करनाल विजय कम्बोज
चालू वर्ष 2011-12 में कृषि विभाग की ओर से खेती बाड़ी व इससे जुड़े मत्स्य व पशुपालन जैसे अन्य व्यवसायों के विस्तार व सुधार के लिए करनाल जिला में एक कार्य योजना तैयार की गई है। इसके तहत इस वर्ष 69 लाख रुपये की राशि खर्च की जायेगी। इस राशि से प्राकृतिक साधनों के संरक्षण, धान की फसल के लिए जमीन में पोषक तत्वों को बनाए रखना तथा कृषि में कीट नियंत्रण जैसे उपायों पर बल दिया जायेगा। इसके लिए जिला में एग्रीकल्चर टेक्रोलाजी मेनेजमेंट एजेंसी (आत्मा) के तत्वाधान में गठित प्रगतिशील किसानों की एडवाईजरी कमेटी के सुझाव लिए जायेंगे। यह जानकारी उपायुक्त एवं आत्मा की गवर्निंग बॉडी की अध्यक्ष श्रीमती नीलम पी.कासनी ने आज लघु सचिवालय में इस संबंध में यहां हुई एक बैठक में दी। उन्होंने बताया कि आज कृषि विविधता को अपनाने की जरूरत है। इसके लिए किसानों को जागरूक किया जाना चाहिए और खेती में फसलों का चुनाव व उन्हें कितने क्षेत्र में लगाया जाए, की योजना बनाकर करना चाहिए। उन्होंने कृषि अधिकारियों से कहा कि खेती के साथ-साथ एलाईड सेक्टर जिसमें पशुपालन, मत्स्य पालन, बागवानी को भी बढ़ावा दिया जाए। किसानो के लिए प्रशिक्षण, प्रदर्शन प्लाट और हरियाणा से बाहर दूसरे प्रदेशों में भ्रमण कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जाएं। उपायुक्त ने कहा कि आज जल संरक्षण की अत्याधिक आवश्यकता हो गई है, इसके लिए किसानों को बागवानी व सब्जियों की काश्त पर ध्यान देना चाहिए लेकिन सबकुछ एक प्लानिंग के तहत हो। उन्होंने बताया कि जिला के घरौंडा में सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र पर भी अधिक से अधिक किसानो का भ्रमण करवाया जाए और उन्हें कम खर्च में अधिक मुनाफा लेने वाली सब्जियों की तकनीकी जानकारी हासिल करवाई जाए। उन्होंने कहा कि पिछले काफी सालों से कृषि में किसानों द्वारा प्रयुक्त टेक्रोलाजी के बाद उत्पादन का मूल्यांकन भी जरूरी है। किसानो के जीवन स्तर और आर्थिक स्थिति में कितना सुधार हुआ है इसका भी मूल्यांकन करवाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बहुत से किसानो को इस बात की जानकारी नहीं है कि उनके लिए नरेगा स्कीम के तहत क्या-क्या सुविधाएं उपलब्ध है और इन सुविधाओं को अपनाकर वे किस प्रकार से लाभ उठा सकते हैं इसके लिए किसानो को कृषि विभाग के अधिकारियों व प्रगतिशील किसानो द्वारा जागरूक किया जाना चाहिए।
गवर्निंग बॉडी की बैठक में आत्मा के अध्यक्ष एवं उप-कृषि निदेशक डा0 देवेन्द्र मलिक ने बताया कि बीते वित्त वर्ष में आत्मा स्कीम के तहत 5 लाख 64 हजार 413 रुपये की राशि खर्च करके 282 डेमोस्ट्रेशन करवाये गए। जिला में कृषि, पशुपालन, बागवानी व मत्स्य पालन के लिए 2 लाख 70 हजार रुपये की राशि खर्च करके 56 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाए गए इसमें 1350 किसानो ने भाग लिया। कृषि, पशुपालन, बागवानी तथा मत्स्य पालन से जुड़े किसानो का गुजरात व महाराष्ट्र में भ्रमण करवाया गया। खंड स्तर पर 18 किसानो को 10 हजार रुपये प्रत्येक किसान को कैश अवार्ड दिये गए जबकि जिला स्तर पर 5 उत्कृष्ट किसानो को 25 हजार रुपये की राशि प्रत्येक किसान को एक कार्यक्रम आयोजित करके दी जायेगी। इसी वर्ष कृषि विभाग की ओर से 4 मेलो का आयोजन भी किया गया जिनमें 1200 किसानो ने भाग लिया। किसानो को जागरूक करने के लिए साहित्य वितरण किया गया। इन सभी कार्यो पर 25 लाख 5 हजार 721 रुपये की राशि खर्च की गई।
बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त एम.के.पांडुरंग ने बताया कि सरकार की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों को हरा-भरा तथा प्राकृतिक सौन्दर्य बनाए रखने के उददेश्य से असंध खंड के 7 गांवों में हरियाली कार्यक्रम के तहत जल-प्रबंधन, भूमि सुधार, मत्स्य पालन व पौधारोपण करवाया जायेगा। इनमें कुरलन, अलावला, पक्का खेड़ा, पाढा, शेखपुरा, ठरवा माजरा तथा सालवन शामिल है। मत्स्य पालन के तहत मछली पालन का व्यवसाय करने वाले व्यक्ति को इस स्कीम में 10 प्रतिशत स्वयं खर्च करने होंगे और शेष 90 प्रतिशत राशि सरकार की ओर से खर्च की जायेगी। यदि मछली पालक अनुसूचित जाति से संबंध रखता है तो उसे स्वयं 5 प्रतिशत खर्च करना होगा और शेष 95 प्रतिशत राशि सरकार खर्च करेगी। स्कीम के प्रथम चरण में इन गांवों की बंजर भूमि पर पौधारोपण किया जायेगा। इस स्कीम में 73 लाख रुपये की राशि खर्च की जायेगी।
इस बैठक में किसान क्लब के प्रगतिशील किसानों ने भी भाग लिया। प्रगतिशील किसान ईलम सिंह ने कहा कि किसानो को जल संरक्षण तथा कृषि विविधता के लिए जागरूकता पर और अधिक बल दिया जायेगा। इसी प्रकार किसानो का रूझान उन्नत खेती व बागवानी की ओर बढ़ाने के लिए उन्हे सब्जी उत्कृष्टता केन्द्र पर ले जाकर जागरूक किया जायेगा। ईलम सिंह ने बताया कि वे हर महीने की 10 तारीख को स्थानीय पंचायत भवन में प्रगतिशील किसानों की बैठक आयोजित करते हैं जिसमें इन सब बातों पर विचार-विमर्श किया जाता है और किसानो के सुझाव भी लिये जाते हैं।
बैठक में जिला राजस्व अधिकारी दलेल सिंह, पशुपालन विभाग के उप-कृषि निदेशक गुरमीत सिंह, जिला मत्स्य अधिकारी ईश्वर सिंह, सहायक निदेशक जिला उद्योग केन्द्र आर.एस.शर्मा, बागवानी अधिकारी रणबीर मान, आत्मा इंचार्ज सुखबीर जांगडा, वीरेन्द्र सिंह, मार्किट कमेटी करनाल सचिव ईश्वर सिंह राणा तथा आत्मा के सदस्य भगत राम, देशराज, ईलम सिंह, महेन्द्र सिंह, कान्ता रानी आदि भी उपस्थित थे।
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