Tuesday, April 19, 2011

स्वतंत्रता सेनानी जसवंत सिंह पंचतत्व में विलीन

यमुनानगरगाव खारवन के 98 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी स. जसवंत सिंह का सोमवार को अस्पताल में निधन हो गया। बुधवार को राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। उनके लड़के रघुबीर सिंह ने उन्हे मुखाग्नि दी।
जसवन्त सिंह का जन्म पाकिस्तान के रावलपिंडी जिला के बलाड़ गाव में एक किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता स.नत्थासिंह व माता बगोदेवी थी। इनकी शादी स्वर्ण कौर से हुई थी, जिनका गत वर्ष अप्रैल माह में स्वर्गवास हो गया था। जसवंत सिंह एक सप्ताह से बीमार थे। वह अपने पीछे एक लड़के रघुबीर सिंह तथा दो लड़किया जोगिंद्र कौर व चरणजीत कौर सहित भरापूरा परिवार छोड़ गए है।
आठवीं कक्षा तक शिक्षा ग्रहण करने के बाद जसवंत सिंह ने 18 वर्ष की उम्र में वर्ष 1931 में रॉयल आर्मी ज्वाइन की थी। लेकिन, नेता जी सुभाष चंद्र बोस के विचारों से प्रभावित होकर वह देशहित में आजाद हिन्द सेना में शामिल हो गए। कईं वर्षो तक जर्मनी, इटली व फ्रांस आदि देशों में रहकर देश की आजादी के लिए संघर्ष करते रहे है, जिसे कभी भुलाया नहीं जा सकता है।
अंतिम संस्कार में प्रशासन की ओर से एसडीएम देवेंद्र कौशिक, डीपीओ हजारी लाल वर्मा सहित प्रशासन के कई अधिकारी, विधायक दिलबाग सिंह सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया और श्रद्धासुमन अर्पित किए। देवेंद्र कौशिक ने शोक संतप्त परिवार को पांच हजार रूपये की आर्थिक सहायता भी दी।
निधन पर जताया शोक
यमुनानगर : स्वतंत्रता सेनानी स. जसवंत सिंह के निधन पर समाज हितकारी संगठन ने कार्यालय में शोक प्रकट किया। संगठन के प्रधान रोशन लाल शर्मा, महासचिव डॉ. सुरेंद्र मेहता ने कहा 30 वर्ष पूर्व जिले में 95 स्वतंत्रता सेनानी थे, जो अब मात्र सात रह गये हैं।
इस मौके पर वरिष्ठ उपप्रधान निलय सैनी, सचिव सुखबीर सिंह, मुख्य संरक्षक डॉ.अनिल अग्रवाल, संरक्षक हीरा लाल शर्मा, सलाहकार जितेंद्र शर्मा, उपप्रधान रामपाल, कोषाध्यक्ष शिवनंदन सहगल आदि उपस्थित थे।

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