करनाल काम्बोज/अनेजा
हरियाणा सरकार द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से वितरित की जाने वाली सभी प्रकार की पैंशन योजना के आवेदन फार्म का सरलीकरण किया गया है ताकि इस योजना के अन्तर्गत अधिक से अधिक योग्य व्यक्तियों को लाभ मिल सके। वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के अन्तर्गत नये लाभपात्रों के आवेदन फार्म माह अक्तूबर 2011 में भरे जायेंगे।
इस संबंध में जानकारी देते हुए उपायुक्त श्रीमती नीलम पी. कासनी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के माध्यम से वृद्धावस्था सम्मान भत्ता, विधवा व निराश्रित महिलाओं की पैंशन, विकलांग पैंशन, लाडली सामाजिक सुरक्षा भत्ता, निराश्रित बच्चों की वित्तीय सहायता एवं स्कूल न जाने वाले विकलांग बच्चों को वित्तीय सहायता योजना के अन्तर्गत अधिक से अधिक योग्य व्यक्तियों को लाभ प्रदान करने के उददेश्य से योजना के अन्तर्गत प्रयोग किये जाने वाले आवेदन फार्माे का सरलीकरण किया गया है। योग्य व्यक्तियों की पहचान करने एवं विभाग की कार्य-प्रणाली में पारदर्शिता लाने के लिये सरकार द्वारा निर्णय लिया गया है कि उक्त स्कीमों के आवेदन पत्र ग्रामीण क्षेत्रों में संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा शहरी क्षेत्रों में संंबंधित सचिव नगरपालिका के कार्यालय में उपलब्ध है, जिन्हें पात्र आवेदक इन फार्मों को पूर्ण रूप से भरकर तथा आवश्यक दस्तावेज संलग्न करके ग्रामीण क्षेत्रों में अपने संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी तथा शहरी क्षेत्रों में सचिव नगरपालिका को प्रस्तुत करके आवेदन पत्र की प्राप्ति रसीद भी प्राप्त करेंगे तथा अपने पास पैंशन स्वीकृत होने तक सुरक्षित रखेंगे।
उपायुक्त ने बताया कि आवेदन पत्र में मांगी गई पूर्ण सूचना भरकर ही प्रस्तुत करें क्योंकि जिला समाज कल्याण अधिकारी हर दृष्टि से स्वीकृति के पात्र या योग्य तथा पूर्ण आवेदन पत्र को स्वीकृत करते हुए डाटा विभागीय वेबसाइट पर अपडेट करेंगे यदि कोई आवेदन पत्र किसी कारणवश स्वीकृति हेतु पात्र या योग्य नहीं पाया जाता तो ऐसे में आवेदन फार्मो को जिला समाज कल्याण अधिकारी अस्वीकृत करते हुए एक साल की अवधि तक अपने कार्यालय रिकार्ड में संभाल कर रखेंगे। उन्होंने बताया कि वृद्धावस्था सम्मान भत्ता योजना के अन्तर्गत नये लाभपात्रों के आवेदन फार्म माह अक्तूबर 2011 से लिये जायेंगे। पात्रता के लिये व्यक्ति की आयु 60 वर्ष या अधिक तथा हरियाणा का निवासी होना चाहिये। आवेदक की पारिवारिक आय 50 हजार रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिये। वह व्यक्ति जो किसी स्थानीय निकाय या संस्था जिसे किसी भी सरकार से वित्तीय सहायता मिलती है, पैंशन ले रहा है वह वृद्धावस्था सम्मान भत्ता का हकदार नहीं होगा। उन्होंने बताया कि आवेदन पत्र के साथ जन्मतिथि का प्रमाण पत्र या फोटोयुक्त वोटर पहचान कार्ड अथवा विद्यालय प्रमाण पत्र आदि संलग्न करना अनिवार्य है। ऐसे आवेदक जिनके पास प्रमाण पत्र नहीं हैं उन्हें अपने निकटतम सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से इस उददेश्य के लिये गठित दो डाक्टरों की कमेटी से अपनी आयु का अनुमान करवाना होगा।
श्रीमती कासनी ने बताया कि विधवा या निराश्रित महिलाओं को पैंशन आवेदन पत्र के साथ पति की मृत्यु का प्रमाण पत्र व बेसहारा होने का कारण, आयु 18 वर्ष या अधिक, हरियाणा की मूल निवासी तथा आवेदन पत्र देने की तिथि को एक वर्ष से हरियाणा राज्य में रह रही हो तथा सभी स्त्रोतों से आय 30 हजार रुपये वार्षिक से कम हो। इसी प्रकार विकलांग पैंशन के आवेदन फार्म के साथ विकलांगता प्रमाण पत्र, निराश्रित बच्चों को वित्तीय सहायता के लिये बेसहारा होने का प्रमाण पत्र व संरक्षक का पहचान पत्र व संरक्षक की आय 30 हजार रुपये वार्षिक से अधिक न हो, बच्चे की आयु 21 वर्ष से कम, हरियाणा का मूल निवासी हो। उन्होंने बताया कि लाडली सामाजिक सुरक्षा भत्ता योजना का लाभ लेने के लिये आवेदन पत्र के साथ आवेदक की जन्म तिथि का प्रमाण पत्र, परिवार की आय सभी स्त्रोतों से 2 लाख से अधिक न हो तथा माता की आयु 45 वर्ष व कोई पुत्र न हो। यदि माता जीवित न हो तो पिता को लाभ मिलेगा। इसी प्रकार स्कूल न जाने वाले विकलांग बच्चों को वित्तीय सहायता लेने के लिये आवेदन पत्र के साथ प्रार्थी की जन्मतिथि का प्रमाण पत्र, 70 प्रतिशत या अधिक विकलांगता, मानसिक विकलांगता आई.क्यू. 50 से अधिक न हो का प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि बौना भत्ता योजना, किन्नर भत्ता योजना तथा कश्मीरी परिवारों को वित्तीय सहायता योजना के अन्तर्गत लाभ प्राप्त करने के लिये आवेदन फार्म आवेदक सीधे तौर पर संबंधित जिला समाज कल्याण अधिकारी को प्रस्तुत कर सकते हैं।
