Tuesday, April 26, 2011

डिच ड्रेन में छोड़ा जा रहा शहर का गंदा पानी

रादौर,26अप्रैल कुलदीप सैनी 
न्यायालय द्वारा पश्चिमी यमुनानहर में गंदा पानी न छोड़े जाने के  आदेशों के  बावजूद पिछले कई माह से पश्चिमी यमुनानहर में यमुनानगर व जगाधरी का  गंदा पानी छोड़ा जा रहा है। जिस कारण इस गंदे पानी की  निकासी के  लिए पश्चिमी यमुनानहर के  साथ साथ बनाई गई डिच ड्रेन विभाग द्वारा करोड़ो रूपया खर्च करने के  बाद भी मात्र एक  दिखावा बनकर रह गई है। जिला यमुनानगर की  औद्योगिक  इकाईयों व शहर का  गंदा पानी इस डिच ड्रेन में छोड़ा जाना था। लेकिन  आजकल पश्चिमी यमुनानहर में ही गंदा पानी छोड़ जा रहा है। गंदे पानी के  नहर में छोड़े जाने से साथ  लगते गांवो के  लोगों को  गंदे पानी की  बदबू का  सामना करना पड़ रहा है। विभागीय अधिकारियों की  माने तो हमीदा के  पास डिच ड्रेन  के  क्षतिग्रस्त हो जाने से ऐसा करना पड़ा है।
करोड़ों रूपया खर्च कर बनाई गई थी डिच ड्रेन-न्यायालय द्वारा पश्चिमी यमुनानहर में औद्योगिक  ईकाईयों व शहर का  गंदा पानी न छोडे जाने के  आदेश विभाग को  दिए गए थे। जिसके  बाद विभाग ने पश्चिमी यमुनानहर के  साथ साथ हमीदा से धनौरा हैड़ तक 60 क्यूसक  की  क्षमता वाली डिच ड्रेन का  निर्माण किया था। ताकि  गंदा पानी इस डिच ड्रेन में डाला जा सके । डिच ड्रेन  के  निर्माण पर विभाग द्वारा लगभग चार करोड़ रूपये खर्च किए गए थे। लेकिन करोड़ो रूपया खर्च करने के  बाद भी विभाग डिच ड्रेन को  अमल में नहीं ला सका ।

देखने को  मिल रहे है कई दुष्प्रभाव-पश्चिमी यमुनानहर में गंदा पानी छोड़े जाने से इसके  कई दुष्प्रभाव सामने आ रहे है। गंदे पानी से आसपास के  गांवों के  हैंडपम्पों में शोरायुक्त पानी आ रहा है। साथ ही गंदे पानी की  बदबू इतनी भयानक  है कि  लोगों का  जीना दुस्वार हो गया है। गंदे पानी की  वजह से मक्खी व मच्छरों की  भरमार भी हो रही है। जिससे कई प्रकार की  गंदी बिमारियां फैलने का  खतरा लगातार बना हुआ है। अगर जल्द ही विभाग द्वारा इस पर कोई कार्रवाई नहीं की  गई तो भयंकर परिणाम सामने आ सकते है।

धार्मिक  भावनाएं भी हो रही है आहत-पश्चिमी यमुनानहर में गंदा पानी छोड़े जाने से क्षेत्र के  लोगों की  धार्मिक  भावनाएं भी आहत हो रही है। बताया जाता है कि  पहले इस नहर में कई धार्मिक  उत्सवों पर लोग स्नान कर पुण्य के  भागीदार बनते थे। गंगा दशहरे के  अवसर पर भी क्षेत्र के  लोगों द्वार इस नहर में स्न्नान किया जाता था। लेकिन जब से नहर का  पानी गंदा होना शुरू हुआ है तब से लोगों ने यहां पर धार्मिक  कार्य करने बंद कर दिए है। नहर के  साथ कई गांवो में मंदिर भी बने हुए है। जहां पर आने वाले श्रद्धालुओं को  नहर की  गंदी बदबू का  सामना करना पड़ता है। 

कहां से आता है गंदा पानी-पश्चिमी यमुनानहर में छोड़ा जा रहा गंदा पानी यमुनानगर व जगाधरी के  गंदे नालों का  है। इसके  अलावा हमीदा में लगे हुए ट्रीटमेंट प्लांट व शहर की  औद्योगिक  ईकाईयों का  गंदा पानी भी इसी में छोड़ा जा रहा है। इस गंदे पानी में कई प्रकार का  खतरनाक कैमिकल मिला होता है। जो मानव शरीर के  लिए नुकसानदायक  होता है।

जल्द कर दिया जाएगा समाधान-नहरी विभाग के  एसडीओं नरेश चोपड़ा से जब इस बारे फोन पर बात की  गई तो उन्होंने कहा कि  डिच ड्रेन हमीदा के  पास से क्षतिग्रस्त हो गई थी। जिस कारण गंदे पानी को  पश्चिमी यमुनानहर में डालना पड़ा। लेकिन डिच ड्रेन की  मुरम्मत का कार्य लगभग पूरा हो गया है। तकरीबन दो या तीन दिनों तक  डिच ड्रेन को  चालू करवा कर इस समस्या का  समाधान कर दिया जाएगा।

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