Wednesday, April 20, 2011

पानी के साथ बह गया गुमथला घाट का पुल

रादौर,कुलदीप सैनी 

यमुनानदी में छोड़े भारी पानी से गुमथला घाट के अस्थाई पुल का काफी हिस्सा पानी में बह गया है। जबकि बाकी हिस्सा पानी से क्षतिग्रस्त हो गया है। अस्थाई पुल के बह जाने से क्षेत्र के लोगों का उत्तरप्रदेश से संपर्क कट गया है।

पुल के बहने से गाव गुमथला, संधाला, संधाली, नगली, लालछप्पर, जठलाना के सैकड़ों किसानों की हजारों एकड़ गेंहू की पकी फसल की कटाई का कार्य रूक गया है। यमुनापार जाने के लिए क्षेत्र के लोगों के पास एकमात्र किश्ती ही सहारा बची है। इसके माध्यम से कुछ मजदूर ही यमुनापार गेंहू कटाई के लिए जा पा रहे है।

अस्थाई पुल के बहने से गुमथला व जठलाना अनाज मंडियो में उत्तरप्रदेश से आने वाला हजारों क्िवटल गेंहू की फसल मंडी में नहीं पहुच पा रही है। यमुनापार प्रभावित हुए गेंहू कटाई के कार्य को लेकर किसानों व आढ़तियों को चिंता सताने लगी है। यदि कुछ दिन और यमुना का पानी कम न हुआ तो यमुनापार खड़ी गेंहू की फसल को समेटने के लिए किसानों को लंबा इतजार करना पड़ेगा।

गाव गुमथला निवासी चेयरमैन मनोज कुमार, अरूण कुमार, कृष्ण मेहता नम्बरदार, दीप राणा, बलविन्द्र, जीताराम, जस्सी, सुनील, चेलाराम, बलजीत, जसबीर ने बताया कि सोमवार की रात को यमुनानदी में छोडे़ गए पानी से गुमथला घाट पर बनाया गया पाइपों वाला अस्थाई पुल का काफी हिस्सा पानी की धार में बह गया। क्षेत्र के लोगों की हजारों एकड़ गेंहू की फसल कटने के लिए तैयार खड़ी है। लेकिन, किसान यमुनापार अपनी फसल को समेटने के लिए नहीं जा पा रहे है।

अधिकतर लोग मौसम खराब होने के कारण कम्बाईन से गेंहू कटवाने की योजना बना रहे है। लेकिन, यमुनानदी में अधिक पानी होने के कारण कम्बाईन मशीन को यमुनापार ले जाना संभव नहीं है। हजारों एकड़ गेंहू की फसल को उत्तरप्रदेश के रास्ते भी हर किसान मंडियों तक नहीं पहुंचा सकता। क्षेत्र के किसानों ने जिला उपायुक्त अशोक सागवान से माग की है कि प्रशासन यमुनानदी में पानी के बहाव को बंद करवाए। वहीं, अस्थाई पुल को जल्द बनवाए।

एक साल में तीसरी बार बहा अस्थाई पुल

चेयरमैन मनोज कुमार गुमथला व कृष्ण मेहता नंबरदार ने बताया कि इस साल यमुना के पानी से तीसरी बार अस्थाई पुल पानी में बहा है। पुल पर ठेकेदार व किसानों ने मिलकर दस से बारह लाख रूपये खर्च किए थे। प्रशासन की ओर से पुल को बनाने के लिए कोई सहायता नहीं मिलती। किसान अस्थाई पुल के माध्यम से ही यमुनापार स्थित अपने खेतों में फसलों की देखभाल करते है। ऐसे में अब किसानों को अस्थाई पुल बहने से भारी परेशानी उठानी पडे़गी।

आढ़तियों पर पड़ रही है दोहरी मार

गुमथला अनाज मंडी के आढ़ती प्रदीप ¨सगला, कृष्ण मेहता, समेसिंह संधाली, रामकुमार, हरबंस मेहता, रविन्द्र मेहता व अशोक बसंल ने बताया कि कुछ महीने पहले यमुना में बाढ़ आने पर उत्तरप्रदेश से धान की फसल उनकी मंडियों में नहीं पहुंच पाई थी। अब अस्थाई पुल के बहने से उत्तरप्रदेश के किसान गुमथला व जठलाना मंडी में अपनी गेंहू की फसल नहीं ले जा पा रहे है। आढ़तियों ने बताया कि उनकी मंडियों में 60 प्रतिशत गेंहू व धान की फसल उत्तरप्रदेश के किसानों से आती है। इसके लिए उन्होंने उत्तरप्रदेश के किसानों को लाखों रूपये पेशगी भी दे रखी है। यदि यमुना का जलस्तर जल्द कम न हुआ और अस्थाई पुल जल्द न बना तो उन्हे इस बार अधिक मात्रा में गेंहू की फसल नहीं मिल पाएगी।

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