करनाल, कन्या भूर्णहत्या की रोकथाम के लिए प्रशासन के चलाए गए अभियान में बुधवार को बड़ी सफलता हासिल हुई है। सेक्टर आठ के रिहायशी मकान नंबर 182 में कथित रूप से लिंग की जाच कर रहे एक डॉक्टर को सिविल सर्जन के नेतृत्व में गठित एक टीम ने रगे हाथों पकड़ा। दोषी डॉक्टर और उसके सहयोगी कंपाउंडर के खिलाफ प्रसव पूर्व लिंग जाच (पीएनडीटी एक्ट) के तहत कार्रवाई की जाएगी।
सेक्टर आठ स्थित करनाल अल्ट्रासाउंड सेंटर के डॉ. बृज शर्मा और उसके सहयोगी अमित गैरकानूनी ढग से महिला के गर्भ में लिंग जाच कर रहे है। सूचना मिलने के तुरत बाद सिविल सर्जन डॉ. वंदना भाटिया के नेतृत्व में छापामार टीम का गठन किया गया। टीम में उप पुलिस अधीक्षक सुरेंद्र पाल सिंह और पुलिसकर्मी भी शामिल थे। जैसे ही टीम घटनास्थल पर पहुची, तो डॉक्टर और उसके सहयोगी को अल्ट्रासाउंड मशीन के साथ पकड़ लिया। जाच के दौरान उस मकान के पिछवाड़े एक छोटे से कमरे में बिछे एक सिंगल बेड के पास ही अल्ट्रासाउंड मशीन रखी थी और बेड के नीचे काटन और लिंग जाच में काम आने वाली जैली पाई गई। जाच के बाद कथित मशीन को स्वास्थ्य कर्मचारियों ने सील कर दिया। गर्भ में लिंग जांच कराने आई महिला टीम को देखकर दीवार फादकर भागने की कोशिश करने लगी, लेकिन उसे दबोच लिया गया। महिला का नाम नीलम हैं और वह कैथल जिले के सांपली खेड़ी गांव की रहने वाली है। लिंग जाच कराने के लिए कैथल से अमित नामक व्यक्ति के साथ आई थी।पकड़ी गई मशीन पोर्टेबल है, जो आसानी से कैरी बैग में रखी जा सकती है। जाच करने वाले डॉक्टर बृज शर्मा पहले भी अनियमितताओं में पकड़े गए थे। इस कारण उनका करनाल अल्ट्रासाउंड सेंटर फरवरी में सिविल सर्जन ने सील कर दिया था। उसके बाद डॉक्टर ने गैरकानूनी ढग से रिहायशी मकान किराये पर लेकर दोबारा यही धधा शुरू कर दिया।
उपायुक्त नीलम प्रदीप कासनी ने कहा कि लड़का या लड़की पैदा होना कुदरत की देन है, लेकिन जो लोग उसकी जाच कराते है, वे अपराध के साथ ही पाप भी करते हैं।
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