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मोतीलाल नेहरू स्पोटर्स स्कूल राई ने आमंत्रित किये शैक्षणिक सत्र 2012-13 में दाखिले के लिए आवेदन
करनाल काम्बोज/अनेजा
मोतीलाल नेहरू स्पोटर्स स्कूल राई सोनीपत ने शैक्षणिक सत्र 2012-13 में चौथी, छठी तथा ग्याहरवीं कक्षा में दाखिले के लिए आवेदन आमंत्रित किये है। यह जानकारी मातीलाल नेहरू स्पोटर्स स्कूल के प्रवक्ता ने दी।उन्होंने बताया कि कक्षा चौथी व छठी के लिए आवेदन पत्र जमा करवाने की अन्तिम तिथि 8 नवंबर 2011 तथा ग्याहरवीं कक्षा के लिए 29 फरवरी 2012 निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि कक्षा चौथी के लिए लिखित परीक्षा 22 जनवरी 2012 को राई, हिसार, नारनौल, सिरसा, कुरूक्षेत्र तथा फरीदाबाद में होगी। इन स्थानों पर कम से कम 100 आवेदकों का आवेदन होना जरूरी है। इससे कम आवेदन होने पर इनका सेंटर बदला जा सकता है। उन्होंने बताया कि कक्षा छठी के लिए लिखित परीक्षा राई में 29 जनवरी 2012 को होगी। इसके अलावा 26 फरवरी 2012 को कक्षा चार व छह के लिए उन बच्चों का शारीरिक दक्षता टेस्ट होगा। जिन्होंने लिखित परीक्षा में मेरिट हासिल की है। उन्होंने बताया कि 8 अप्रैल 2012 को ग्याहरवीं कक्षा के लिए लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता टेस्ट तथा साक्षात्कार राई, स्थित मोतीलाल नेहरू स्कूल में होगा। कक्षा चौथी में लगभग 100 बच्चों का दाखिला होगा। इनमें से 80 फीसदी सीटें हरियाणा के निवासियों के लिए आरक्षित हैं।
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मधुमक्खी पालन को बढ़ावा देने का उपायुक्त ने किया युवाओं को आह्वान
करनाल काम्बोज/अनेजा
उपायुक्त नीलम प्रदीप कासनी ने जिले के किसानों, बेरोजगार युवाओं व महिलाओं का आह्वान किया है कि वे मधुमक्खी पालन व अच्छी नस्ल के दुधारू पशुपालन जैसे काम धन्धों को स्वरोजगार के रूप में अपना कर अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाएं। उन्होंने बताया कि हरियाणा जैसे कृषि प्रधान राज्य में जनसंख्या बढऩे के परिणाम स्वरूप कृषि योग्य भूमि पर दबाव बढ़ रहा है और कृषि जोत निरंतर कम होती जा रही है। ऐसे में मधुमक्खी पालन, मछली पालन व डेयरी जैसे नये काम धंधे अपनाने की आवश्यकता दिन प्रतिदिन महसूस हो रही है। इनमें मधुमक्खी पालन व डेयरी महत्वपूर्ण व्यवसाय के रूप में उभर कर सामने आए है। उन्होंने जिले के किसानों को सलाह दी है कि वे भी खेती के साथ-साथ इन कार्यों को सहायक धंधे के रूप में अपनाएं। उन्होंने बताया कि इससे किसानों की आमदनी में अतिरिक्त बढौतरी होगी और उनकी माली हालत सुदृढ़ होगी। श्रीमती कासनी ने मधुमक्खी पालन को एक लाभकारी व्यवसाय बताते हुए कहा कि इस व्यवसाय को महिलाएं भी आसानी से कर सकती है और ऐसे व्यक्ति भी कर सकते हैं जिन के पास अपनी भूमि नहीं है, क्योंकि मधुमक्खी के छत्ते अनुत्पादक व बंजर भूमि के अतिरिक्त भवनों की छत्तों पर भी रखे जा सकते है। उन्होंने बताया कि यदि किसान कृषि के साथ-साथ मधुमक्खी पालन का कार्य भी करता है तो उसकी आमदनी दोगुनी हो जाएगी। यह व्यवसाय भूमि, पानी वनस्पति जैसे प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण में भी सहायक है। उन्होंने बताया कि शहद की मांग काफी बढ़ रही है क्योंकि यह अनेक दवाईयों को बनाने में प्रयोग किया जाता है तथा इससे सौंदर्य प्रसाधन कि वस्तुएं भी बनाई जाती है तथा यह नष्ट न होने वाला खाद्य पदार्थ है। उन्होंने बताया कि मधुमक्खी पालन के काम मेंं बहुत ज्यादा संसाधनों की जरूरत नहीं होती, बल्कि बहुत कम खर्च से इस व्यवसाय को चलाया जा सकता है। इसी प्रकार दुधारू पशु डेयरी का कार्य भी बहुत लाभदायक है। उन्होंने बताया कि इन कार्यों को पुरूष व महिलाएं बडी आसानी से चला सकते है। इस व्यवसाय को चलाने के लिये सरकार द्वारा आसान किस्तों पर ऋण भी मुहैया करवाया जाता है।
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