रादौर, (कुलदीप सैनी)
: गांव चमरोड़ी में एक किसान के गन्ने के खेत में राष्ट्रीय पक्षी मोर क पंख अधिक मात्रा में मिलने से मोर को मारने कि आंशका जताई जा रही है। खेत में मिले पंख मोरनी के बताए जा रहे है। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव के नजदीक स्थित एक ईंट भठे पर काम करने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोगों ने मोरनी का शिकार कर उसे खा लिया है। ग्रामीणों का कहना है कि पहले भी ये लोग तित्तर आदि का शिकार कर उसे खाते है। जिन्हें कई बार रोका गया है। ग्रामीणों ने मामले की सूचना रादौर पुलिस को दे दी है। पुलिस ने ग्रामीणों की शिकायत पर मामले की छानबीन शुरू कर दी है।
गांव चमरोड़ी निवासी किसान नरेश ·कुमार ने बताया कि वीरवार को सुबह जब वे अपने खेत में आए तो उन्हें गांव के नजदीक स्थित ईंट भट्ठे पर काम करने वाले अल्पसंख्यक समुदाय के कुछ लोग घुमते दिखाई दिए। जब उन्होंने इन लोगों को आवाज लगाई तो वे डर कर वहां से भाग गए। तब उन्हें मामला कुछ अजीब लगा। उन्होंने गन्ने के खेत में जाकर देखा तो वहां पर मोर व मोरनी के पंख बिखरे पड़े थे। गन्ने के अंदर जा कर देखा तो वहां पर भी मोर के पंख व गेंहू के कुछ दाने पड़े हुए थे। तब उन्हें समझ आया कि इन लोगों ने मोरनी को मार दिया है। तभी ये डर कर भागे है। गांव के जयपाल, राम कुमार व रामरत्तन ने बताया कि ग्रामीणों ने ईंट के भट्ठे पर काम करने वाले इन लोगों को पहले भी खेतों में शिकार करते देखा गया है। ये लोग तित्तर का शिकार करते थे। तित्तर का शिकार करने के लिए उन्होंने एक अन्य काले तित्तर को भी अपने पास पाला हुआ है। इस त्तितर को ये लोग पिंजरे में बंद कर खेत में रख देते है। जब अन्य तित्तर इसके पास आता है तो वह इनके बिछाए जाल में फंस जाता है। लेकिन अब इन लोगों ने मोर का शिकार करना भी प्रारंभ कर दिया है। उन्होंने बताया कि दो से तीन माह पहले गांव कि खेतों में लगभग 8-9 मोर घूमतें दिखाई देते थे। लेकिन अब एक या दो मोर ही यहां पर दिखाई दे रहे है। उन्हें शक है कि मोरों का शिकार कर उन्हें खा लिया गया है। वीरवार की सुबह जब उन्हें मोर के मारने की बात पता चली तो उन्होंने तुरंत रादौर पुलिस को इस की सूचना दी। एएसआई महिन्द्र सिंह ने मौके का मुआयना भी कर लिया है। उधर रादौर पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामले की जांच शुरू क्रर दी है। एएसआई महिन्द्र सिंह ने बताया की अभी मामला पूरी तरह से साफ नहीं हो पाया है। क्योंकि उन्हें सिर्फ पंख ही मौके पर मिले है। अगर आरोप तय होता है तो वन्य प्राणी विभाग के अधिकारियों को इसकि सूचना देकर मामला उन्हें सौंप दिया जाएगा। राष्ट्रीय पक्षी को मारने पर मिलती है कड़ी सजाअगर किसी व्यक्ति को राष्ट्रीय पक्षी को मारने का दोषी पाया जाता है तो उसके विरूद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई कि जाती है। मोर को मारने पर 25 हजार रूपये जुर्माना व सात साल कि सजा हो सकती है। उन्होंने कहा हलाकि मामला अभी उनके संज्ञान में नहीं आया है। मामले पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
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