करनाल काम्बोज/अनेजा
हरियाणा के वित मंत्री सरदार हरमोहिन्द्र सिंह चटठा ने स्थानीय पंचायत भवन में आयोजित जिला लोक सम्पर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक में बोलते हुए कहा कि कष्ट निवारण समिति की बैठक, विधायक व मंत्रियों के पास तथा वीआईपी के पास बहुत से लोग अपना पक्ष ऊंचा रखने के लिए झूठी शिकायतें करते हैं, तथ्य को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जाता है। इससे उसके समाधान में दिक्कत आती है। उन्होंने कहा कि शिकायत सच्ची होनी चाहिए उस पर कार्यवाही जरूर होगी।
बैठक में प्रस्तुत एजेंडा में कुल 9 परिवादों का निवारण किया जाना था। अध्यक्ष द्वारा सुनवाई के बाद 6 शिकायतों के परिवादियों को संतुष्ट करके उनका निष्पादन किया गया। शेष 3 शिकायतों में जांच पूरी न होने तथा परिवादी संतुष्ट न होने के कारण उन्हें अगली बैठक के लिए लम्बित रखा गया। पहली 3 शिकायतें पुलिस विभाग से ताल्लुक थी। इसमें एक नम्बर की शिकायत तरावड़ी निवासी श्रीमती दीपिका रानी की दहेज प्रताडऩा संबंधी थी जो गत मास से लम्बित थी। परिवादी और परिवादिया दोनो तरफ के लोग उपस्थित थे। दोनों ओर से आरोप-प्रत्यारोप होते रहे। आखिर अध्यक्ष ने विवेकपूर्ण फैसला करते हुए परिवादी दीपिका रानी को विश्वास दिलाया कि उसे उसकी पढ़ाई के सभी प्रमाण पत्र डुप्लीकेट विश्वविद्यालय से निकलवाकर दे दिये जायेंगे। दीपिका और शिकायतकर्ता के पति को इस कार्य का जिम्मा दिया गया। इस निर्णय पर शिकायतकर्ता को संतुष्ट करवाया गया। स्मरण रहे कि इस शिकायत में परिवादिया ने अपने पति पर आरोप लगाया था कि वह उसके साथ प्रताडऩा करता है इसलिए वह उसके साथ नहीं रहना चाहती। उसका आरोप है कि वह शिक्षित है। उसके सभी शिक्षा के प्रमाण पत्र उसके पति के पास हैं। वह उन्हें देने से इंकार कर रहा है।
दूसरी शिकायत गांव कतलाहेड़ी के परिवादी राजकुमार की जमीन के बंटवारे से संबंधी थी। इस विवाद में असंध के उप-पुलिस अधीक्षक जांचकर्ता थे। उन्होंने बैठक में बताया कि सभी भाईयों में जमीन का बंटवारा ठीक से करवा दिया गया है और किसी को शिकायत नहीं है। इस पर अध्यक्ष ने इस मामले को फाईल करने के निर्देश दिये।
इसी प्रकार एक अन्य शिकायत में नंगला रोड़ान वासी महिला आशरूम का आरोप था कि पुलिस उनके पति को जबरन किसी केस में फंसा रही है। इस मामले में शिकायतकर्ता के परिवार की महिलाएं काफी देर तक अपना पक्ष रखती रही और अपने आपको निर्दोष बताती रही। अध्यक्ष ने पूरी कहानी सुनने के बाद शिकायतकर्ता से कहा कि वे पुलिस अधीक्षक के माध्यम से इसकी पुन: जांच करवायेंगे। शिव कालोनी निवासी सुरेन्द्र महंतो की शिकायत थी कि उनकी कालोनी का एक झोला छाप डाक्टर ईलाज के नाम पर लोगो के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहा है। इस मामले के जांचकर्ता सिविल सर्जन ने बताया कि कथित डाक्टर के क्लिनिक पर जाकर दवाईयों और लाईसेंस की जांच की गई, 26 अलग-अलग नाम की अंग्रेजी दवाईयां पकड़ी गई। सिविल सर्जन ने बताया कि झोला छाप डाक्टर का चालान कर पुलिस में केस दर्ज करवा दिया गया।
एजेंडा में शामिल अगली शिकायत धूमसी निवासी लालचंद की थी। गत महीने से लम्बित इस शिकायत में शिकायतकर्ता का आरोप था कि उसका एक्सीडेंट हो गया था और स्थानीय सामान्य अस्पताल में स्टाफ द्वारा उसे ठीक से ट्रीट नहीं किया गया। इसकी जांच अध्यक्ष ने उपमंडलाधीश करनाल को सौंपी थी, परन्तु उपमंडलाधीश द्वारा जांच पूरी न किये जाने पर इस शिकायत को आज फिर अगली बैठक के लिए लम्बित रख दिया गया।
