रादौर,कुलदीप सैनी
हरिओम शिवओम कालेज ऑफ एजूकेशन रादौर में शनिवार से शुरू हुए दो दिवसीय सेमिनार सह कार्यशाला के दूसरे दिन क्रियात्मक अनुसंधान में साख्यिकी के महत्व पर प्रकाश डाला गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. बीएस यादव ने की। कार्यशाला का आयोजन हरिओम शिवओम कालेज के प्रबंधक अजय ¨सह चौहान की देखरेख में किया गया। कार्यक्रम में पहुंचे अतिथियों को रूचि सिंगला ने स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किए गए। कार्यशाला में डॉ. संदीप बेरवाल ने साख्यिकी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए साख्यिकी के प्रकार, आकड़ों को एकत्र करने की विधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। भावी अध्यापकों को क्रियात्मक अनुसंधान में साख्यिकी के प्रयोग की महत्ता बताई। डॉ. बेरवाल ने कक्षा कक्ष की समस्याओं, उनके समाधान के विषय में भी छात्रों को जानकारी दी। छात्रों को व्यवहार, पढ़ाई में अरूचि संबंधी समस्याओं पर क्रियात्मक अनुसंधान करने के बारे में प्रेरित किया गया। सायंकालीन सत्र की अध्यक्षता डॉ. अमीशा सिंह ने की। इस दौरान अनेक शिक्षाविदों ने विषय से संबंधित अपने अपने विचार प्रकट किए। डॉ. अमीशा ¨सह ने कहा कि अध्यापकों को नई शिक्षा प्रणाली में क्रियात्मक अनुसंधान को अपनाना चाहिए। इसका लाभ उठाकर अपनी शिक्षण क्षमता को बढ़ाना चाहिए। इस अवसर पर सुश्री रूचि ¨सगला, कंवलजीत ¨सह, डा. ¨पकी, डा. अजय, सुश्री अमिता, डा. गौरव, सुशील शर्मा, पवन राणा, मनोज राणा, बनी सिंह पलाका, सुभाष काम्बोज जयपुर, ज्ञानप्रकाश शर्मा, आदित्य चौहान आदि उपस्थित थे।
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