करनाल काम्बोज/अनेजा
सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत प्रदेश के अधिक से अधिक गांवों को निर्मल बनाने के उददेश्य से हरियाणा सरकार द्वारा मुख्यमंत्री स्वच्छता प्रोत्साहन योजना प्रदेश में लागू की गई है। इस योजना के अन्तर्गत जिला व खंड स्तर पर नकद राशि का ईनाम देकर ग्राम पंचायतों को प्रोत्साहित किया जाता है। इन पुरस्कारों के तहत आबादी को आधार मानकर क्रमश: पहले स्तर में एक लाख रुपये, दूसरे स्तर में एक लाख 50 हजार रुपये व तीसरे स्तर में 2 लाख रुपये की राशि प्रोत्साहन के रूप में दिये जाते हैं। इसके अलावा राज्य स्तर पर इस योजना के तहत पहले स्तर में 3 लाख रुपये, दूसरे स्तर पर 5 लाख रुपये व तीसरे स्तर पर 7 लाख रुपये की राशि दी जा रही है।
यह जानकारी देते हुए अतिरिक्त उपायुक्त एम.के. पडुरंग ने बताया कि मुख्यमंत्री स्वच्छता प्रोत्साहन योजना प्रदेश में 2009-10 में आरम्भ की गई। इस योजना का मुख्य उददेश्य ग्रामीण क्षेत्र में स्वच्छता को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत जो ग्राम पंचायतें स्वच्छ रहेंगी उसे खंड स्तर, जिला स्तर व राज्य स्तर पर आर्थिक सहयोग देकर सम्मानित किया जाता है। इससे पहले प्रदेश में इस योजना को राज्य स्वच्छता प्रोत्साहन योजना के नाम से चलाया जा रहा था। यह योजना निर्मल ग्राम पुरस्कार योजना की तर्ज पर चलाई जा रही है। इस योजना में ऐसे गांवों को शामिल किया गया है जिन गांव में स्कूलों, आंगनवाड़ी तथा शौचालयों में पानी की व्यवस्था हो और पूर्ण रूप से स्वच्छ हो। गांव में शत-प्रतिशत व्यक्तिगत शौचालय हो कोई भी व्यक्ति खुले में शौच न करता हो तथा गांव का ठोस व तरल कूड़ा-करकट का निपटान ठीक प्रकार से हो तथा इस योजना में ऐसी ग्राम पंचायतें जिसमें बिजली के बिल शत-प्रतिशत भरे हुए हों ऐसी ग्राम पंचायतों के आवेदन को इस योजना के तहत स्वीकार किया जाता है।
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री स्वच्छता प्रोत्साहन पुरस्कार योजना के पुरस्कारों को तीन स्तरों में शामिल किया गया है। ब्लाक स्तर पर ऐसी ग्राम पंचायतें जिनकी आबादी शून्य से 1500 के बीच हो उसे 50 हजार रुपये, 1501 से 4000 आबादी वाली ग्राम पंचायतों को 75 हजार रुपये तथा 4000 से ऊपर आबादी वाली ग्राम पंचायतों को एक लाख रुपया पुरस्कार के रूप में दिया जाता है। इसी प्रकार खंड स्तर पर पुरस्कार पाने वाले गांव को जिला स्तर पर पुरस्कार के लिये कमेटी द्वारा चयनित किया जाता है। इस कमेटी के अध्यक्ष जिला परिषद के अध्यक्ष, जिला परिषद का एक सदस्य, सिविल सर्जन, जिला शिक्षा अधिकारी, जिला महिला एवं बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी, जिला सूचना एवं जन सम्पर्क अधिकारी, जन-स्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता व मैम्बर सचिव, जिला परिषद के सी.ई.ओ. होते हैं। इस कमेटी द्वारा जिला स्तर पर पुरस्कार के लिये चयन किया जाता है।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि वर्ष 2010-11 में करनाल खंड के गांव नली खुर्द, भूसली व ऊंचा समाना को जिला स्तर पर प्रथम पुरस्कार दिया गया। जबकि गांव की स्वच्छता कायम रखने पर सरफाबाद माजरा को इस योजना के तहत 75 हजार रुपये का पुरस्कार भी दिया गया। इस पुरस्कार के लिये खंड स्तर के चयन के बाद 15.09.2011 तक जिला स्तर के लिये गांव के नाम सरकार के पास पुरस्कार के लिए भेजे जायेंगे। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री स्वच्छता प्रोत्साहन पुरस्कार योजना से जहां ग्रामीण क्षेत्र में सफाई को बढ़ावा मिल रहा है वहीं गांवों में प्रोत्साहन के रूप में सरकार द्वारा आर्थिक सहयोग भी दिया जा रहा है। यह योजना गांवों के विकास में काफी सहयोगी साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि प्रशासन जिला के अधिक से अधिक गांवों को निर्मल बनाने के लिए कृतसंकल्प है। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए सम्पूर्ण स्वच्छता अभियान के तहत जिला व ब्लाक स्तर पर जिला समन्यवक व प्रेरक नियुक्त किये हुए है जो गांवों के लोगों को साफ-सफाई रखने के लिए प्रेरित कर रहे है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि लोगों के प्रयासों से इस वर्ष जिला के अधिकांश गांव निर्मल ग्राम की सूची में शामिल हो जायेगे।
No comments:
Post a Comment