करनाल, ब्यूरो
आध्यात्मिक गुरु श्रीश्री रविशंकर ने हिंदू आतंकवाद पर जारी बहस को बेमानी करार दिया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों की हरकत को हिंदू आतंकवाद का नाम नहीं दिया जाता। इससे पाकिस्तान को मजबूती मिलती है। महाप्रलय से दुनिया के खत्म होने की भविष्यवाणियों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि वे इस मसले पर ज्योतिषियों के बजाय वैज्ञानिकों के साथ जाना पसंद करेंगे। सावित्री लॉन में आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्रीश्री रविशंकर साधकों से रूबरू हुए। उसके बाद उन्होंने लिबर्टी हाउस में पत्रकारों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जापान में आई प्राकृतिक आपदा पर चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि लोगों को प्राकृतिक संरक्षण पर ध्यान देना होगा। तभी जाकर इस तरह की आपदाओं से दूर रहा जा सकता है। हिंदू आतंकवाद पर जारी बहस पर कहा कि कुछ लोगों की हरकत को यह नाम नहीं दिया जा सकता। तिल को ताड़ बनाने से बाज आना चाहिए, क्योंकि इससे पाकिस्तान के मनसूबों को मजबूती मिलती है।
नक्सलवाद को खत्म करने के लिए सेना के इस्तेमाल पर श्रीश्री रविशंकर ने कहा कि यह आतंरिक मामला है। नक्सलवाद का खात्मा बातचीत के माध्यम से संभव है। इस दिशा में प्रयास भी किए जा रहे हैं। उन्होंने काले धन को वापस लाने की मुहिम को जायजा बताया। उन्होंने कहा कि अध्यात्म में भारत पूरी दुनिया में छाया हुआ है, तो साथ ही आइटी के क्षेत्र में भी देश का लोहा पूरा वर्ल्ड मानता है। देश के विकास के लिए अधिक से अधिक मल्टीनेशनल कंपनियों को आना चाहिए। इससे देश का विकास तेजी से होगा। श्रीश्री रविशंकर ने सुपर मून से दुनिया में महाप्रलय आने की ज्योतिषियों की राय और वैज्ञानिकों के उसे नकारने पर कहा कि वह इस मसले पर विज्ञान के साथ जाएंगे। उन्होंने कहा कि दुनिया में खत्म होने का सवाल ही नहीं उड़ता है। लिबर्टी के निदेशक शम्मी बसंल, रमन बंसल, आर्ट ऑफ लिविंग सरू बंसल आदि ने उनका स्वागत किया।
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