करनाल,विजय/सुरेश
अब लोगों के पास अंकों वाला एक पहचानपत्र होगा। यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉर्टी आफ इडिया अनिवार्य रूप से इस कार्य को करेगी। यह एक तरह का अनूठा या विशिष्ठ पहचानपत्र होगा। उपायुक्त नीलम प्रदीप कासनी ने लघु सचिवालय के सभागार में इस संबंध में हुई बैठक में यह जानकारी दी। बैठक में यूनिक आइडेंटिफिकेशन प्रोजेक्ट के बारे में उपायुक्त ने बताया कि इसके लिए शुरुआत में पंचायत और वार्डस्तरों पर एनरोलमेंट एजेंसियों के लिए विस्तृत रूट प्लान तथा नक्शा तैयार किया जाएगा। सभी बीडीपीओ पंचायतों की सूची को वेरीफाइ कर जिलास्तर पर उपलब्ध कराएंगे। प्रत्येक पंचायत अपने गावों में एनरोलमेंट सेंटर के लिए जगह या कमरे की पहचान करेगी। एनरोल होने वाले व्यक्तियों की पहचान गावों में नंबरदार, सरपंच, चौकीदार, आगनबाड़ी कार्यकर्ता और आशा वर्कर, शहरी क्षेत्रों में पूर्व पार्षद, रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन तथा डिपो होल्डर कराएंगे। इस कार्य में खाद्य आपूर्ति विभाग की मदद ली जाएगी। उपायुक्त ने बताया कि अनूठा पहचानपत्र उन सभी व्यक्तियों को मिलेगा, जिनके पास आज तक किसी भी तरह का पहचान का कोई दस्तावेज नहीं है। उन्होंने बताया कि यह पहचान पत्र आजीवन होगा और यह दूसरी जगह नहीं बनवाया जा सकेगा। प्रत्येक व्यक्ति की पहचान तैयार करने के लिए उसकी आधारभूत पहचान, जीवन वृतात सूचना, फोटोग्राफ, 10 फिंगर प्रिंट और आख की पुतली का काले हिस्से के चित्र लिए जाएंगे। एनरोलमेंट का कार्य मई, 2011 से शुरू कर एक साल की अवधि में पूरा करने की योजना है।
No comments:
Post a Comment