Friday, April 29, 2011

बच्चों की जिन्दगी से खेल रही स्कूल बसें

रादौर, 29अप्रैल (कुलदीप सैनी) 
हादसा यमुनानगर में हुआ और आहट देश के  कोने कोने में सुनाई दी। दर्दनाक  यह हादसा किस की  लापरवाही की  देन था यह तो छानबीन के  बाद ही पता चल पायेगा। लेकिन  इस प्रकार के  अन्य हादसों की  आहट रादौर में भी सुनाई दे सकती है। रादौर के  अनेक  स्कूलों  की  बसों की  स्थिति पर अगर नजर डाले तो स्थिति साफ तौर पर खतरें की  घंटी बजाती नजर आती है। लेकिन  अपने  तुच्छ स्वार्थ में अंधे संचालको  को  यह सब दिखाई नहीं दे रहा है। इसलिए तो स्कूलों  की  बसों  व वैनों को  खचाखच भरकर सड़को  पर दौड़ाया जा रहा है। छुट्टी के  समय तो स्थिति उस सतय और भी गंभीर हो जाती है, जब अध्यापको  को  भी इन्हीं बसों के  द्वारा उनके  गंतव्य तक  छोड़ा जाता है। जबकि  ये बसे पहले से ही बच्चों से खचाखच भरी होती है। अगर प्रशासन ने जल्द ही इस पर कोई सख्त नियम लागू नहीं किए तो गंभीर परिणाम सामने आ स·ते है।
        स्कूल  संचालक  अभिभावको  से बस सुविधा के  नाम पर मोटी कमाई तो कर रहे है। लेकिन  अभिभावको  द्वारा दी गई इस रकम का  पूरा फायदा उन्हें नहीं दिया जा रहा है। स्कूल  संचालक  अपनी मनमर्जी से आवयकता से अधिक  बच्चे बसों में भरकर उन्हें उनके  घर तक  पहुंचा रहे है। दोपहर के  समय गर्मी अधिक  होने के कारण बच्चों का  इतनी भीड़ में सांस लेना भी मुश्किल होता है। लेकिन  स्कूल  संचालको  का  इस ओर कोई ध्यान नहीं है। बच्चों से लदी ये बसे कभी  भी ड्राइवर द्वारा नियंत्रण खो देने से कई जिंदगियों को  अपनी चपेट में ले सकती है। लेकिन  स्कूल  संचालको के  साथ साथ अभिभावको  को  भी इसका  कसूरवार कहा जाए तो कुछ गलत नहीं होगा। क्योंकि  अभिभावक कभी इस बारे में स्कूल  संचालको को  शिकायत तक  नही  करते। जिस कारण उनके  हौंसले इतने बुलंद हो चुके  है। कमाई के  चक्कर में संचालक  सीधे सीधे बच्चों की  जिंदगी से खेल रहे है। इतना ही नहीं अगर प्रशासन नियामानुसार जांच करे तो कई प्रकार की  बाते सामने आ सकती है। जो बच्चों के  लिए हानिकारक  सिद्ध होती है। नियमों का  ताक पर रखकर स्कूल  संचालक  बेखौफ अपने इस कार्य को  अंजाम दे रहे है। लेकिन  प्रशासन को  कोई ध्यान इस ओर नहीं है। अभिभावक महावीर, कृष्ण, संजीव व बलराज ने प्रशासन से मांग की  है कि  स्कूल  संचालको  की  बसों की  समय समय पर जांच की  जाए। बस के  ड्राइवरों की  योग्यता को  भी परखा जाए। ताकि  हादसों पर नियंत्रण रखा जा सके । साथ ही जो स्कूल  संचालक  बच्चों को  आवश्यकता से अधिक  बसों में सवार कर रहे हो उनके  खिलाफ भी उचित कार्रवाई की  जाए। ताकि  जगाधरी-पावंटासाहिब मार्ग पर हुआ हादसा फिर से न दोहराया जाए।





   

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