गत मास से लम्बित व रामनगर में कथित रूप से चल रहे टयूशन सेंटर को लेकर एक मामला आज फिर बैठक में उठाया गया। इस मामले में जांचकर्ता जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच के बाद बताया कि अब कथित टयूशन सेंटर को बंद करवा दिया गया है। यहां पर इस समय कोई भी टयूशन सेंटर नहीं चल रहा है। शिकायतकर्ता इस जांच से संतुष्ट है और इस प्रकार इसे फाईल करने के निर्देश दिये गये।
एक अन्य शिकायत बबीता विधवा पत्नि श्री बलबीर सिंह वासी राजीव पुरम करनाल की थी। इसमें उनका आरोप था कि उनकी विधवा पैंशन बनी हुई है परन्तु पिछले कई महीनों से मिल नहीं रही है। इस पर जिला समाज कल्याण अधिकारी के प्रतिनिधि ने जांच रिपोर्ट में बताया कि शिकायतकर्ता की पैंशन बैंक में खाता न होने से रूकी हुई है। अब जिले में मैनुअल पैंशन वितरित की जायेगी और शिकायतकर्ता को भी पैंशन दी जायेगी। इस पर श्री चटठा व अन्य गैर सरकारी सदस्यों ने जिला समाज कल्याण विभाग की कार्य-प्रणाली पर असंतोष व्यक्त किया। और कहा कि इस कार्यालय में किसी भी पीडि़त व्यक्ति की कोई सुनवाई नहीं होती और न ही लोगो के प्रति इनका व्यवहार ठीक है। इस पर अध्यक्ष महोदय ने संज्ञान लेते हुए कहा कि लोगो की शिकायते सुनकर उनका निवारण करना हमारा कत्र्तव्य है, लोगो के साथ अच्छा व्यवहार किया जाना चाहिए। उन्होंने ये भी निर्देश दिये कि अगली बैठक में खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी अगस्त मास की जो मैनुअल पैंशन बंटवायेंगे उसका पूरा रिकार्ड अगली बैठक में प्रस्तुत करेंगे।
ओमप्रकाश सैनी निवासी चांद सराय करनाल द्वारा शिकायत की गई थी कि कुछ लोग नगर निगम की जमीन में अवैध निर्माण कर रहे हैं। इस पर उपायुक्त ने कहा कि जिस जमीन की शिकायत रखी गई है। उसकी दोबारा निशानदेही करवाई जायेगी। यदि अवैध निर्माण मिला तो उसको नगर निगम द्वारा गिराया जायेगा।
इससे पूर्व उपायुक्त ने अध्यक्ष का स्वागत करते हुए उपस्थित अधिकारियों से कहा कि कष्ट निवारण समिति के माध्यम से अधिकारियों को जो निर्देश दिये जाते हैं उन पर यथार्थ में कार्यवाही होनी चाहिए तभी बैठक अर्थपूर्ण कही जायेगी। उन्होंने गैर-सरकारी सदस्यों से भी अनुरोध किया कि वे भी जनता की समस्याओं के निवारण में अपना सहयोग दें।
इस बैठक में करनाल की विधायक श्रीमती सुमिता सिंह व जिला परिषद के चेयरमैन अंग्रेज सिंह धूमसी ने भी लोगो की शिकायतें सुनी और अध्यक्ष महोदय से इनका प्रभावी ढंग से निवारण करने की सिफारिश की।
बैठक में गैर सरकारी सदस्यों में करतार सिंह सिंधड़, कैप्टन ताराचंद, सुरेश कुमार, रणदीप चौधरी, जत्थेदार सूरत सिंह साही, संतोष कुमारी शर्मा, बेदी राम, रामपाल राणा, सुशील गर्ग, रामचन्द्र राणा, घनश्याम दास गुप्ता, सुमेर चंद, रितु सिंह, तेजेन्द्र, कनक रानी, बीर सिंह, सुशील गुप्ता, रिजवान अली, प्रेम सचदेवा, छगन सिंह मढान,नरेश कुमार, मास्टर बलकार सिंह, सुदेश गुलाटी, महिन्द्र सिंह पूनिया तथा प्रमोद गुप्ता सहित जिले के सभी अधिकारीगण उपस्थित थे।
अगस्त मास की पेंशन ग्राम सरपंचों के माध्यम से बांटी जायेगी:कासनी
करनाल काम्बोज/अनेजा
