घरौंडा- 24 जून(प्रवीन सोनी)
गगसीना में लडक़ी की मौत के मामले में पुलिस द्वारा मृतका के चाचा को नाजायज तरीके से उठाकर यातनाएं देने तथा ग्रामीणों पर किए गए दर्ज मामले के बाद पूरा गांव एक जुट होकर पुलिस प्रशासन के खिलाफ हो गया है। गांव की छत्तीस बिरादरियों के हजारों लोगों ने आज शाम चौपाल में महापंचायत आयोजित कर ये ऐलान कर दिया कि अगर पुलिस ने इस मामले में गांव के किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार या उस पर अत्याचार किया तो वे पुलिस के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लडऩे के लिए तैयार है।
-गांव गगसीना में महापंचायत में मौजूद ग्रामीण व पुलिस की यातनाओं का शिकार युवक नरेंद्र।
छाया-तेजबीर
शुक्रवार को देर शाम गगसीना की चौपाल में ग्रामीणों की महापंचायत पुलिस द्वारा मृतका के चाचा को नाजायज तरीके से उठाकर व उसे यातनाएं दिए जाने के विरोध में हुई। महापंचायत में गांव की महिला पुरूषों के अलावा रायूपर जाटान, ध्याना, ऐंचला, स्टौंडी, बसताड़ा व डींगर माजरा से छत्तीस बिरादरियों के लोगों ने हिस्सेदारी की। इस मौके पर महापंचायत ने 36 बिरादरियों के 31 सदसीय कमेटी जिसमें जयसिंह, जोगिंद्र, जयपाल, आजाद, हवासिंह, जोगिंद्र, दरिया, सुरेंद्र, इंद्र, प्रभा, हवासिंह, लाभसिंह, महाङ्क्षसह, बेदी, जयपाल, राजपाल, रामकुवार , सुदाराम, नरेश, चतरा, बलिराम, मायाराम, पालेराम, रामनिवास, मेसर, प्रेम ङ्क्षसंह, बलबीर, सुखबीर सिंह, पालाराम, गीता सेन व रमेश कुमार को कमेटी का गठन कर यह निर्णय लिया कि मुनक चौंकी इंचार्ज सतप्रकाश दहिया व सूरजमल द्वारा मृतका नेहा के चाचा नरेंद्र को डीएसपी के आश्वासन के बावजूद जबरन गांव से उठाकर मुनक चौंकी में मारपीट की व इसके बाद करनाल ले जाकर उस पर थर्ड़ डिग्री का इस्तेमाल किया गया। जिससे नरेंद्र बुरी तरह से सहमा हुआ है।
मौके पर नरेंद्र कुमार ने महा पंचायत में बताया कि किस प्रकार से मुनक चौंकी इंचार्ज के साथ पांच अन्य पुलिस कर्मियों ने मिल उसको करनाल ले जाकर यातनाएं दी। नरेंद्र ने बताया कि पुलिस द्वारा उसको जबरन ब्यान दिलाने के लिए चार बार यातनाएं दी। नरेंद्र के शरीर पर जगह जगह पर चोट के निशान थे। नरेंद्र ने बताया कि जब वह पुलिस की यातनाओं से नही झुक ा तो पुलिस ने उससे जबरन ब्यान दिलाने के लिए उसकी गुदा में डंडा चड़ा दिया। जिससे वह बुरी तरह से सहम गया।
वीरवार को मृतका नेहा के मामले में पुलिस ने गगसीना गांव के चौबीस लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने के मामले में डीएसपी सुंदर पाल ङ्क्षसंह के समक्ष गांव सैंकड़ों लोगो ने एकत्रित होकर पर्चा रद्द करने की मांग की थी जिस पर डीएसपी ने आश्वासन दे दिया था कि उनकी मांग पर सहानुभूति से विचार किया जाएगा। लेकिन उधर मुनक चौंकी इंचार्ज ने वीरवार को ही दोपहर के समय लडक़ी के चाचा नरेंद्र को उठा लिया और करनाल ले जाकर तरह तरह की यातनाएं दी। जिससे ग्रामीणो ने मुनक चौंकी का घेराव किया व देर रात ग्रामीणों के दबाव में पुलिस को नरेंद्र को छोडऩा पड़ा। लेकिन ग्रामीणों ने जब नरेंद्र के हालात देखे तो वे भडक़ उठे और उन्होंने पुलिस के खिलाफ आर पार लड़ाई लडऩे का बिगुल फुंक दिया और महापंचायत कर ये ऐलान कर दिया कि वे किसी भी कीमत पर नामजद व्यक्तियों में से किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार नही होने देंगे व पुलिस को गांव में नही घुसने देगें।
महापंचायत में मांग की गई कि पुलिस ने गांव के जिन व्यक्तियों पर हत्या जो झुठा मामला दर्ज किया है। वह रद्द किया जाए व जिन पुलिस कर्मियों ने युवक नरेंद्र को यातनाएं दी है। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए। महापंचायत पर
एंचला सरपंच जसबीर, डींगर माजरा सरपंच पृथ्वीसिंह, स्टोंडी महिला सरपंच के पति कुलदीप राणा, जोगिंद्र सिंह, जगरूप संधू, जयसिंह, कुलदीप, पालेराम, सुक्रमपाल, राजपाल, राजबीर, जयपाल, जोगिंद्र, राजबीर , जयसिंह, निरंजन फौजी व आज़ाद सिंह समेत हजारों की तादाद में महिला पुरूष मौजूद रहे।
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