Friday, September 30, 2011

कन्या भ्रूण हत्या करने वालों को देवी पूजा करने का अधिकार नहीं:कासनी


करनाल काम्बोज/अनेजा
उपायुक्त नीलम प्रदीप कासनी ने जिला के लोगों का आहवान किया कि जो कन्या भू्रण हत्या करवाते है, ऐसे लोगो को देवी की पूजा करने का कोई अधिकार नहीं। उन्होंने कहा कि कन्या भी देवी का रूप होता है। यदि लडक़ा अपने परिवार का चिराग है तो लडक़ी दो घरों की रोशनी। 
उपायुक्त करनाल की एन.डी.आर.आई के स्टाफ क्लब में आयोजित कन्याभू्रण हत्या की रोकथाम के लिए जिला में चलाए जा रहे जागरूकता कार्यक्रम के तहत सम्बोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि घटता लिंगानुपात समाज के सामने एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है। यह समस्या प्रकृति ने नही दी है बल्कि समाज के लोगों ने अपने द्वारा बनाये गये नियम व रूढ़ीवादी विचारों के कारण पैदा की है। उन्होंने कहा कि लड़कियों की संख्या इसी प्रकार कम होती गई तो भविष्य में इसके परिणाम खतरनाक साबित होगें। इस सामाजिक कुरीति को रोकने के लिए आम आदमी का सहयोग जरूरी है। उन्होंने कहा कि यदि लोग समाज के प्रति अपनी जिम्मेवारी समझे तो सामाजिक बुराईयां अपने आप ही समाप्त हो जायेगी।
उन्होंने कहा कि आधुनिक युग में लड़कियां लडक़ों से किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं है । जरूरत इस बात की है कि उन्हें हर क्षेत्र में अपनी प्रतिभा दिखाने का सुअवसर प्रदान किया जाये। उन्होंंने आज फिर दोहराया की  आगामी 6 अक्तूबर को प्रात: 9 बजे चाहे कहीं भी हो वे अपने संकल्प कन्याभू्रण हत्या नही करेगे और नही करने देंगे। उन्होंने कहा कि यह सिलसिला तब तक जारी रखना है जब तक लिंगानुपात में समानता नही होती। यह संकल्प हर महीने की 6 तारीख को लेना है। इस मौके पर उन्होंने उपस्थित जनसमुह को शपथ दिलाई कि जागेगें जगाएंगे, बेटी को बचाएंगे। बेटी है घर का मान, यह सब को बतायेगे। कन्याभू्रण हत्या मिटाएंगे, बेटी का मान बढाएंगे। 
इस अवसर पर उपायुक्त ने  शुरूआत समिति के कलाकारों द्वारा कन्याभू्रण हत्या की रोकथाम विषय पर आधारित जन्मोत्सव व साधना नाटक की प्रस्तुति पर खुशी जाहिर की और कहा कि यह नाटक लोगों की मानसिकता बदलने में कारगर साबित होगा। उन्होंने कहा कि नाटक किसी भी घटना को जीवन्त करने का एक सशक्त माध्यम है और इन कलाकारों ने भी शानदार नाटक दिखाकर सभी दर्शको के मन को जीत लिया। 
इस अवसर पर सिविल सर्जन डाक्टर शिव कुमार ने कन्या बचाओ पर बल देते हुए कहा कि यह कार्य किसी कानून बनाने से पूरा नहीं होगा, बल्कि इसके लिए समाज को जागरूक होने की जरूरत है। उन्होंने कहा करनाल की उपायुक्त ने इस कार्य के लिए पहल की है। उनकी इस पहल के तहत प्रत्येक मास की 6 तारीख को 9 बजे इस अभिशाप के खिलाफ लोगों को एक मिनट के लिए अपने आप से संकल्प लेना होगा कि न ही कन्याभ्रूण करवायेंगे और न ही होने देंगे। इस मौके पर साहित्यकार राजीव रंजन ने भी समाज की इस बुराई के खिलाफ लोगों से एकजुट होकर काम करने पर बल दिया और कहा कि साधना लघु नाटिका समाज की इस बुराई पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण रोल अदा कर सकती है। इस नाटिका में यह दर्शाया गया है कि एक लडक़ी पहले अपने माता-पिता के अनुसार चलती है और बाद में वह अपने ससुराल वालों के अनुसार चलने पर मजबूर होती है, जिससे लडक़ी की आजादी कहीं न कहीं खत्म होती दिखाई देती है। इस अवसर पर इलाहाबाद से डा0 अजय जेतली, कुरूक्षेत्र से डा0 राम निरंजन,दिल्ली से रंजीता, डा0 इन्दु बाली, डा0 भुवनेश्वर भास्कर, डा0 नेहा, करनाल से डा0 विश्वास, अम्बाला से गगनदीप, देहरादून से डा0 ममता  उपस्थित थे। 

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