Friday, September 9, 2011

वित्तायुक्त और उपायुक्त ने अधिकारियों के साथ की विकास कार्यों की समीक्षा


करनाल काम्बोज/अनेजा
करनाल जिला में इस वर्ष सिंचाई विभाग द्वारा बाढ़ से बचाव के  लिए किये गए पुख्ता प्रबन्धों के फलस्वरूप यमुना के साथ लगते गांवों में आबादी व जान-माल का नुकसान नहीं हुआ है। अगले वर्ष के लिए बाढ़ से बचाव के और क्या-क्या प्रबंध किए जाने हैं, इसकी प्रोजेक्ट रिपोर्ट विभाग की ओर से तैयार की जा रही है जो अगले 8-10 दिन में सरकार के पास भेज दी जायेगी। केन्द्र सरकार से प्राकृतिक आपदा राहत कोष के तहत करीब 20 लाख रुपये की राशि की दरकार है। जिसकी उपलब्धता संभव हो जाने पर बाढ़ राहत प्रबंधों पर खर्च की जायेगी। 
यह जानकारी सहकारिता विभाग हरियाणा के वित्तायुक्त एवं प्रधान सचिव वरिष्ठ आई.ए.एस अधिकारी श्री कृष्ण मोहन ने स्थानीय लघु सचिवालय के सभागार में बाढ़ बचाव प्रबन्धों, नई पैंशन वितरण प्रणाली व स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों की समीक्षा करते हुए दी। इस बैठक में उपायुक्त श्रीमती नीलम पी.कासनी भी उपस्थित थी। मालूम हो कि हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश के सीनियर वित्तायुक्तों को इन विशेष विभागों की प्रगति का आंकलन करने के लिए निर्देश जारी किए गए , इसी के तहत कृष्ण मोहन को करनाल जिला दिया गया है, जिसकी समीक्षा करने के लिए वे आज दूसरी बार यहां आए। उन्होंने बारी-बारी से पहले सिंचाई, जन-स्वास्थ्य तथा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बाढ़ प्रबन्धों की समीक्षा की और फिर सभागार में ही नई पैंशन वितरण प्रणाली को लेकर समाज कल्याण विभाग व एक्सिस बैंक के अधिकारियों से बातचीत क र जानकारी हासिल की और प्रगति की समीक्षा की।
वित्तायुक्त ने बताया कि इस बैठक में अधिकारियों से विस्तृत बातचीत करके मालूम किया गया है जिसके अन्र्तगत जिला में बाढ़ बचाव प्रबन्धों के तहत समुचित कार्य हुआ है फिर भी बाढ़ की स्थिति पैदा हो जाने की सूरत में अधिकारियों को उससे निपटने के निर्देश दे दिए गए है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश की ओर से जो स्टड लगाए गए हैं, उनसे यमुना के पानी का रूख हरियाणा की तरफ हो जाने से यमुना अपना रास्ता बदल लेती है और ऐसी खेती जो यमुना में खड़ी होती है वह कटाव से प्रभावित हो जाती है। उन्होंने बताया कि यमुना के साथ लगते गांवों व आबादी के साथ रिंग बांधों की मरम्मत की गई है और किसी भी स्थिति में जान-माल का नुकसान नहीं होने दिया जायेगा। 
उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की गतिविधियों की भी समीक्षा की और बताया कि सरकार की ओर से मच्छर व जलजनित बीमारियों की रोकथाम के लिए करनाल जिला के स्वास्थ्य विभाग को 66 लाख रुपये की राशि जारी की गई थी। यह राशि से इन बीमारियों से बचाव के लिए दवाईयों इत्यादि पर खर्च की गई है। यमुना नदी के साथ लगते क्षेत्रों में जहां मलेरियां फैलने की आशंका रहती है वहां विभाग द्वारा ज्यादा ध्यान दिया गया है। वर्तमान में स्वास्थ्य विभाग करनाल के पास जीवन रक्षक दवाईयां व अन्य बीमारियों की दवाईयां पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। 
वित्तायुक्त ने बताया कि नई पैंशन वितरण प्रणाली के तहत जिला में लगभग एक लाख 36 हजार 821 विभिन्न प्रकार की पैंशन के लाभार्थी है इनमें से एक लाख 30 हजार 465 लाभार्भियों का एनरोलमेंट हो चुका है जो 94 प्रतिशत से भी अधिक है। इसके अन्तर्गत एक लाख 28 हजार 764 को स्मार्ट कार्ड वितरित किए जा चुके है जबकि 1701 लाभार्थियों को स्मार्टकार्ड वितरित किये जाने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने बताया कि 6 हजार 356 लाभार्थियों को सूची में लिया जाना है इनमें से काफी व्यक्तियों का अता पता नहीं लग रहा है, कुछ के नामो में त्रुटियां हैं लेकिन इसका उपाय भी किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि करनाल जिला में जुलाई मास तक की पैंशन लाभार्थियों के खातों में जमा करवाई जा चुकी है।  

No comments:

Post a Comment