रादौर,कुलदीप सैनी
गाव बरहेड़ी में पिछले एक पखवाड़े से चला आ रहा विवाद शुक्रवार को एक बार फिर एक नए मोड़ पर पहुच गया। प्रशासन के अधिकारी दोनों पक्षों को विवादित भूमि की निशानदेही देने आए थे। लेकिन, जब प्रशासन के अधिकारियों ने दोनों पक्षों को उनके हिस्से की भूमि सौंपी तो प्रशासन का यह फैसला एससी समुदाय के लोगों इसे नामंजूर कर दिया। एससी समुदाय के लोग झडे को दूसरी जगह लगाने को तैयार नहीं थे। इसके बाद प्रशासन ने पंचायत को कुछ फेरबदल करने को कहा। लेकिन, पंचायत ने भी प्रशासन के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। इससे दोनों पक्षों में सहमति न बन पाने पर एक बार फिर से मामला लटक गया है। दोनों पक्षों में जब कोई समझौता न हो पाया तो प्रशासनिक अधिकारियों को बैरंग लौटना पड़ा। किसी भी विवाद से निपटने के लिए जिला प्रशासन की ओर से मौके पर भारी पुलिस बल की तैनात किया गया था, ताकि अगर कोई अप्रिय घटना हो तो उस पर काबू पाया जा सके। निशानदेही का कार्य करवाने के लिए प्रशासन की ओर से डीएसपी अशोक सभ्रवाल, डीडीपीओ धर्मबीर¨सह, बीडीपीओ कंवरभान नरवाल, नायब तहसीलदार राजबीर सुर्जेवाला, पंचायत सचिव बाबूराम सैनी मौके पर मौजूद थे। गाव बरहेड़ी के सरपंच सुनील कौशल ने बताया कि एसडीएम देवेन्द्र कौशिक के सामने जब दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ था तो यह बात रखी गई थी कि भूमि के बंटवारे के समय अगर मौके पर एससी समुदाय द्वारा लगाए गए झडे को वहा से हटाकर दूसरी जगह बदलना पड़ा तो एससी समुदाय इसे हटा कर दूसरी जगह पर स्थापित कर लेगा। अब जब यही स्थिति आ गई तो एससी समुदाय के लोग इस बात को मानने से इंकार कर रहे है।
वही, एससी समुदाय के प्रधान रणजीत ¨सह ने बताया कि समझौते में ऐसी कोई बात नहीं कही गई थी। समझौते में यह बात रखी गई थी कि अगर झडे का उखाड़ने की बात आती है तो भूमि की निशानदेही को झडे के अनुसार किया जाएगा। लेकिन, अब पंचायत पहले की तरह मामले को लटकाने के लिए यह कार्य कर रही है, जिसे एससी समुदाय के लोग कभी स्वीकार नहीं करेगें।
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