करनाल काम्बोज/अनेजा
सहकारी बैंक लिमिटेड करनाल के प्रबन्ध निदेशक सतीश कुमार रोहिला व महाप्रबन्धक टी.आर. शर्मा ने गांव पिचोलिया के बाबा साई सहकारी बैंक स्वयं सहायता समूह की प्रधान सुमन देवी व सदस्यों को 40 हजार रूपए की राशि का चैक ऋण के रूप में प्रदान किया है ताकि स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्य स्वरोजगार स्थापित करके आत्मनिर्भर बन सके।
इस मौके पर प्रबन्ध निदेशक सतीश कुमार रोहिला ने बताया कि दि करनाल सहकारी बैंक लिमिटेड करनाल हरियाणा राज्य के सभी केन्द्रीय सहकारी बैंको में ऐसा पहला बैंक है जिसे नाबार्ड ने अगस्त 2010 में सैल्फ हैल्प ग्रुप प्रोमोटिंग इंन्स्टीटयूशन के रूप में मान्यता दी गई है और आगामी दो वर्षो में 400 स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य दिया है। उन्होंने बताया कि हमारे बैंक ने इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए 25 पैक्सों का चयन किया और 25 सैल्फ हैल्प ग्रुप सुपरवाईजर्स पैक्स स्टाफ में से नियुक्त किये गए है। उन्होंने बताया कि सहकारी बैकों की सैल्फ हैल्प ग्रुप योजना गांव की गरीब महिलाओं के लिए अत्यन्त लाभकारी है और करनाल सहकारी बैंक इसे सफलतापूर्वक चला रहा है। उन्होंने आह्वान किया कि कोई भी जरूरतमंद महिला इस योजना का लाभ लेने के लिए बैंक में सम्पर्क कर सकती है। बैंक के माध्यम से सभी स्कीमें पूरे जिले में लागू की जा रही है। बैंक में न केवल स्टाफ बल्कि स्वंय सहायता समूहों को भी लगातार प्रशिक्षण दे रहा है। जिसके परिणाम स्वरूप बैंक अब तक 100 से अधिक स्वंय सहायता समूह का गठन किया जा चुका है।
सहकारी बैंक स्वयं सहायता नोडल अधिकारी समूह के अधिकारी पवन कुमार ने बताया कि यह बाबा साई स्वयं सहायता समूह अक्तुबर 2010 में गठित हुआ था । तब से लेकर यह समूह सफलता पूर्वक कार्य कर रहा है। इस समूह के 20 सदस्य है जिन्होंने 2 हजार रूपये प्रतिमास प्रति बैठक के हिसाब से 22 हजार रूपये इक_े किये है और इन्टर लैण्डिग के रूप में इस राशि को बार-बार देकर 33 हजार रूपये का ऋण अपने सदस्यों को दिया है। कार्यक्रम में जुंडला पैक्स के प्रंबधक कुलदीप सिंह, स्वयं सहायता समूह सुपरवाईजर बलबीर सिंह व गांव की अन्य महिलाएं उपस्थित थी।
बिजली की बढ़ती मांग के दृष्टिगत बिजली निगम ने 150 करोड़ रूपये की व्यापक योजनाएं तैयार की है:कासनी
करनाल काम्बोज/अनेजा
लोगों को पर्याप्त मात्रा में बिजली उपलब्ध करवाने के उददेश्य से वर्तमान राज्य सरकार के कार्यकाल के दौरान हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड द्वारा करनाल जिला में 219 करोड़ 50 लाख की लागत से 220 के.वी. के दो नये सब-स्टेशन व 132 के.वी. के 8 नये सब-स्टेशनों का निर्माण करवाया गया है तथा 24 करोड़ 49 लाख रूपये की राशि खर्च करके 8 पुराने सब-स्टेशनों की क्षमता बढ़ाई गई है। इसके अलावा 82 करोड़ रूपये की लागत से असंध खंड के गांव मुंड में 220 के.वी. सब-स्टेशन व बल्ला गांव में 132 के.वी. सब-स्टेशन का निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।
यह जानकारी उपायुक्त नीलम प्रदीप कासनी ने दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा विद्युत प्रसारण निगम लिमिटेड द्वारा 59 करोड़ रूपये की लागत से 220 के.वी. सब-स्टेशन यूनिसपुर व 60 करोड़ रूपये की लागत से 220 के.वी. नये सब-स्टेशन बसताडा का निर्माण करवाय गया। इसी प्रकार 10 करोड़ रूपये के लागत से गांव भादसों, 11-11 करोड़ रूपये की लागत से शेखपुरा जागीर, नडाना, सीतामाई में 132-132 के.वी. के सब-स्टेशनों का निर्माण, 11 करोड़ 50 लाख रूपये की लागत से 132 के.वी. ब्याना तथा 12-12 करोड़ रूपये की लागत से गांव स्टौंडी, डबरी व रम्बा में 132-132 के.वी. के नये सब-स्टेशनों का निर्माण करवाया गया है। उन्होंने बताया कि निगम द्वारा 24 करोड़ 49 लाख रुपये की लागत से 8 पुराने सब-स्टेशनों की क्षमता बढ़ाई गई है। उपायुक्त ने बताया कि उपभोक्ताओं ें की लगातार बढ़ रही बिजली की मांग के दृष्टिगत निगम ने 150 करोड़ रूपये की व्यापक योजनाएं तैयार की है। इसके अन्तर्गत मुख्यत विभिन्न स्तर के 10 नये सब-स्टेशनों का निर्माण किया जायेगा और 7 पुराने सब-स्टेशनों की क्षमता में बढ़ोतरी की जायेगी।
उन्होंने बताया कि जिले में 52 हजार 459 नए बिजली ट्रांसफार्मर स्थापित किए गए हैं व 1273 पुराने ट्रांसफार्मरों को बदलकर उनकी क्षमता को बढ़ाकर नए ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त जिले में 5 हजार 603 बिजली की वितरण लाईनों में बढ़ोतरी की है। इसी प्रकार उत्तरी हरियाणा बिजली निगम ने 11 के.वी. स्तर के 139 नए फीडरों का निर्माण कर कृषि और घरेलू लोड को अलग-अलग किया है। उन्होंने बताया जिले में विभिन्न श्रेणी के 45 हजार 625 अतिरिक्त बिजली कनैक्शन जारी किए जिनमें 8295 नलकू प कनैक्शन शामिल हैं तथा राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत जिला में गरीबी की रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले 9620 परिवारों को बिजली के मुफ्त कनैक्शन दिए गए।
उन्होंने बताया कि जिले में हाई वोल्टेज डिस्ट्रीब्यूशन प्रणाली के तहत 477 करोड़ रुपये खर्च करके प्रत्येक किसान के खेत में कृषि नलकूपों को बिजली आपूर्ति के लिए स्वतंत्र वितरण ट्रांसफार्मर लगाए गए हैं। उन्होंने बताया कि बिजली वहन करने वाले पुराने कंडक्टर के स्थान पर 645 किलोमीटर नए कंडक्टर लगाए गए हैं जिन पर 18 करोड़ रुपये का खर्चा आया है। उन्होंने बताया कि इस क्रम में अधिक लोड वाले 80 फीडरों को अलग करने की योजना बनाई है जिस पर 4 करोड़ रुपये का खर्चा आयेगा।
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