यमुनानगर, (कुलदीप सैनी)
करीब पौने चार साल पहले लापता हुआ कृष्णा हरिद्वार के एक होटल में काम करता मिला। पुलिस ने मोबाइल लोकेशन के आधार पर कृष्णा को बरामद किया। शुक्रवार को पुलिस ने कोर्ट में उसके बयान दर्ज कराए व उसकी बुआ के साथ घर भेज दिया।
कृष्णा ने अपनी बुआ सोनिया को बताया कि उसने अपनी इच्छा से घर छोड़ा था। गौरतलब है कि वह सरोजनी कालोनी में मुंकद लाल पब्लिक स्कूल में सातवीं कक्षा का छात्र था। इस दौरान वह गलत संगत में पड़ गया। स्कूल न जाकर वह जन स्वास्थ्य विभाग के ट्यूबवेल में समय व्यतीत करने लगा। सरोजनी कालोनी निवासी कृष्णा 27 जुलाई को घर से स्कूल के लिए गया था, परंतु वह वापस नहीं लौटा। उसका बैग व साइकिल चार माह बाद जन स्वास्थ्य विभाग के ट्यूबवेल से बरामद हुआ। इसी पर उनका शक कर्मचारियों की तरफ घूम गया। उन्होंने कर्मचारियों के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी। पुलिस ने तीनों कर्मचारियों के खिलाफ अगवा करने के आरोप में केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी, लेकिन पुलिस के हाथ कोई सफलता नहीं लगी। जिला पुलिस ने जब मामले को गंभीरता से नहीं लिया तो मामला स्टेट क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया, लेकिन कृष्णा का कोई सुराग नहीं लगा। लंबे अरसे बाद लौटे कृष्णा ने बताया कि 27 जुलाई 2007 को घर छोड़ते वक्त उसकी जेब में मात्र 250 रुपये थे। वह हरिद्वार में जाकर एक होटल में काम पर लगा। दो दिन पूर्व सीआइए से किया संपर्क
कृष्णा की बुआ सोनिया ने बताया कि उनका पुराना ही मोबाइल नंबर चल रहा है। दो दिन पूर्व कृष्णा ने उनके मोबाइल पर मैसेज भेजा। एक बार बात भी की। उन्होंने फोन पर कृष्णा की आवाज को पहचान लिया, लेकिन कृष्णा ने अपना पता नहीं बताया। सोनिया ने सीआइए स्टाफ में संपर्क किया। सीआइए ने मोबाइल नंबर के आधार पर लोकेशन ली। इसी आधार पर पुलिस सोनिया के साथ हरिद्वार गई। वहां से उसे यमुनानगर लेकर आए। मामले की जांच कर रहे सीआइए स्टाफ के एएसआइ रमेश कुमार ने बताया कि कृष्णा के ब्यान कोर्ट में दर्ज कराकर उसे परिजनों के हवाले कर दिया।
गम में मां की हो गई मौत
सोनिया ने बताया कि कृष्णा के घर से जाने के बाद उसकी मां तनाव में रहने लगी। कृष्णा के जाने का गम उनके दिल में घर कर गया। उनकी एक वर्ष बाद मौत हो गई। उसके पिता नरेश भी बीमार रहते हैं। वह भी इन दिनों बैड पर ही हैं।
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