Sunday, September 25, 2011

किसान धान की फसल में अंधाधुन्ध कीड़े मार दवाइयों का प्रयोग करते है:वाई पी मदान


करनाल सुरेश अनेजा
हरियाणा प्रदेश मे किसान धान की फसल में अंधाधुन्ध कीड़े मार दवाइयों का प्रयोग करते है जिससे धान की गुणवत्ता में कमी आ रही है। डा.वाई.पी. मदान, प्रधान वैज्ञानिक कीट विज्ञान कृषि विभाग करनाल की और से गांव मूनक मे धान की फसल पर आत्मा स्कीम के अन्तर्गत किसान प्रशिक्षण शिविर में बोल रहे थे। उन्होंने किसानों को धान की फसल मे नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े व बीमारियों की जानकारी देते हुये बताया कि वे इस अवसर पर उन्होंने किसानों को बताया कि कीड़े व बिमारियों का प्रकोप होने पर ही विशेषज्ञों की राय से कीडऩाशक दवाइयों का प्रयोग करना चाहिये। इस अवसर पर डा. वी.पी. सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक ने किसानों को धान का उच्चकोटि का बीज तैयार करने की विस्तृत जानकारी देते हुये बताया कि किसानों को साल में एक बार दलहन की फसल आवश्य लेने चाहिये। उन्होंने किसानों को बताया कि उनको धान की पराली जलाने की बजाये मिट्टी मे मिलानी चाहिये जिससे भूमि की ही उर्वरा शक्ति बढ़ेगी। इस अवसर पर डा.वजीर सिंह, उपमण्डल कृषि अधिकारी करनाल ने किसानों को शिविर आयोजित करने के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये बताया कि किसानों को धान की फ सल की आधुनिक जानकारी से शिक्षित किया जाएगा ताकि ये किसान मार्ग दर्शक किसान की भूमिका अदा कर सकें। उन्होंने आगे कहा कि उपस्थित किसानों को वैज्ञानिकों द्वारा कृषि की बारे मे आधुनिक जानकारी को अपने आस पास के सभी किसानों तक  पहुंचाने का अनुरोध किया ताकि कृषि विभाग की किसानों के लिये उपयोगी योजनायें किसानों तक आसानी से पहुंच सकें।
इस अवसर पर डा.राजेन्द्र सिंह कृषि विकास अधिकारी गुढा ने बताया कि मूनक गांव के किसानों ने धान की फसल मे मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार ही रासायानिक खादो का प्रयोग किया है जिसकी वजह से धान की फसलो में वर्ष 2010-2011 की बजाए इस साल कीड़े और बीमारियों का प्रकोप कम हुआ। इस अवसर पर डा.शशी पाल शर्मा, विषय विशेषज्ञ करनाल, डा.हरि ओम पशु चिकित्सक मूनक व डा. मनजीत सिंह पूर्व सरंपच मुनक आदि उपस्थित थे।


महिला ही है महिला की दुश्मन:सविता रानी
इन्द्री विजय काम्बोज
    आज समाज में जिस तरह से कन्या भ्रूण हत्या की घटनायें लगातार बढ़ती जा रही हैं,का कारण महिलायें ही हैं। महिला ही महिला की दुश्मन बनी हुई है कन्या भ्रूण हत्या समाज पर एक कलंक है और यदि महिलाएं पहल करे तो इस सामाजिक बुराई को जड़ से मिटाया जा सकता है यह कहना है ग्रामीण महिला एंव शिशु विकास समिति की सचिव सविता रानी का। वे कन्या भ्रूण हत्या के प्रति चलाये जा रहे जागरूकता कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को सम्बोधित करते हुए बोल रही थी। उन्होंने महिलाओं को जागरूक करते हुए उन्होने कहा कि महिलाओं को अपने भविष्य के लिए जागरूक होना पड़ेगा तथा इस प्रकार की सामाजिक बुराईयो के खिलाफ एक जुट होकर लडऩा पड़ेगा। महिलाओं का नैतिक कर्तव्य बनता है कि वे इस बुराई को समाज से समाप्त करने में पहल करें। उन्होंने बताया कि प्रसव पूर्व लिंग की जांच करने वाले चिकित्सकों और कन्या भ्रूण हत्या करवाने वाले परिवार को इस कानून के तहत कड़ी सजा व जुर्माना हो सकता है। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वे लिंग जांच करने वाले चिकित्सकों व कन्या भ्रूण हत्या करने वालों को पकड़वाने में पूरा सहयोग दे ताकि इस बुराई पर अंकुश लगाया जा सके। क्योंकि कन्या भ्रूण हत्या के कारण पुरूष-महिला लिंगानुपात में गिरावट आई है जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि यदि कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के लिए कारगर प्रयास न किए गए तो लड़कियों की संख्या इतनी कम हो जाएगी की लडक़ों की शादी हेतु लड़कियां भी नहीं मिलेगी।
    इस अवसर पर समिति की अघ्यक्षा ने कहा कि लड़कियों के गिरते अनुपात के कारण ही समाज में अपराधों विशेषकर महिलाओं व लड़कियों के विरूद्घ अपराधों में बढ़ोतरी होती जा रही है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि महिलाएं चारदिवारी से बाहर निकल कर इन सामाजिक बुराईयों के खिलाफ अपनी आवाज बुलन्द करे । उन्होंने समाज के बुद्घिजीवी वर्ग, सामाजिक, धार्मिक व स्वयं सेवी संस्थाओं सहित सभी जिला वासियों से आग्रह किया है कि वे इस समस्या को गम्भीरता से लें और लोगों को प्रेरित करें कि वे लडक़े-लडक़ी में भेदभाव न करें। इस अवसर पर रमेश,पुष्पा , बिमला, राजकुमारी, डा0 गुरनाम सिंह, डा0 विरेन्द्र सिंह आदि गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

No comments:

Post a Comment