करनाल काम्बोज/अनेजा
उपायुक्त श्रीमती नीलम पी. कासनी ने बैंक अधिकारियों को निर्देश दिये कि वे सरकारी योजनाओं एवं बैंकिंग सेवाओं का लाभ ज्यादा से ज्यादा जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाये, ताकि वे इनका लाभ उठाकर अपनी आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ कर सके। बैंक अधिकारी ग्राहकों के साथ नम्रतापूर्वक व्यवहार लाने के लिये अपने दृष्टिकोण में परिवर्तन लाये और उनका सही मार्गदर्शन करें। इस बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त एम.के.पांडुरंग व जिला परिषद के चेयरमैन अंग्रेज सिंह धूमसी तथा पी.एन.बी. के वित्तीय साक्षरता एवं ऋण परामर्श केन्द्र के प्रभारी एम.डी. पूनिया भी उपस्थित थे।
श्रीमती कासनी लघु सचिवालय के सभागार में जिला अग्रणी बैंक द्वारा आयोजित गत वित्तीय वर्ष की अंतिम त्रैमासिक बैठक में बैंक अधिकारियों के साथ लक्ष्यों की समीक्षा कर रही थी। उन्होंने बैंक अधिकारियों को आगाह किया कि अब लोग शिक्षित व जागरूक हो चुके हैं इसलिए सभी बैंक अधिकारी अपनी कार्यशैली में बदलाव लाएं अन्यथा उन्हें इसके भयंकर परिणामों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि बैंक अपने-अपने एरिया के जरूरतमंद लोगों से सीधे तौर पर मिले और उनकी बैकग्राऊंड के बारे में जाने, कि उन्हें किस क्षेत्र में स्वरोजगार स्थापित करना है, यह सब जानकारी हासिल करने के उपरांत ही आर्थिक सहायता प्रदान करें। ऐसा करने से बैंक की रिकवरी में भी बढ़ोतरी होगी। बैंक अधिकारी समाज सेवा क्षेत्र में अपना दायरा बढ़ाये और दूसरों के उत्थान के लिए कुछ सोचे। उन्होंने कहा कि केन्द्र व राज्य सरकार ने गरीब लोगों के स्वरोजगार की जो योजनाएं लागू की है उन योजनाओं के तहत उपलब्ध करवाई जाने वाली वित्तीय सहायता की निर्धारित समयावधि में अदायगी करें। बैंक सेवाओं का लाभ बड़े उद्योगपतियों, व्यापारियों के साथ-साथ छोटे से छोटे मजदूर तक भी पहुंचाये तभी देश का समग्र विकास होगा। बैंक अधिकारियों को चाहिए कि वे लोगों विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाली जनता को बैंकिंग सेवाओं की जानकारी देकर उन्हें जागरूक करें। बैठक में पंजाब नेशनल बैंक के डी.जी.एम. ए.के.चढ्ढा ने कहा कि बैंक अधिकारियों को अपनी शक्ति का सही तरीके से प्रयोग करते हुए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक बैंकिग सेवाएं पहुंचानी चाहिए और छोटे से छोटे कामगार मजदूर को प्राथमिकता के आधार पर ऋण मुहैया करवाएं।
उन्होंने बताया कि बैंक सेवाओं के ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार के लिए जिले में 2 वित्तीय साक्षरता एवं ऋण परामर्श केन्द्र स्थापित किये गये हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को बैंकिंग सेवाओं के प्रति जागरूक किया जा सके। उन्होंने बताया कि निर्धारित राष्ट्रीय लक्ष्य के अन्तर्गत वर्ष 2010-11 के दौरान करनाल जिला के बैंकों में जमा राशि 4 हजार 205 करोड़ रुपये से बढक़र 5 हजार 158 करोड़ रुपये हो गई है।
समीक्षा बैठक में भारतीय रिजर्व बैंक के प्रतिनिधि के.सी.गुप्ता ने बताया कि रिजर्व बैंक पालिसी के तहत 2 हजार तक की आबादी के गांवों को बैंकिंग सेवाओं से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि बैंकों का कार्य केवल खाते खोलना ही नहीं है बल्कि उन्हें बैंकिंग की सभी वित्तीय सेवाएं लोगों तक पहुंचानी चाहिए इनमें मु यत: सेविंग, लघु जीवन बीमा तथा के्रडिट सेवाएं शामिल हैं। उन्होंने बैंको के प्रतिनिधि से कहा कि वे विद्यार्थियों को आगे पढऩे के लिए ऋण अवश्य दे। उन्होने कहा कि इससे देश का विकास तो होगा ही वही देश में शिक्षा की दर को बढ़ावा मिलेगा। नाबार्ड के सहायक महाप्रबन्धक प्रमोद कुमार ने जानकारी दी कि हरियाणा में संयुक्त देयता समूह योजना केवल करनाल जिला में सहकारी बैंकों के माध्यम से लागू की है जिसके अन्तर्गत हरियाणा के सभी जिला सहकारी बैंको द्वारा संयुक्त देयता समूह का गठन करके ऋण देने के लिए प्रति सहकारिता बैंक को 50 समूहों का लक्ष्य दिया गया है। उन्होंने बताया कि नाबार्ड द्वारा करनाल की एन.डी.आर.आई. को डेयरी रिसर्च कार्यो के प्रचार-प्रसार को बढ़ावा देने के लिए करीब 10 लाख रुपये की स्वीकृति प्रदान की है जिसमें से 5 लाख रुपये की राशि जारी की जा चुकी है। उन्होंने बैठक में बैंकर्स से कहा कि वे स्वयं सहायता समूहों का ज्यादा से ज्यादा गठन करे। अग्रणी बैंक प्रबन्धक सुनील खोसा ने बैठक में उपस्थित करनाल जिला के सभी बैंकों से आए सभी प्रतिनिधियों से बीती तिमाही की रिपोर्ट ली और उन्हें निर्देश दिये कि वे कम ब्याज ऋण स्कीम के तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों को फायदा पहुंचाये। उन्होंने कहा कि जिन बैंकों ने अपने लक्ष्य पूरे नहीं किये हैं वे अगली बैठक में लक्ष्य पूरे करके आए। उन्होंने कहा कि सभी बैंक कम से कम 200 किसानों के कृषि कार्ड बनाए। उनका लक्ष्य है कि कोई किसान बिना कृषि कार्ड के न रहे। उन्होंने कहा कि 15 अक्तूबर तक प्रत्येक बैंक 40 खाते जरूर खोले।
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