करनाल
प्रदेश के राजस्व मंत्री सतपाल सांगवान ने नीलोखेड़ी तहसील कार्यालय का बुधवार को निरीक्षण किया। उन्हें उस समय झटका लगा, जब तहसीलदार सहित अधिकतर कर्मचारी नदारद मिले। उनके दौरे के भनक लगते ही कर्मचारी कार्यालय की ओर दौड़ पडे़, लेकिन तब तक वे कार्यालय से जा चुके थे। अंबाला से चरखी दादरी जाते समय राजस्व मंत्री सतपाल सांगवान ने सुबह साढे़ 10 बजे अपना काफिला नीलोखेड़ी तहसील कार्यालय की ओर मोड़ दिया। उन्होंने तहसीलदार का पता किया, तो वे कार्यालय में नहीं थे और न ही नायब तहसीलदार थे। कानूनगो भी नदारद। कई कर्मचारी कार्यालय से गायब। यह स्थिति देखकर सांगवान चकरा गए।
उन्होंने कार्यालय में लोगों से बातचीत की, तो पहले किसी ने भी उन्हें पहचाना नहीं है, लेकिन जैसे ही पता चला कि राजस्व मंत्री निरीक्षण पर हैं, तो कार्यालय में हड़कंप मच गया। उन्होंने लोगों से कार्यालय के अधिकारियों और कर्मचारियों के कामकाज के इस रवैये की जानकारी हासिल करने के साथ ही पूछा कि काम कराने के लिए उनसे सुविधा शुल्क तो नहीं लिया जाता। इस पर लोगों ने कर्मचारियों को क्लीन चिट देते हुए कहा कि उन्हें किसी काम में कोई दिक्कत नहीं आती। खैर लोगों ने भले ही उन्हें कर्मचारियों के कामकाज के लिए संतुष्टि जाहिर कर दी हो, लेकिन राजस्व मंत्री अधिकारियों की अनुपस्थित से खासे नाराज दिखाई दिए। उन्होंने इस स्थिति से उपायुक्त नीलम प्रदीप कासनी को भी अवगत कराया।
राजस्व मंत्री के निरीक्षण की खबर मिलते ही कर्मचारी कार्यालय में जुटने शुरू हो गए, लेकिन तब तक वे जा चुके थे। करीब 15 मिनट उन्होंने तहसील कार्यालय में बिताए। नायब तहसीलदार रामधन ने बताया कि वे कार्यालय के कामकाज के सिलसिले में जिला सचिवालय में गए थे, जबकि तहसीलदार सतीश यादव भी विभागीय कामकाज को पूरा करने सचिवालय में मौजूद रहे। कार्यालय में कर्मचारियों की उपस्थिति पूरी थी।
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