सुरेश अनेजा करनाल
आज हमारा देश चाहे बुलंदियों को छू रहा है साइंस विज्ञान ने तरक्की चाहे कितनी भी कर ली है फिर भी हमारे समाज में अंध विश्वास को नहीं दूर किया जा सका है । आज भी हमारे समाज में कई मान्यताओं के चलते कई त्यौहार व रीति रिवाज पुराने तरीकों पर ही चल रहे हैं ! ऐसा ही एक अंध विश्वास या डर के चलते करनाल के गाँव कतलाहेडी में महिलाएं करवा चौथ का व्रत नहीं रखती हैं ! और इस परम्परा को आज काफी साल हो गए हैं कि महिलाएं करवा चौथ को अपने पति की लम्बी उमर के लिए यह व्रत नहीं रख सकती हैं ।
गाँव के बुजुर्गों का कहना है की यहाँ पर एक महिला ने करवा चौथ के दिन अपने पति की मौत के बाद सती हो गई थी उसने करवा चौथ का व्रत रखा हुआ था , करवा चौथ के दिन ही उसके पति की मौत हुई थी ! जिस के कारण उस महिला ने गाँव में करवा चौथ का व्रत न रखने की हिदायत दी थी जिस को आज तक गाँव वाले लोग व महिलाये मानते चले आ रहे हैं ! जबकि उस महिला को मरे हुए काफी साल हो चुके हैं फिर भी महिलाएं किसी अनहोनी के डर से यह व्रत नहीं रखती हैं ! महिलाओं में इस बात का डर भी है की वह अगर व्रत रखेंगी तो उनके पति या बच्चों को कुछ हो जायेगा जिस के कारण वह दिल करते हुए भी व्रत नहीं रखती हैं ! मन में इस चाहत को दबाये रखना उनकी मजबूरी है क्योंकि उनके बुजुर्ग भी नहीं इस परम्परा को तोडऩे देते ! बड़े बुजुर्गों का व अंध विश्वास का डर उनको कचोट ता रहता है ।
गाँव की ममतेश का कहना है की उसे इस गाँव में शादी कराए काफी साल हो गए हैं आज तक उसने करवा चौथ का व्रत नहीं रखा है उसका दिल भी करता है फिर भी वह अपने पति की लम्बी उम्र के लिए व्रत नहीं रख सकती ! गाँव की बड़ी बुजुर्ग महिलाये भी उनको इस व्रत का डर व कुछ हो जाने की बात कह मना कर देती हैं !
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