Tuesday, September 6, 2011

करनाल में पांच लाख लोगों ने एक साथ लिया बेटी को बचाने का संकल्प


करनाल काम्बोज/अनेजा
करनाल में आज एक नया इतिहास रचा गया। जब डी.सी नीलम प्रदीप कासनी की अपील पर पांच लाख लोगों ने एक साथ गर्भ में पल रही बेटी को बचाने का संकल्प लिया। प्रदेश में  ही नहीं देश में भी यह पहला अवसर था जब कि घटते लिंगानुपात को रोकने के लिए इतना बड़ा जन आंदोलन खड़ा हुआ। इस पहल को आगे भी जारी रखा जाएगा और अब हर महीने की छह तारीख को करनाल का अवाम अपने अपने स्थान पर खड़ा हो कर इस संकल्प को दोहराता रहेगा। आज जिले में कोई भी स्थान अछूता नहीं रहा जहां पर समाज के लोगों ने इस बुराई के खिलाफ संकल्प नहीं लिया हो। 
लडक़े व लडक़ी में असमानता को पटरी पर लाने के लिए लागू कड़े कानूनों और सशक्त प्रचार माध्यमों के बावजूद समाज में लगातार लड़कियों की घट रही संख्या की पीड़ा को प्रदेश की एक महिला अधिकारी और करनाल की डी.सी ने समझा और जिले के सभी लोगो से अपील कर डाली, इस अपील ने लोगोंं को झकझोर कर रख दिया और वे  सोचने पर विवश हो गए। परिणामस्वरूप आज इस जिला के सभी अधिकारी,कर्मचारी, अध्यापक,विद्यार्थी, डाक्टर,वकील, न्यायधीश, कामगार, मजदूर, किसान, जन प्रतिनिधि, व्यापारी व दुकानदार,सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं के प्रतिनिधि लामबंद होकर इस बुराई के खिलाफ खड़े हुए दिखाई दिए।    
स्थानीय लघु सचिवालय परिसर में आयोजित संकल्प ग्रहण कार्यक्रम में अधिकारियों व कर्मचारियों के अतिरिक्त जिला के समस्त मीडिया कर्मियों ने भी अपनी सहभागिता दर्ज की। इस मौके पर उपायुक्त का कहना था कि लडक़ा और लडक़ी दोनो सृष्टि का सृजन और कुदरत की देन है। ऐसे में इनमें भेद कर कन्या भू्रण हत्या की प्रवृति प्रकृति का अपमान है और यही असमानता का मूल कारण है। आदमी कुदरत की सबसे श्रेष्ठ कृति है और उसके पास अपनी बौद्धिकक्षमता है, फिर भौतिक लिप्सा से ग्रस्त मनुष्य का आत्मघाती व्यवहार आने वाली पीढिय़ों के समक्ष पश्चाताप की कहानी कहेगा। उन्होंने कहा कि स्त्री रिश्तों में ही क्यों संबोधित  है वह समग्र नागरिक के रूप में कब देखी जाएगी। इस सवाल का जवाब समकालीन पीढ़ी को खोजना होगा। 
उनका कहना था कि हमें अपने आप से यह वायदा करना होगा कि हम बेटी को बचाने के अभियान में स्वंय को ही नहीं समाज के हर रिश्ते को प्रेरित करें। उपायुक्त ने यह बता कर सब को चौका दिया कि करनाल जिला में इस वर्ष एक हजार लडक़ो के पीछे लड़कियों की संख्या 813 है। इस अवसर पर नगराधीश करनाल महेश्वर दत्त शर्मा, सिविल सर्जन डा0 शिव कुमार और आई.एम.ए के जिलाध्यक्ष डा0 राजीव गुप्ता ने भी घटते लिंगानुपात पर विचार व्यक्त करते हुए चिन्ता व्यक्त की और उपायुक्त की इस पहल का स्वागत करते हुए उन्हें आश्वासन दिलाया कि वे इस मुहिम को जारी रखने में कोई कोर कसर नहीं रखेंगे। 
उपायुक्त के अतिरिक्त आज करनाल के न्यायिक परिसर में जिला एवं सत्र न्यायधीश राज राहुल गर्ग की अध्यक्षता में न्यायधीशों,वकीलों व न्यायिक कर्मचारियों ने बेटी बचाओं का संकल्प लिया। जिला परिषद के अध्यक्ष अंग्रेज सिंह धूमसी ने स्थानीय जिला परिषद कार्यालय में कर्मचारियों व जनप्रतिनिधियों के साथ कन्या बचाओं का संकल्प लिया। सामान्य अस्पताल परिसर में सिविल सर्जन डा0 शिव कुमार व आई.एम.ए के जिलाध्यक्ष डा0 राजीव गुप्ता की उपस्थिति में संकल्प लिया। दूसरी ओर स्थानीय महाविद्यालयों व अन्य शिक्षण संस्थाओं में भी अध्यापकों व विद्यार्थियों ने प्रार्थना सभा में यह संकल्प लिया। करनाल की एक अन्र्तराष्ट्रीय फुटवियर कम्पनी लिबर्टी के हजारों कर्मचारियों ने कन्या भ्रूण हत्या न करने तथा इस बुराई में सहयोग न देने की प्रतिज्ञा ली। शहर में कई जगह दुकानदारों व सिटीजन कमेटियों के प्रतिनिधियों द्वारा भी उक्त संकल्प लिया गया।  
इसके अतिरिक्त असन्ध उपमण्डल में उपमण्डलाधीश आर.के.सिंह की उपस्थिति में अधिकारियों व कर्मचारियों ने कन्या भू्रण हत्या मिटाने बेटी का मान बढ़ाने तथा जागरूकता फैलाने का संकल्प लिया। उपमण्डल इन्द्री, जिला की सभी पी.एच.सी व सी.एच.सी परिसरों में भी इस तरह का संकल्प लिया गया। कन्या बचाओं की प्रतिज्ञा ग्रामीण क्षेत्रों में भी पंचायती राज संस्थाओं की उपस्थिति में ली गई। 
कन्या भू्रण हत्या के खिलाफ जागरूकता के लिए सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग करनाल की नाटक व भजन मण्डलियां चालू मास में करीब ऐसे 60 गांव में जहां लड़कियों की संख्या एक हजार की तुलना में 500 से भी कम है, कार्यक्रम प्रस्तुत करेगी। इसी प्रकार एक सामाजिक संस्था शुरूआत समिति के कलाकार जिला की सभी पी.एच.सी में कन्या भ्रुण हत्या के विरूद्ध सांस्कृतिक अपील के तहत औरत की दुनिया के समस्त रिश्तों को सम्बोधित नाटक साधना, जन्मोत्सव व मां का मंचन करेंगे। 

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