Thursday, September 22, 2011

गरीबों की सेवा करने से प्रभु चरणों का सुख प्राप्त होता है:लच्छू धूडिय़ा


इन्द्री सुरेश अनेजा
समाज सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है। समाज सेवा में जनकल्याण की भावना निहित होती है। गरीबों की सेवा करना ही मानवता का परम धर्म है। गरीबों की सेवा करने से प्रभु चरणों का सुख प्राप्त होता है। यह कहना है जनहित कल्याण सभा के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष लच्छू धूडिय़ा का। लच्छू धूडिय़ा आज जनहित कल्याण सभा द्वारा किये गये एक अन्न वितरण कार्यक्रम में बोल रहे थे। जनहित कल्याण सभा द्वारा आज तीस गरीब परिवारों को नि:शुल्क काले चने वितरित किये गये। इस अवसर पर हुए एक सामाजिक कार्यक्रम में अपने अध्यक्षीय संबोधन में लच्छू धूडिय़ा ने कहा कि जनहित कल्याण सभा एक सामाजिक संस्था है। इस संस्था द्वारा समय समय पर मेडिकल कैंप,आई कैंप,ब्लड कैंप,गरीबों को राशन वितरण जैसे सामाजिक सेवा के काम किये जाते हैं। सभा द्वारा इन मेडिकल कैंपों में गरीब व्यक्तियों को दवाई भी मुफत दी जाती है। इस अवसर पर उन्होंने सामाजिक संस्थाओं से यथासंभव गरीबों,असहायों की मदद करने की अपील की। उन्होंने सरकार से इन्द्री को रेलवे लाइन से जोडऩे की मांग की तथा कहा कि जनहित कल्याण सभा इससे पहले भी यह मांग कई बार उठा चुकी है। इस अवसर पर सभा के अध्यक्ष सुरेंद्र शर्मा,संस्थापक रोशन लाल प्रजापति,संजीव कुमार,सुरेश भाटिया,सतबीर मग्गू,तरूण मेहता,राजपाल वर्मा,राकेश कश्यप,जयभगवान रोहिला,अनिल काम्बोज,विनोद,शंटी,टिंकू,मोंटी सहित काफी संख्या में सभा के सदस्य मौजूद रहे।


साईकिलिंग चैंपियन बना शहीद उधमसिंह राजकीय कॉलेज
इन्द्री सुरेश अनेजा
कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित अंतर महाविद्यालय साइकिलिंग प्रतियोगिता में शहीद उधमसिंह राजकीय कॉलेज के छात्रों ने प्रथम स्थान पाया है। यह प्रतियोगिता कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय में 20 से 21 सितंबर तक आयोजित की गई जिसमें कई महाविद्यालयों के खिलाडिय़ों ने भाग लिया। शहीद उधमसिंह कॉलेज के छात्र दीपक कुमार व परमजीत ने तीन-तीन स्वर्ण एवं एक-एक रजत पदक प्राप्त किया। इसके अतिरिक्त विनोद कुमार ने दो स्वर्ण पदक एवं जगबीर सिंह ने एक स्वर्ण पदक प्राप्त किया। सभी विजेता खिलाडिय़ों को विश्वविद्यालय के खेल निदेशक डॉ. दलेल सिंह ने सम्मानित किया। इन सभी खिलाडिय़ों को शारीरिक प्रशिक्षक प्रो0 सतप्रकाश ने प्रशिक्षित किया।


बुढ़ेड़ी व सांतड़ी गांव के स्कूली बच्चों के स्वास्थ्य की जांच
इन्द्री सुरेश अनेजा
 स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुढ़ेड़ी व सांतड़ी गांव के प्राईमरी स्कूलों में बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की गई। जिन बच्चों में खून की कमी पाई गई, उनका ईलाज स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य कें द्र में किया जाएगा। 
      भादसों पीएचसी के डाक्टर राजेश चौधरी के नेतृत्व में स्कूली बच्चों को चैक किया गया। बुढ़ेड़ी गांव के स्कूल में नौ बच्चों में खून की कमी मिली और सात बच्चों के दांतों में कीड़े लगे मिले। सांतड़ी गांव के स्कूल में 16 बच्चों में खून की कमी, आठ बच्चों के दांतों में कीड़े लगे व दो बच्चों के कान बहते मिले। 
             डा. चौधरी ने बताया कि उनके द्वारा एक दर्जन स्कूलों के बच्चों के स्वास्थ्य की जांच कर चुके हैं। ज्यादातर बच्चों में खून की कमी व बच्चों के दांत खराब हैं। ऐसे बच्चों का सामुदायिक स्वास्थ्य कें्रद में ईलाज किया जाएगा। इस मौके पर अध्यापक रामनिवास मौजूद रहे। 


