Friday, September 9, 2011

इन्दिरा बाल स्वास्थ्य योजना के तहत किया गया विकलांगता शिविर का आयोजन


घरौंडा प्रवीन सोनी
इन्दिरा बाल स्वास्थ्य योजना के तहत स्वास्थ्य विभाग करनाल की ओर से घरौंडा में एक दिवसीय विकलांगता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में डाक्टरों की टीम ने 149 विकलांगो  की जांच कर उन्हें विकलांग प्रमाण-पत्र जारी किये। 
सिविल सर्जन डा0 शिव कुमार ने बताया कि जिन विकलांगो को प्रमाण पत्र वितरित किए गए उनमें 76 अस्थिबाधित विकलांग, 62 मनोरोग के, 3 ई.एन.टी तथा 8 आंखो से विकलांग शामिल थे। 
उन्होंने बताया कि करनाल जिला में इस तरह के 6 शिविर खण्डवार लगाए जाऐंगे। इससे पूर्व नीलोखेड़ी खण्ड में भी विकलांग शिविर लगाया जा चुका है जिसमें विभिन्न विकलांगता के 100 व्यक्तियों को विकलांग प्रमाणपत्र जारी किए गए थे। सिविल सर्जन ने यह भी बताया कि यदि कोई विकलांग उपरोक्त दोनो शिविरों में किसी कारण से अपना प्रमाण पत्र नहीं बनवा सका है, वह आगामी 14 सितम्बर को करनाल के सामान्य अस्पताल में आयोजित होने वाले शिविर में अपना प्रमाण पत्र बनवा सकता है।  


पौधारोपण कर जेसीआई सप्ताह का किया शुभारंभ
घरौंडा(प्रवीन/तेजबीर)
समाजिक संस्था जेसीआई सप्ताह का शुभारंभ हो गया है। जेसीआई पदाधिकारियों ने आज जीटी रोड़ स्थित हन्नी गार्डन के आस पास पौधा रोपण कर सप्ताह का शुभारंभ किया। जेसीआई प्रधान राजेश गोयल ने बताया कि हर वर्ष उनकी संस्था समाजिक कार्यो में अग्रणी रहते हुए विभिन्न प्रकार के समाजिक कार्य करती रही है। जेसीआई का उदेश्य कि वे समाजिक कार्यो के माध्यम से जरूरत मंद आदमियों की सेवा करे। 
आज पूरे देश में पर्यावरण एक बहुत बड़ी समस्या है। बढ़ती आबादी और घटते पेड़ों के कारण आम मनुष्य की जिंदगी छोटी होती जा रही है। अब पर्यावरण में ज्याद से ज्यादा सहयोग देने के लिए पेड़ पौधे लगाने चाहिए ताकि पर्यावरण हरा भरा रहे। उन्होंने जानकारी दी कि इस बार पौधारोपण आरटीआई के माध्यम से प्रपत्र, सद्भावना किक्रेट मैच, सिलाई मशीन का वितरण, रक्तदान शिविर व गे्रट डे आदि पर रखा गया है। इस मौके पर डाक्टर मुकेश अग्रवाल, नरेंद्र गुप्ता, राजेश गर्ग, जोगिंद्र अग्रवाल, पींटा जैन, नरेश कुमार, संदीप जैन, अजय , दीपक जैन सहित अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। 


हड्डी रोड़ा गिराए जाने को लेकर उठा विवाद
घरौंडा(प्रवीन/तेजबीर)
फुरलक रोड़ पर पशुओं के अवशेष गिराए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि नगरपालिका का ठेकेदार यहां जो हड्डी रोड़ा डाल रहा है उससे उनके गांव में बदबू फैल रही है और बीमारी का खतरा बढ़ रहा है। गुस्साए ग्रामीणों ने फुरलक रोड़ पर पिछले दो सप्ताह से हड्डी रोड़ा डालना बंद करवा दिया है और इसकी लिखित शिकायत जिला उपायुक्त को की है। उपायुक्त के आदेश पर एनडीआरआई से वैज्ञानिकों के एक दल ने घटना स्थल का दौरा कर जानकारी ली। 
नगरपालिका द्वारा हर वर्ष शहर में मरने वाले पशुओं का ठेका छोड़ा जाता है और ठेके दार इन पशुओं को फुरलक रोड़ पर स्थित गउशाला से आगे खाली पड़ी नगरपालिका की जमीन पर डाल देते है और उधर ग्राम पंचायत फुरलक द्वारा हड्डी रोड़ा डालने वाली जगह से कुछ ही दूसरी पर गरीबों के लिए सौ सौ गज के प्लाट काट दिए और कुछ गरीबों ने इन में अपने मकान बना लिए है और उनके लिए यहां पर रहना दुभर हो गया है क्योंकि इन हड्डी रोड़ों से सारा दिन दुर्गंध उठ रहती है। और इन मकानों के अलावा गांवों में भी फेल रही है। करीब पिछले दो सप्ताह पूर्व कालोनीवासियों व ग्रामीणों ने एकत्रित हो कर ठेकेदार को यहां पर रोड़ा डालना बंद करवा दिया और इसकी लिखित शिकायत जिला उपायुक्त को कर दी। जिला उपायुक्त महोदया के आदेश पर आज एनडीआरआई कुछ वैज्ञानिकों ने डाक्टर शिव प्रसाद के नेतृत्व में जगह का मुआयना किया। 
उधर नगरपालिका प्रधान आजाद सिंह ने बताया कि हड्डी रोड़ा गिरने वाली जगह नगरपालिका की है और पिछले काफी वर्षो से यहां डलता आया है। इसके अलावा शहर से दूर कोई नगरपालिका की कोई जमीन नही है जहां हड्डी रोड़ा डाला जा सके। बाकि हड्डी रोड़े से उठ रही बदबू के लिए आज वैज्ञाानिकों ने जगह का दौरा किया है। इस समस्या का भी समाधान कर दिया जाएगा। 

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