Tuesday, September 27, 2011

जवानों ने साईकिल यात्रा द्वारा ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के लिए किया प्रेरित


घरौंडा(प्रवीन सोनी/तेजबीर)
ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए पर्यावरण को बचाने के उद्देश्य को लेकर चोटी मारसिमिक ला से चले वायु सेना के जवानों की साईकिल यात्रा का आज घरौंडा पहुंचने पर भव्य स्वागत किया गया। 
अल सुबह यह साईकिल यात्रा करनाल की ओर से जीटी रोड़ पर पैट्रोल पम्प के समीप पहुंचे। जहां आर्यवीर दल व गऊंशाला समिति के सदस्यों ने जवानो का भव्य स्वागत किया। इसके बाद यह यात्रा ऋषिकूल स्कूल में पहुंचे।
 घरौंडा के ऋषिकूल माध्यमिक विद्यालय में बच्चों ग्लोबल वार्मिंग के बारे में जागरूक करते विंग कमांडर जेक्शन                     छाया-तेजबीर  
जहां पर यात्रा दल के विंग कमांडर जेक्शन ने कहा कि उनका एक ही उदेश्य है कि देश में बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग को किस प्रकार से रोका जाए जिसको लेकर उन्होंने व उनके करीब एक दर्जन साथी जवानों ने यह निर्णय लेकर बीती 10 सितंबर को हिंदुस्तान की 18,634 फीट की उंचाई पर बसी सबसे उंची चोटी मारसिमिक ला से दिल्ली के लिए साईकिल यात्रा शुरू की। उन्होने कहा कि साईकिल यात्रा से जहां एक ओर बढ़ते प्रदूषण को रोका जा सकता है। वहीं मनुष्य का स्वास्थ्य भी ठीक रहता है। गलोबल वार्मिंग आज भारत के लिए ही नही बल्कि पूरे विश्व के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है। जिसको कम करने के लिए हम सभी को प्रयास करना चाहिए। उन्होनें अपनी यात्रा के दौरान लोगो को देश सेवा के लिए वायु सेना में भर्ती होने के लिए प्रेरित किया।
इस मौके पर ऋषिकूल स्कूल के प्रिंसिपल सतीश त्यागी व समस्त स्टाफ ने जवानों का भव्य स्वागत किया।


गोभ की बिमारी से गन्ने की फसल सूखी, किसान चिंतित
घरौंडा (प्रवीन/तेजबीर)
कृषि विभाग व चीनों मीलों के प्रयासो के चलते इस वर्ष गन्ने की रोपाई का रकबा बढ़ा है। सराकार द्वारा किसानों को गन्ने की खेती के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए मुफ्त खाद् व बीज दिया जिससे इस वर्ष पहले की अपेक्षा किसानों को गन्ने की ओर ज्यादा ध्यान दिया। 
गन्ने के बढ़े हुए रकबे से इस बार अधिक पैदावार की उम्मीद जगी है। लेकिन गन्ने की फसल पर गोभ के कीड़े नामक बिमारी ने किसानों के होश उड़ा दिए। गोभ के कीड़े के प्रहार से गन्ने का पौधा सूख रहा है। बीमारी से बचने के लिए कई प्रकार की दवाईयां कृषि विभाग द्वारा किसानो को दी गई है। लेकिन इसके बावजूद भी बीमारी का प्रकोप कम होने का नाम नही ले रहा है। कीड़े की चपेट का सीधा असर गन्ने की पैदावार पर पड़ रहा है। किसानों के अनुसार बीमारी के हालात ऐसे ही रहे तो पैदावार में 25 प्रतिशत् से ज्यादा की गिरावट आएगी। 
किसान सुभाष ने बताया कि इस बार उसने 10 एकड़ में गन्ने की बिजाई की लेकिन बिमारी के चलते गन्ने की फसल सूख रही है। कृषि विभाग ने दवाई भी बताई लेकिन कोई असर नही पड़ा ऐसे में बीमारी के कारण पैदावार में काफी गिरावट आएगी। 
गन्ना अधिकारी अशोक ने बताया कि इस बार गन्ने की फसल में गोभ के कीड़े की बिमारी आई है जिससे गन्ना सूख जाता है। यदि किसान समय पर दवाई छिडक़ाव करके प्रभावित पौधे को खेत से बाहर निकाल देता है तो बिमारी का असर कम होगा और पैदावार में गिरावट कम होगी। 

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