उपमण्डल बनने के दो साल बाद भी नहीं बना पशुपालन कार्यालय
 इन्द्री,सुरेश अनेजा
इन्द्री को उपमण्डल बने दो साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी यहां उपमण्डल अधिकारी (पशुपालन) कार्यालय स्थापित नहीं किया गया है। विभाग द्वारा इस मामले में पूरी तरह उदासीनता बरते जाने से पशुपालकों में निराशा का माहौल है। यही नहीं पशुपालकों को अपने पशुओं का इलाज करवाने के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ रही हैं। राजकीय पशु चिकित्सालयों व औषधालयों में पशु चिकित्सकों व पशुधन विकास सहायकों  (वीएलडीए) के कईं-कईं वर्षों से पद खाली पड़े हैं। इससे विवशता में लोग चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों से पशुओं का इलाज करवा रहे हैं। पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के नाम पर विभाग में निजीकरण को बढ़ावा दिए जाने से भी पशुपालकों में रोष व्याप्त है।
एक तरफ तो सरकार द्वारा पशु पालन को बढ़ावा देने के दावे किए जा रहे हैं, दूसरी तरफ पशु पालकों के लिए सुविधाओं के नाम पर ढ़ाक के वही तीन पात वाली स्थिति बनी हुई है। इन्द्री को उपमण्डल का दर्जा मिले दो साल से अधिक समय बीत जाने के बावजूद विभाग उपमण्डल कार्यालय बनाने की दिशा में आगे बढ़ता हुआ नजर नहीं आ रहा है। इससे विभाग की सुस्त चाल को लेकर सरकार की किरकिरी हो रही है। हलका विधायक डॉ. अशोक कश्यप, जिला परिषद सदस्य प्रदीप काम्बोज, पूर्व जिला परिषद सदस्य सुनील काम्बोज व सुमेरचंद मुरादगढ़ का कहना है कि उपमण्डल बनाते हुए मुख्यमंत्री ने विभिन्न घोषणाएं की थी लेकिन आज तक पशुपालन कार्यालय स्थापित नहीं किए जाने के कारण सरकार के दावों का झूठ लोगों के सामने आ गया है। इन्द्री स्थित राजकीय पशु अस्पताल के भवन की हालत कईं साल से जर्जर बनी हुई है। अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं का भी टोटा है। दूसरी तरफ यह अस्पताल पशुओं की आबादी वाले क्षेत्र में नहीं है। शहर के साथ सटे गांव गुढ़ा व पशु पालकों वाले वार्ड में अस्पताल नहीं होने के चलते पशुपालकों के लिए अपने पशुओं को अस्पताल तक लेकर जाना एक समस्या बना हुआ है।
उपमण्डल के गांव खेड़ा के राजकीय पशु अस्पताल में पिछले चार साल से पशु चिकित्सक का पद खाली है। गांव के लोग कईं बार इसको लेकर विभाग व प्रशासन के उच्चाधिकारियों के सामने गुहार लगा चुके हैं। गांव जैनपुर साधान स्थित पशु औषधालय में छह साल से वीएलडीए का पद रिक्त है। यहां पर लम्बे समय से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ही पशुओं का इलाज कर रहा है। गांव के सरपंच राजेश कुमार बिट्टू, पूर्व सरपंच श्याम लाल, अमर सिंह सैनी, दिलबाग सिंह, ग्रामीण धनी राम, सुभाष सैनी, सुरेन्द्र सैनी ने बताया कि उनके गांव के औषधालय में अनेक गांवों के लोग पशुओं का इलाज करवाने के लिए आते थे लेकिन पिछले छह साल से वीएलडीए नहीं होने के चलते औषधालय में सूनापन पसरा हुआ है। महिला चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी औषधालय में आकर बैठी रहती है। गांव ब्याना, चांद समंद, कलसौरा, रंदौली, नगली व खुखनी में भी वीएलडीए का पद खाली है। इनमें से अधिकतर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी को लोग डॉक्टर साहब कह कर पुकारते हैं और अपने पशुओं का इलाज करवाते हैं। उपमण्डल के गांव रायतखाना में विभाग द्वारा स्थापित किया गया शूकर विस्तार केन्द्र बंद कर दिया गया है। 
इस बारे में हरियाणा राज्य पशु चिकित्सक संघ के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सज्जन सिंह व वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ.अशोक अरोड़ा का कहना है कि भारतीय पशु चिकित्सा परिषद अधिनियम 1984 में पंजीकृत पशु चिकित्सक की देखरेख में पशुओं के इलाज करवाए जाने की व्यवस्था की गई है लेकिन अब विभाग को निजीकरण की राह पर चलाया जा रहा है। जिला स्तर पर वेटनरी पोली क्लिनिक स्थापित करने की योजना को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। डिप्लोमा वेटनरी एसोसिएशन के प्रदेश उपाध्यक्ष बीएस नरवाल का कहना है कि गरीब पशुपालकों के कल्याण से जुड़ी योजनाओं को सरकार द्वारा समाप्त किया जा रहा है। पूरे जिले में वीएलडीए के विभिन्न पद रिक्त होने के चलते पशुपालकों को समस्याएं पेश आ रही हैं। 

No comments:

Post a Comment