रादौर,21जून कुलदीप सैनी
बिजली निगम के कर्मचारी व अधिकारी किस प्रकार निगम का बंटाधार करने में लगे हुए है इस बात का अंदाजा रादौर के पशु अस्पताल में लगे जलापूर्ति विभाग के टयूबवैल के कनैक्शन को देखकर लगाया जा सकता है। बिजली निगम ने इस टयूबवैल को कनैक्शन देने के लिए तीन किलोमीटर की दूरी से लाईन बिछाई है। जिसके लिए विभाग ने लगभग 85 खंबे लगाए है। जबकि यही कनैक्शन तीन से चार खंभो पर हो सकता था। ऐसा क्यों किया गया इसका खुलासा तो जांच के बाद ही होगा। इसके अलावा खंबे लगाने का जो कार्य किया गया उसमें भी ठेकेदार ने पूरी लापरवाही बरती है। खंबे पहली बारिश की मार भी नहीं झेल पाए है। जिसके चलते आधा दर्जन से अधिक खंबे टूट चुके है जिस कारण पिछले लगभग एक सप्ताह से बिजली व्यवस्था ठप्प पड़ी है। ठेकेदार की इस लापरवाही को किस प्रकार निगम के अधिकारियों ने अनदेखा कर दिया यह सवाल भी स्थानीय लोगों की समझ में नहीं आ रहा है।
हजारों का काम हुआ लाखों में-बकाना रोड़ पर स्थित रादौर के पशु चिकित्सालय में जलापूर्ति विभाग ने एक टयूबवैल लगवाया था। जिस पर बिजली कनैक्शन देने के लिए बिजली निगम ने 85 खंभो की लाईन बिछाई। जिस पर निगम का लगभग 10 लाख रूपये खर्चा आया है। जबकि अगर विभाग चाहता तो पास से ही कनैक्शन ले सकता था। जिसके लिए निगम को ज्यादा से ज्यादा तीन से चार खंभे ही लगाने पड़ते। जो 30 से 40 हजार रूपये के खर्च पर लग जाते। निगम के अधिकारियों ने ऐसा क्यों नहीं किया यह किसी के हल्क से नहीं उतर रहा है।
कभी भी बड़े हादसे को दावत दे सकती है यह लाईन-निगम द्वारा यह लाईन सडक़ के किनारों से होती हुई लगाई गई है। निगम के ठेकेदार ने अपने इस कार्य में बहुत ही लापरवाही बरती है जो कभी भी बड़े हादसे को दावत देने का कार्य कर रही है। ठेकेदार ने खंभों को जमीन में लगभग डेढ से दो फुट ही नीचे गाढ़ा है। जिस कारण यह खंभे पहली आंधी बरसात की मार को भी नहीं झेल पाए। लगाए गए खंभो में से 6 खंभे टूट कर गिर चुके है और बाकी के सभी खंभे गिरने की कागार पर है। खंभे गिरने से यह किसी भी राहगीर को अपनी चपेट में ले सकते है।
नियमों को रखा गया है ताक पर-निगम ने लाईन को बिछाने का जो भी कारण देकर कार्य पूरा करवा लिया हो लेकिन इस कार्य में नियमों को भी पूरी तरह ताक पर रखा गया है। नियम के अनुसार पोल को जमीन में साढ़े पांच फुट नीचे गाढ़ा जाता है। लेकिन यहां पर लगाए गया कोई भी खंभा इस नियम को पूरा नहीं कर रहा है। जिस कारण अब तक इन खंभो में से 6 खंभे उखडक़र टूट चुके है और बाकी के गिरने की कगार पर है। कम गहराई पर लगे होने के बावजूद ठेकेदार ने खंभे के पास मिट्टी लगाने की भी जहमत नहीं उठाई। दूसरे नियम के अनुसार 9 से 10 खंभो के बाद एक डबल पोल की एसटी बनानी होती है। जिसको देखते हुए इस लाईन में कम से कम 8 एसटी लगनी चाहिए थी। लेकिन यह नियम भी ठेकेदार द्वारा ताक पर रखा गया है। साईड स्टे लगाने के नियम के अनुसार 6 पोल के बाद एक पोल पर साईड स्टे लगानी होती है। लेकिन यहां पर यह साईड स्टे पूरी तरह से गायब है।
एक सप्ताह से टूटी पड़ी लाईन की निगम ने नहीं ली सुध-इस लाईन से बिजली ले रहे उपभोक्ताओं को पिछले एक सप्ताह से बिजली नहीं मिल रही है। उपभोक्ता अंग्रेज ङ्क्षसह ढिल्लों, सुरजीत ङ्क्षसह, फूलङ्क्षसह, रामलाल, प्रीतम ङ्क्षसह, अमरसिंह व विजय कुमार ने बताया कि गत दिनों आई आंधी से इस लाईन के खंभे टूट जाने से बिजली व्यवस्था बाधित हो गई थी। लेकिन उसके बाद शिकायत करने के बाद भी आज तक निगम के कर्मचारियों ने इसकी कोई सुध नहीं ली। बिजली न आने से उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों का कहना है कि निगम की लाईन बिछाने में बरती गई लापरवाही कभी भी किसी को अपना शिकार बना सकती है। पूरी लाईन सडक़ पर झूकी हुई है जो कभी भी किसी राहगीर पर गिर सकती है। गत दिनों आई आंधी में एक ऐसा ही हादसा होते होते बचा भी था। लेकिन हर किसी का सौभाग्य साथ नहीं देता।
मामले की होगी गहनता से जांच-इस बारे जब बिजली निगम के एक्सईएन आर के खन्ना से बात की गई तो उन्होंने बताया कि उन्हें मामले की पूरी जानकारी नहीं है। निगम द्वारा ऐसा क्यों किया गया वे इसकी गंभीरता से जांच करेगें। स्थानीय एसडीओं जिस प्रकार का प्रपोजल बना कर भेजतें है उसी के अनुसार निगम के उच्चाधिकारी आगामी कार्रवाई करते है। जांच के दौरान इस कार्य में कोई गडबड़ी पाई जाती है तो इस पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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