इन्द्री काम्बोज/अनेजा
उन्होंने कहा कि किसान सिर्फ बीज पर खर्च करके 6 से 7 हजार रूपये का लाभ कमा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस दौरे का हमारा उदेश्य यह देखना है कि मक्का की पैदावार कैसी है? इसकी गुणवता कैसी है? इसकी आनुवंशिकता कैसी है ताकि इस संकर किस्म के बीज का व्यावसायिक उत्पादन शुरू किया जा सके। उन्होंने कहा कि हरियाणा में मक्का की फसल पिछले काफी समय से होती आ रही है। लेकिन किसानो को पूरी पैदावार नहीं मिल पा रही थी। इसका मुख्य कारण बाजार में अच्छी किस्म के बीजों का ना होना था। लेकिन आज बाजार में एचक्यूपी एम् 1 और एच एम् 4 बेबिकोर्न हाइब्रिड बीज उपलब्ध है। जिनको खेतो में डाल कर किसान ज्यादा पैदावार कर सकते है ओर ज्यादा पैसा भी कमा सकते है। मक्का के गुणों के बारे में बताते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के सहायक महानिदेशक डॉ.जे एस संधू ने कहा कि जो लोग मॉस अण्डा नहीं खाते है उनके लिए मक्का एक वरदान है। मक्का खाने से प्रोटीन एवं कई प्रकार के मिनरल्स मिलते है। बच्चो एवं गर्भवती महिलाओ के लिए मक्का काफी फायदेमंद साबित होता है। इसकी फसल किसान सारा साल कर सकते है। लेकिन इसके लिए फरवरी से नवम्बर का समय उचित रहता है। उन्होंने किसानो को सरकार द्वारा प्रमाणित किस्मों के बीज प्रयोग करने की सलाह दी। उन्होंने बताया की इस समय पूरे भारत वर्ष में मक्का का उत्पादन हो रहा है। सरकार निजी बीज कम्पनियो के साथ मिल कर अच्छी किस्म के हाईब्रिड बीज किसानों को उपलब्ध करा रही है। सार्वजनिक कम्पनियों के साथ मिलकर इसका व्यवसयिक उत्पादन करने के लिए ही हमने इन्द्री में मक्का की पैदावार का निरीक्षण किया है। उन्होंने कहा की हमारे किसानों को हाइब्रिड मक्का की पैदावार की जानकारी होनी चाहिए। तथा उन्हें पता होना चाहिए की उन्हें किस बीज से ज्यादा मुनाफा हो सकता है। इसके लिए सरकार द्वारा समय समय पर किसानों के लिए प्रशिक्षण शिविर भी आयोजित किये जाते हैं ताकि किसान मक्का कि पैदावार से संबंधित आवश्यक जानकारियां हासिल करके व्यवसायिक उत्पादन में योगदान दे सके।
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