Friday, October 7, 2011

निलंबित बिजली कर्मियों को लेकर युनियन ने दी चेतावनीost title




घरौंडा प्रवीन सोनी/तेजबीर 
     एचएसईबी वर्करज यूनियन के बैठक बिजली बोडऱ् कार्यालय में सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता युनिट के प्रधान विनोद जिंदल ने की। 
बैठक में निसिंग सब डिविजन में छह कर्मचारियों के निलंबन के  आदेश को बेबुनियाद करार दिया और कहा कि अधिकारी कर्मचारियों के साथ बदले की भावना से कार्य कर रहे है। उन्होंने कहा कि युनिट के सभी निलंबित कर्मचारियों को बहाल किया जाए । अन्यथा युनियन बिजली अभियंता के खिलाफ आंदोलन करने पर मजबूर होगी। उन्होंने कहा कि  युनियन के कर्मचारी सात अक्तूबर को इसका विरोध प्रदर्शन करेंगे और 10 अक्तूबर को जो प्रदेश के जिस भी कार्यालय में एमडी जाएंगे उसका घेराव करेंगे। 
इस मौके पर कुलदीप सिंह, तेजबीर सिंह, राधेश्याम, नंद किशोर, बलजीत सिंह, सुरेश कुमार, रमेश कुमार सहित अन्य वर्कर मौजूद रहे।
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बीज विक्रेता की लापरवाही के कारण किसान की फसल खराब
प्रवीन सोनी घरौंडा(करनाल)
     बीज विक्रेता की लापरवाही के कारण गांव पूंडरी के एक किसान के करीब दो एकड़ में खड़ी गोभी की फसल बिलकुल नष्ट हो गई। किसान का आरोप है कि बीज विक्रेता ने उसको गलत बीज दे दिया। जिससे उसका लाखों रूपए का नुकसान हो गया। किसान द्वारा इसकी बार बार शिकायत करने के बाद भी इसका कोई हल नही हुआ। पीडि़त कि सान ने पूरे मामले की शिकायत जिला  उपायुक्त को करते हुए न्यायालय में जाने का मन बनाया है। 
गांव पूंडरी के किसान बागाराम ने जिला उपायुक्त से  शिकायत की है कि उसने करनाल की एक फर्म से मई माह में गोभी का बीज खरीदा था और उसने यह गोभी का बीज अपनी दो एकड़ भूमि में बो दिया। लेकिन जब उसकी फसल पर गोभी के फूल नही आए तो उसकी चिंता बढ़ गई। उसने इस बारे मेंं  बीज फार्म में संपर्क किया। जिससे यह पता चला कि जो गोभी का बीज उसे दिया गया है वह इस मौसम में नही बोया जा सकता। यह बीज फर्म मालिक द्वारा उसको गलत दे दिया है। यह सुनकर जब पीडि़त किसान स्थित उक्त फर्म मालिक के पास गया तो फर्म मालिक ने मौके पर किसी अधिकारी को भेजकर निरीक्षण करने की बात कही। लेकिन कई दिन बीत जाने के  बाद भी उसकी फसल को देखने तक नही आया। 
               गांव पुण्डरी में नष्ट हुई गोभी की फसल को दिखाता किसान बागा राम|छाया तेजबीर 
पीडि़त किसान बागाराम ने बताया कि उसने यह दो एकड़ भूमि तीस हजार प्रतिएकड़ के हिसाब से ठेके पर ली थी और इसके उपर बीज व दवाई इत्यादि में करीब तीस हजार रूपए खर्च कर दिए थे जो अब फसल न उग पाने के कारण पानी में मिल गए है और उसका दो लाख रूपये का नुकसान हो गया है।  पीडित किसान ने फर्म मालिक के खिलाफ कानुनी कार्यवाही करते हुये मुआवजा दिलाने की मांग की है। 

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