सरकार की सामाजिक पैंशन पाने वालो के लिए अच्छी खबर है। आगामी सोमवार से अगस्त मास की विधवा, विकलांग व वृद्धावस्था पैंशन सभी गांवों में सरपंचों के माध्यम से बांटी जायेगी। यह भी कोशिश रहेगी कि पैंशन पाने वाले पात्र लाभार्थियों को अधिक से अधिक से संख्या में पैंशन मिले।
उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी ने इस संबंध में बताया कि अगस्त मास की पैंशन जिला में मैनुअल यानि बिना मशीन के सरपंच के माध्यम से बांटी जायेगी। सभी पैंशन पाने वाले लाभार्थी पैंशन लेने के लिए अपने-अपने गांव में मौजूद रहे। अधिकारियों को भी निर्देश दिये गये हैं कि यदि कोई लाभार्थी किसी काम से गांव से बाहर है तो उसका पता लगाएं, तलाश कर लें। सरपंच अपने-अपने गांव में बाकायदा मुश्तरी मनादी करके लोगो को पैंशन प्राप्त करने की सूचना देंगे। उन्होंने बताया कि खंड विकास एवं पंचायत अधिकारियों के माध्यम से गांव में पैंशन पहुंच गई है जो सोमवार से बंटनी शुरू होगी। पैंशन बांटने का काम एक सप्ताह में निपटाया जाना है।
पंचायत भवन में अधिकारियों की मीटिंग में उपायुक्त ने यह भी निर्देश दिये कि सोमवार से पैंशन बांटी जानी सुनिश्चित हो, इसके लिए अभी से तैयारी कर लें। सूची में शामिल नामो को सुनिश्चित करें और हर दूसरे दिन बांटी जा चुकी पैंशन की सूचना उपायुक्त कार्यालय में दे।
उपायुक्त ने जिला के तमाम पैंशन प्राप्त करने वाले लाभार्थियों के नाम संदेश में भी कहा है कि वे सोमवार से अपने-अपने गांव में मौजूद रहे और सरपंच के माध्यम से पैंशन प्राप्त कर लें।
जिले के 60 गांव निर्मल ग्राम योजना से जुड़े
करनाल काम्बोज/अनेजा
सामाजिक गतिविधियों में राज्य स्तर तक अपना नाम सुर्खियों में रखने वाले करनाल जिला की नजर अब 60 गांवों को निर्मल बनाने की है। इसके लिए जिला प्रशासन के सभी अधिकारी तैयारियों में जुटे हुए हैं। यही नहीं आज स्थानीय पंचायत भवन में आयोजित एक बैठक में अधिकारियों को एक या एक से अधिक गांव अलाट भी कर दिए गए और उन्हें जिम्मा दिया गया कि वे अपने-अपने गांव में जाकर ग्रामीणों को जागरूक करें और निर्मल गांव के लिए जो भी पैरामीटर है, उन्हें सुनिश्चित करवाएं। इस बैठक में जिला परिषद अध्यक्ष अंग्रेज सिंह धूमसी भी उपस्थित थे।
पंचायत भवन में एकत्रित अधिकारियों को उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी और अतिरिक्त उपायुक्त एम.के.पांडुरंग ने पाठ पढ़ाया कि जैसे भी हो 60 गांव हर हालत में निर्मल गांवों के लिए चुने जाने चाहिए। हालांकि उपायुक्त ने बताया कि इन गांवों में सफाई और पेयजल, कचरा निपटान, शौचालय जैसे पैरामीटरों पर कई महीनों से ध्यान दिया जा रहा है। गांवों के सरपंचों ने भी बीडीपीओज की मार्फत लिखकर दिया है कि वे निर्मल गांव का पुरस्कार पाना चाहते हैं।
स्मरण रहे कि आगामी वीरवार से भारत सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों की टीम करनाल जिला के इन गांवों में आकर औचक निरीक्षण करेगी। निरीक्षण के दौरान जिस तरह के सवाल केन्द्रीय अधिकारी पूछेंगे, उनमें खुले में शौच जाने बारे सवाल पूछा जा सकता है। खाना खाने से पहले बच्चे हाथ धोते हैं या नहीं, यह सवाल स्कूल अध्यापकों से पूछा जायेगा। सरपंच व मेम्बर पंचायत से पूछा जायेगा कि उन्होंने ग्राम सभा की बैठक में ग्रामीण लोगों को सम्पूर्ण स्वच्छता, शिक्षा, आंगनवाडियों का रखरखाव तथा गोबर जैसे कचरे का उचित निपटान करने के लिए ग्रामीणों को जागरूक किया है या नहीं। जोहड़ों की सफाई देखी जायेगी और इस पर सवाल भी पूछे जायेंगे। स्कूलों में बच्चों के लिए पेयजल व शौचालय तथा पेशाबघर की उचित व्यवस्था व उसमें पानी का प्रबंध देखा जायेगा। सम्पूर्ण गांव में सफाई और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए लोगो की जागरूकता भी देखी जायेगी।
