Sunday, September 18, 2011

मनरेगा के तहत इस वर्ष कराये जायेंगे 20 करोड़ रुपये के विकास कार्य


करनाल काम्बोज/अनेजा
ग्रामीण क्षेत्र में विकास कार्यो को बढ़ावा देने व विकास से जुड़ी हर समस्याओं का समाधान मनरेगा स्कीम के तहत किया जा सकता है।  इस स्कीम के तहत जिले में इस वर्ष करीब 20 करोड़ रुपये के विकास कार्य करवाये जायेंगे जबकि गत वर्ष इस योजना के तहत जिले में 6 करोड़ 76 लाख रुपये के विकास कार्य करवाएं गए। हरियाणा सरकार द्वारा मनरेगा स्कीम के तहत किसान, मजदूर व अन्य वर्गो को जोडऩे के लिये इसका सरलीकरण किया गया है। अब इस स्कीम के तहत वह हर विकास कार्य किया जा सकता है जिसको ग्राम पंचायत करना चाहे। जोहड़ों की सफाई, खुदाई, गलियों व नालों के निर्माण के साथ-साथ खेतों में जाने वाले रास्ते को पक्का करना यहां तक कि किसान के खेत की खाले भी इसी स्कीम के तहत पक्की की जाने का प्रावधान है। इस स्कीम को अपनाकर जहां विकास कार्य होगा, वहीं लोगों को उनके घर-द्वार पर ही 100 दिन का रोजगार भी मुहैया करवाया जाता है। हरियाणा सरकार द्वारा इस स्कीम के तहत काम करने वाले जॉबकार्ड धारक को  1 जनवरी 2011 से देश में सर्वाधिक मानदेय के रूप में 179 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से दिये जा रहे हैं।  इसके लिये जिस गांव में आमदनी का कोई साधन नहीं है और वहां विकास के लिये पैसे की जरूरत है वहां पर पैसा दिया जायेगा।  इस स्कीम के तहत सरकार की मंशा है अधिक से अधिक विकास कार्य हों प्रदेश के हर गांव में सीमेंट कंकरीट व इंटरलॉक की सडक़े  बने ताकि गांव भी शहर की तरह दिखाई दें।
मनरेगा स्कीम को बढ़ावा देने के लिये पंचायती प्रतिनिधियों व अधिकारियों के जागरूक होने की जरूरत है। इसके लिये अधिक से अधिक जॉब कार्ड बनवाकर लोगों को रोजगार मुहैया करवाने होंगे।  विकास के लिये जरूरी है कि सरपंच ग्राम सभा की बैठक करके किसी भी काम की सहमति लें और उस कार्य की प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार करवायें और उसके बाद बेहिचक काम किया जा सकता है। मनरेगा के तहत राजीव गांधी सेवा सदन व गांव स्तर के सभी सरकारी कार्यालय बनाए जा सकते हैं। यह सेवा सदन पहले बड़े-बड़े गांवों में फिर छोटे गांवों में बनाए जाने का प्रावधान है। 
जिले में उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी के दिशा निर्देशों से मनरेगा स्कीम को बढ़ावा देने के लिये गांव-गांव में अधिक से अधिक लोगों के जॉबकार्ड बनाए जा रहे हैं। इस स्कीम के तहत जिले में आने वाले समय में 50 हजार जॉबकार्ड बनाए जायेंगे जबकि इस समय करीब 26 हजार जॉबकार्ड बनाए जा चुके हैं। गत वर्ष जिले में करीब 2 लाख दिनों का रोजगार लोगों को दिया गया। जिले में अधिक से अधिक विकास कार्य मनरेगा स्कीम के तहत हो  इसके लिये कार्यो की प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है। केन्द्र सरकार ने ग्रामीण विकास को बढावा देने के लिये अनेक योजनाओं को समायोजित करके मनरेगा योजना में विकास कार्यो के लिये अनुदान राशि प्रदान करवाई जा रही है। इस योजना में अब कृषि व उद्यान विभाग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं व फसल विविधिकरण को बढावा देने वाली योजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। मनरेगा योजना में 5 एकड़ से कम जमीन वाले कृषक अपने खेत में कांग्रेस घास को उखाडऩे, घर से गोबर व कूड़ा-करकट को खेत में पहुंचाने, सिंचाई के लिये खाल बनाने व उनको पक्का करवाने, फसलों की खुदाई व नुलाई इत्यादि कार्य की मजदूरी मनरेगा योजना के तहत प्राप्त कर सकते हैं। मनरेगा के तहत अब गांव को साफ-सुथरा व निर्मल बना सकते हैं। इस स्कीम के तहत जिले में अधिक से अधिक विकास कार्य करवाकर लोगों को 100 दिन का रोजगार दिया जायेगा ताकि विकास को बढ़ावा मिल सके। 

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