Thursday, September 8, 2011

जिंदा बुजुर्ग को मृत घोषित कर काटी पेंशन

घरौंडा(प्रवीन/तेजबीर )
            समाज कल्याण विभाग द्वारा एक जिंदा बुजुर्ग को मृत घोषित कर उसको मिलने वाली मासिक पैंशन काट दी है। बुजुर्ग का परिवार पिछले छह महीनों से समाज कल्याण विभाग दफ्तर के चक्कर काट रहा है। बुजुर्ग के परिवार ने गांव के पूर्व सरपंच, नम्बरदार व चौकीदार पर झुठी जानकारी देने का आरोप लगाया है।
अपने घर मे रोजमर्रा की तरह कामकाज करने मे लगा गांव पनौंडी निवासी बुजुर्ग मंगतराम है। हैरानी की बात तो यह है कि  यह काम कर रहा चलता फिरता इंसान समाज कल्याण विभाग द्वारा कागजों में मृत घोषित किया हुआ है। जी हां सरकारी रिकाडऱ् में करीब 8 महीनें से मंगत राम की मौत हो चुकी है।
पनौंडी निवासी मंगत राम ने बताया कि दिसंबर 2010 तक  समाज कल्याण विभाग से बुढापा पेंशन मिलती रही। लेकिन मार्च 2011 में जब मैं अपनी तीन महीने की पेंशन लेने पहुंचा तो मुझे बताया कि मेरी पेंशन कट चुकी है। जिस वजह से मुझे मेरी पेंशन नही मिलेगी। इसके बाद मैंने समाज कल्याण विभाग के कई महीनें तक चक्कर काटे लेकिन कोई पेंशन बंद होने का कोई कारण नही पता चल पाया। 
थक हार कर मंगतराम के पुत्र राकेश ने सूचना के अधिकार के तहत समाज कल्याण विभाग से पेंशन बंद किए जाने के कारणों की जानकारी मांगी। लेकिन आरटीआई नियमों के तहत एक माह तक कोइ्र्र भी जवाब न मिल पाने की सूरत में आवेदक ने दूसरी अपील चंडीगढ़ हेड आफिस में की। 20 जुलाई 2011 की सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी को देख कर मंगत राम के परिवार होश उड़ गए। एपीआर रिकाडऱ् में समाज कल्याण विभाग द्वारा मंगतराम को मृत दर्शाकर उसकी पेंशन बंद कर दी। 
जानकारी मिलने के बाद से ही मंगतराम खुद को जीवित साबित करने का प्रयास करने में लगा है ताकि बंद हो चुकी बुढ़ापा पेंशन उसे फिर से मिल सके।लेकिन अभी तक भी समाज कल्याण विभाग ने मंगतराम की पेंशन को बहाल नही किया। मंगतराम व उसके पुत्र राकेश ने पेंशन काटे जाने का आरोप गांव के पूर्व सरपंच, नंबरदार व चौकीदार पर लगाया है। जिनके द्वारा झुठी जानकारी देने की वजह से समाज कल्याण विभाग ने उसकी पेंशन बंद कर दी।

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