उपायुक्त ने सभी बीडीपीओज से कहा है कि वे गांव में सरपंचों को जागरूक करें। जिला शिक्षा अधिकारी से कहा कि वे स्कूलों का दौरा करें और पेयजल व शौचालयों की सुविधाएं सुनिश्चित करवाएं। सभी बीडीपीओ सफाई कर्मचारियों को सफाई में लगा दें। गंदे पानी की उचित निकासी को भी सुनिश्चित करवाएं। लोगों को जागरूक करें कि जन-स्वास्थ्य विभाग की ओर से सप्लाई किए जाने वाले पेयजल को व्यर्थ में नालियों में न बहाएं, जरूरतानुसार ही उसका प्रयोग करें।
उपायुक्त ने विश्वास व्यक्त किया कि अगले एक सप्ताह में निर्मल गांव के लिए तैयार सूची में शामिल सभी गांवों पर ध्यान देने पर बदलाव आ सकता है। उन्होंने बताया कि टीम के सदस्यों द्वारा भोलेभाले ग्रामीणों को स्वच्छता बारे सवाल पूछने पर उसका सही उत्तर न देने पर भी कई बार चयन में बाधा आ जाती है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि आज की बैठक से संकल्प लेकर जाए। उपायुक्त ने यहां तक कहा कि 60 ही क्यों जिला के सभी गांव निर्मल हो, ऐसे प्रयत्न किए जाए। उन्होंने कहा कि स्कूल, हैल्थ, आंगनवाड़ी, गांव में सामान्य सफाई व्यवस्था तथा घरों में शौचालयों की उपलब्धता ये मुख्य कम्पोनेंट हैं। उन्होंने कहा कि पंचायत को एक्टिव रोल करना होगा। सीएमओ को निर्देश दिये गये कि वे गांव-गांव में लोगों को अस्वच्छता के दुष्परिणाम बारे जागरूक करें।
अतिरिक्त उपायुक्त ने बताया कि एनएसएस स्वयं सेवक व नेहरू युवा केन्द्र के सदस्यों को भी जागरूकता में लगाया जायेगा। पीओ आईसीडीएस आंगनवाडियों में सफाई को सुनिश्चित करवाएगी। इसी प्रकार एएनएम व साक्षर समूह की महिलाएं बच्चों व महिलाओं की हैल्थ के लिए जागरूकता निश्चित करेंगी। पशुपालन विभाग गांव में पशु चिकित्सालयों में सफाई और सुविधाओं को सुनिश्चित करवायेंगे। अतिरिक्त उपायुक्त ने बीडीपीओज से कहा कि वे गांव-गांव में विलेज लेवल कमेटी के सदस्यों को भी एक्टीवेट करें।
जिन गांवों को निर्मल गांव के लिए तैयार किया गया है उनमें करनाल खंड के 9, असंध के 18, घरौंडा के 5, इन्द्री के 9, नीलोखेड़ी के 12 तथा निसिंग के 7 गांव शामिल हैं। करनाल खंड के 9 गांवों में भूसली, दरड़, घीड़, मैनमती, मिरगान, रतनगढ़,संगौहा, सुबरी व ऊंचा समाना व असंध खंड के 18 गांवों में अच्छनपुर, बंदराला, डेरा गुजरातिया, डेरा फूलासिंह, गंगटेहडी, झिमरहेडी, कबूलपुर खेड़ा, कोल खेड़ा, खेडीसर्फली, मंचुरी, न्यु झिंड़ा, रत्तक, रिसालवा, रूकसाना, शेखपुरा, ठरवामाजरा, उपलानी व ललैयन, घरौंडा खंड के 5 गांवों में हसनपुर, जमालपुर, कैरवाली, पनौडी व रसीन शामिल है।
इन्द्री खंड के 9 गांवों बुढ़ेडी, फाजिलपुर, कलरी खालसा, खेड़ा, मनक माजरा, मटक माजरी, फू सगढ़, तुसंग व मुरादगढ़ नीलोखेडी खंड के 12 गांवों में एबला खालसा, अमरगढ़, बांकिपुर, भैणी खुर्द, भैणी कलां, ब्राहमाण माजरा, बीड नारायणा, गांगर, नीलोखेड़ी, पतनपुरी, शेखनपुर व सिद्धपुर व निसिंग खंड के 7 गांवों में बजीदा रोड़ान, बिर्चपुर, चिड़ाव, हेमदा, हथलाना, कुचपुरा व शाहपुर के नाम शामिल किये गये है।
No comments:
Post a Comment