करनाल
दिल्ली क्षेत्र से अपहरण करने बाद हत्या कर घरौंडा क्षेत्र में शव डालने के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं। घरौंडा क्षेत्र में इस प्रकार के शवों के मिलने से क्षेत्रवासियों में दहशत बढ़ती जा रही है, जबकि पुलिस प्रशासन पर भी उगलिया उठनी शुरू हो गई हैं।
जनवरी, 2010 में अराईपुरा रोड पर एक मारुति कार में दिल्ली निवासी चिकित्सक श्रीमल राय के पुत्र राजू राय का अपहरण कर उसको चाकुओं से गोदकर हत्या की गई थी। उसके बाद जनवरी, 2011 को पनौंडी रोड पर राजेंद्र नामक जमींदार के खेत में एक महिला और बच्चे का शव मिला था। महिला की गला रेत कर हत्या की गई थी, जबकि बच्चे को गला दबाकर मारा गया था। दोनों की पहचान रूली बीबी और कश्रूम के रूप मे हुई थी। दोनों मा-बेटे थे। दोनों ही पश्चिम बंगाल से आकर काफी समय से दिल्ली में रह रहे थे। कुछ दिन पूर्व घरौंडा के अलीपुरा रोड पर कोहड़ के पास के मिले शव की पहचान दिल्ली के गणेश नगर निवासी भरत यादव के रूप में हुई है। घरौंडा क्षेत्र में अज्ञात शवों के मिलने की यह तीसरी घटना है। हालाकि कुछ ही समय पश्चात तीनों घटनाओं का खुलासा हो गया, लेकिन दिल्ली या इसके आसपास के क्षेत्र से युवकों को अपहरण कर उनकी हत्या करने के बाद घरौंडा क्षेत्र में फेंकने से क्षेत्रवासियों में दहशत बढ़ती जा रही है। लोगों का कहना है कि शवों के क्षेत्र में मिलने से क्षेत्र की बदनामी होती है, जबकि शव जिस खेत या उनके आसपास मिलते है, उसको पुलिस अनावश्यक रूप से तंग करती है। क्षेत्र में मिल रहे शवों से पुलिस की कार्यकुशलता पर भी सवालिया निशान लग रहा है। पुलिस को अपने क्षेत्र में लिंक रोड पर रात्रि गश्त बढ़ा देनी चाहिए और संदिग्ध वाहनों की चेकिंग की जानी चाहिए।
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