इन्द्री ,सुरेश अनेजा
जनेसरो गांव में ग्रामीण लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत की अध्यक्षता न्यायाधीश पुनीत सहगल ने की। अदालत में तीन सिविल केस और अदालत की अवमानना से संबंधित एक केस का फैसला दोनों पक्षों की आपसी सहमति पर कराया गया। इंद्री के तहसीलदार अश्विनी गंभीर ने 65 लोगों के इंतकाल दर्ज किए।
इंद्री की बार एसोसिएशन के प्रधान अशोक चौहान ने कहा कि गरीब और जरूरतमंद लोगों को सस्ता तथा सुलभ न्याय दिलाने में लोक अदालत बहुत ही कारगर साबित हो रही है। लोक अदालत में भारतीय स्टेट बैंक और गाव गोरगढ़ निवासी स्व. जगीर सिंह का बैंक से ऋण से संबंधित मामला आया। इस पर न्यायाधीश पुनीत सहगल ने दोनों पक्षों की सहमति कराते हुए ऋण प्राप्तकर्ता के पुत्र नरेंद्र सिंह तथा चरण सिंह को निर्देश दिए कि वे बैंक के सात लाख रुपये जमा कराएं। उसने यह राशि दो किस्तों में जमा कराने की सहमति दी। उसे बैंक ने मान लिया। इस अवसर पर इंद्री के तहसीलदार अश्विनी गंभीर, पटवारी रोशन लाल, सरपंच सुनील कुमार, एडवोकेट राजेश गुप्ता, प्रवेश मेहता आदि उपस्थित थे।
जनेसरो गांव में ग्रामीण लोक अदालत का आयोजन किया गया। लोक अदालत की अध्यक्षता न्यायाधीश पुनीत सहगल ने की। अदालत में तीन सिविल केस और अदालत की अवमानना से संबंधित एक केस का फैसला दोनों पक्षों की आपसी सहमति पर कराया गया। इंद्री के तहसीलदार अश्विनी गंभीर ने 65 लोगों के इंतकाल दर्ज किए।
एडवोकेट मोहित सचदेवा, भास्कर भल्ला और राजकुमार कश्यप ने लोगों को लोक अदालत के महत्व के बारे में जानकारी दी। एडवोकेट भल्ला ने कहा कि लोक अदालत लोगों के लिए अपने मामले निपटाने का बहुत ही सस्ता और सुलभ माध्यम है। लोक अदालत में निपटाए गए मामलों की किसी भी अन्य अदालत में अपील और दलील नहीं होती है, इसलिए लोगों को अधिक से अधिक मामलों का निपटारा लोक अदालतों के माध्यम से कराना चाहिए। एडवोकेट मोहित सचदेवा ने कहा कि लोक अदालत में निपटाए गए मामलों में न किसी की जीत और न किसी की हार होती है, बल्कि दोनों पक्षों की सहमति निपटारा से किया जाता है।
एडवोकेट राजकुमार कश्यप ने कहा कि अदालतों में दिन प्रतिदिन केसों की संख्या बढ़ती जा रही है और छोटे छोटे केस भी लोग अदालतों में लेकर पहुचते हैं। इंद्री की बार एसोसिएशन के प्रधान अशोक चौहान ने कहा कि गरीब और जरूरतमंद लोगों को सस्ता तथा सुलभ न्याय दिलाने में लोक अदालत बहुत ही कारगर साबित हो रही है। लोक अदालत में भारतीय स्टेट बैंक और गाव गोरगढ़ निवासी स्व. जगीर सिंह का बैंक से ऋण से संबंधित मामला आया। इस पर न्यायाधीश पुनीत सहगल ने दोनों पक्षों की सहमति कराते हुए ऋण प्राप्तकर्ता के पुत्र नरेंद्र सिंह तथा चरण सिंह को निर्देश दिए कि वे बैंक के सात लाख रुपये जमा कराएं। उसने यह राशि दो किस्तों में जमा कराने की सहमति दी। उसे बैंक ने मान लिया। इस अवसर पर इंद्री के तहसीलदार अश्विनी गंभीर, पटवारी रोशन लाल, सरपंच सुनील कुमार, एडवोकेट राजेश गुप्ता, प्रवेश मेहता आदि उपस्थित थे।
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