्ण शर्मा भी उपस्थित थे।





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