राजौंद,
अध्यापिका द्वारा अपने ही छात्र से ब्याह रचाने का अनोखा मामला यहां देखने को मिला है। डेढ़ महीने से गायब इस प्रेमी युगल ने विवाह कर लेने के बाद पुलिस सुरक्षा प्राप्त कर ली है। अब ये दोनों पुलिस सुरक्षा के साथ सेफ हाउस में रह रहे हैं।
जानकारी के अनुसार गांव खुरड़ा निवासी संदीप कुमार समालखा में सेल कम्प्यूटर सेंटर पर कम्प्यूटर का बेसिक कोर्स कर रहा था। इसी दौरान संदीप को पढ़ाने वाली कम्प्यूटर टीचर मनीषा के साथ नजदीकियां बढ़ती गई और उन्होंने एक साथ जीने मरने की कसमें खा लीं। दोनों ने विवाह करने का फैसला कर लिया। मनीषा ने संदीप से प्रेम होने व उससे शादी करने की बात अपने पिता कृष्ण व चाचा श्रीभगवान को बताई लेकिन उसके परिवारवालों ने इस विवाह से साफ मना कर दिया। इतना ही नहीं परिजनों ने मनीषा की संदीप के साथ शादी करने की अपेक्षा उसकी शादी जल्द ही किसी अन्य जगह पर शादी करने की बात कही। मनीषा ने यह बात संदीप को बताई। इसके बाद 8 फरवरी को मनीषा गांव छोड़कर सोनीपत में रह रही अपनी बहन के पास आ गई। 14 फरवरी को मनीषा संदीप के साथ फरीदाबाद चली गई। यहां एक माह रहने के बाद संदीप व मनीषा ने 18 मार्च को चंडीगढ़ उच्च न्यायालय में शादी करने के बाद सुरक्षा की मांग की। इस पर न्यायालय की तरफ से हरियाणा सरकार एवं पुलिस अधीक्षक कैथल व थाना प्रभारी राजौंद को उक्त प्रेमी जोड़े को सुरक्षा मुहैया करवाने के आदेश दिए गए। संदीप ने बताया कि वह 24 मार्च को भी राजौंद के थाना प्रभारी से मिला था। थाना प्रभारी ने उन्हें जिला पुलिस अधीक्षक से मिलने की बात कही थी, जिससे संदीप व उसकी पत्नी मनीषा एस.पी कैथल के सम्मुख पेश हुए व सुरक्षा की मांग की। पुलिस अधीक्षक कैथल ने तुरंत प्रेमी जोड़े को सुरक्षा प्रदान कर दी। इस बारे में पुलिस कप्तान सिमरदीप सिंह ने बताया कि न्यायालय के आदेशों के अनुसार मौके पर ही प्रेमी जोड़े को सुरक्षा में एक एस.एस.आई जोगेंद्र सिंह व महिला कांस्टेबल निर्मल को नियुक्त कर सेफ हाउस भेज दिया गया है।
अध्यापिका द्वारा अपने ही छात्र से ब्याह रचाने का अनोखा मामला यहां देखने को मिला है। डेढ़ महीने से गायब इस प्रेमी युगल ने विवाह कर लेने के बाद पुलिस सुरक्षा प्राप्त कर ली है। अब ये दोनों पुलिस सुरक्षा के साथ सेफ हाउस में रह रहे हैं।
जानकारी के अनुसार गांव खुरड़ा निवासी संदीप कुमार समालखा में सेल कम्प्यूटर सेंटर पर कम्प्यूटर का बेसिक कोर्स कर रहा था। इसी दौरान संदीप को पढ़ाने वाली कम्प्यूटर टीचर मनीषा के साथ नजदीकियां बढ़ती गई और उन्होंने एक साथ जीने मरने की कसमें खा लीं। दोनों ने विवाह करने का फैसला कर लिया। मनीषा ने संदीप से प्रेम होने व उससे शादी करने की बात अपने पिता कृष्ण व चाचा श्रीभगवान को बताई लेकिन उसके परिवारवालों ने इस विवाह से साफ मना कर दिया। इतना ही नहीं परिजनों ने मनीषा की संदीप के साथ शादी करने की अपेक्षा उसकी शादी जल्द ही किसी अन्य जगह पर शादी करने की बात कही। मनीषा ने यह बात संदीप को बताई। इसके बाद 8 फरवरी को मनीषा गांव छोड़कर सोनीपत में रह रही अपनी बहन के पास आ गई। 14 फरवरी को मनीषा संदीप के साथ फरीदाबाद चली गई। यहां एक माह रहने के बाद संदीप व मनीषा ने 18 मार्च को चंडीगढ़ उच्च न्यायालय में शादी करने के बाद सुरक्षा की मांग की। इस पर न्यायालय की तरफ से हरियाणा सरकार एवं पुलिस अधीक्षक कैथल व थाना प्रभारी राजौंद को उक्त प्रेमी जोड़े को सुरक्षा मुहैया करवाने के आदेश दिए गए। संदीप ने बताया कि वह 24 मार्च को भी राजौंद के थाना प्रभारी से मिला था। थाना प्रभारी ने उन्हें जिला पुलिस अधीक्षक से मिलने की बात कही थी, जिससे संदीप व उसकी पत्नी मनीषा एस.पी कैथल के सम्मुख पेश हुए व सुरक्षा की मांग की। पुलिस अधीक्षक कैथल ने तुरंत प्रेमी जोड़े को सुरक्षा प्रदान कर दी। इस बारे में पुलिस कप्तान सिमरदीप सिंह ने बताया कि न्यायालय के आदेशों के अनुसार मौके पर ही प्रेमी जोड़े को सुरक्षा में एक एस.एस.आई जोगेंद्र सिंह व महिला कांस्टेबल निर्मल को नियुक्त कर सेफ हाउस भेज दिया गया है।
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