करनाल, सुरेश अनेजा
दिल्ली से अमृतसर जा रही स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस रेलगाड़ी के पहिये का एक्सल जाम होने से आग लग गई। आग की लपटें देखकर यात्रियों में भगदड़ मच गई। स्टेशन मास्टर की सूचना पर रेलगाड़ी को तरावड़ी प्लेटफार्म पर रोका गया और वह बर्निग ट्रेन बनने से बच गई। सभी यात्रियों को सकुशल बाहर निकाल कर बोगी को गाड़ी से हटाकर डेढ़ घंटे बाद रवाना किया गया।
स्वर्ण शताब्दी एक्सप्रेस करीब नौ बजे करनाल रेलवे स्टेशन से गुजरी। जैसे ही ट्रेन को भैणी खुर्द स्टेशन मास्टर ने हरी झंडी देकर आगे बढ़ाया, तो उसने देखा कि एक बोगी के पहिये में आग लगी हुई है। स्टेशन मास्टर ने उसकी सूचना तरावड़ी स्टेशन पर दी। सूचना मिलते ही तरावड़ी के स्टेशन अधिकारी सतर्क हो गए और उन्होंने दूसरी तरफ से आ रही ट्रेनों को पीछे रोकते हुए स्वर्ण शताब्दी को प्लेटफार्म पर रुकवा लिया। बोगी नंबर सी-10 के पहिये में आग लगी थी। उसमें सवार यात्रियों को जब पता चला, तो उनमें भगदड़ मच गई, लेकिन जैसे ही प्लेटफार्म पर ट्रेन रुकी, तो यात्री अपना सामान छोड़ उतर गए। रेलवे प्रशासन ने रेलगाड़ी रुकने से पहले आग पर काबू पाने का इंतजाम कर लिया था, लेकिन आग एक्सल गर्म होने के कारण लगी थी और ट्रेन के रुकते ही एक्सल ठंडा होने पर आग बुझ गई। तरावड़ी रेलवे स्टेशन पर उतरे यात्रियों के चेहरे पर खौफ था। रेलगाड़ी को प्लेटफार्म पर रोककर बोगी नंबर 10 को हटा दिया गया और उसी दौरान ट्रेन में पानी तथा बिजली की किल्लत होने से यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। ट्रेन करीब डेढ़ घंटे तक प्लेटफार्म पर रुकी रही। प्लेटफार्म पर पीने के पानी की व्यवस्था न होने से भी यात्रियों में रोष था। रेलगाड़ी में सवार यात्रियों को दूसरे डिब्बे में शिफ्ट कर रेलगाड़ी को करीब पौने 11 बजे अंबाला की ओर रवाना किया गया। यात्री अजीत सिंह, सुरजोत, मोहन लाल, गीता और ईश्वर का कहना है कि रेलगाड़ी कई स्टेशन पार कर गई, लेकिन गार्ड या चालक को इस बात का आभास नहीं हुआ। ऐसे में बड़ा हादसा हो सकता था। उन्होंने कहा कि भैणी खुर्द के स्टेशन मास्टर की सूझबूझ से ही बड़ा हादसा टल गया है। तरावड़ी रेलवे स्टेशन अधीक्षक आरपी कल्याण ने बताया कि बोगी का एक्सल जाम होने से उसे यहीं रोक लिया गया है। सभी यात्रियों को दूसरे डिब्बे में शिफ्ट कर रेलगाड़ी को रवाना किया गया है।
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