Saturday, June 25, 2011

चुनाव नई वार्डबंदी


 यमुनानगर, 25 जून (कुलदीप सैनी)
  नगर निगम यमुनानगर के आगामी चुनाव नई वार्डबंदी के आधार पर करवाए जायेगें तथा नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी की नई वार्डबंदी का कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा। उक्त जानकारी निगम आयुक्त अशोक सांगवान ने अपने कार्यालय में नगर निगम जगाधरी व यमुनानगर के कार्यकारी अधिकारियों तथा सचिवों के साथ-साथ अन्य विभागों के अधिकारियों की बैठक में दी। उन्होंने बताया कि नगर निगम के  यमुनानगर व जगाधरी शहरों के साथ-साथ इस नगर निगम में शामिल 42 गांवों की कुल जनसंख्या का सर्वे पूरा करवा लिया गया है और नगर निगम के आगामी चुनाव नई वार्डबंदी के आधार के पर करवाए जायेगें तथा नगर निगम यमुनानगर-जगाधरी की नई वार्डबंदी का कार्य शीघ्र पूर्ण कर लिया जाएगा। 
श्री सांगवान ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यमुनानगर व जगाधरी शहरों और इसमें शामिल सभी गांवों के  क्षेत्रों की निशानदेही का कार्य शीघ्र पूरा किया जाए ताकि वार्डबन्दी के कार्याे में कोई बाधा न आए। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि जहां जहां तक चारों ओर नगर निगम का क्षेत्र है, वहां वहां पर नगर निगम की सीमा को दर्शाने के लिए सूचना पटट शीघ्र लगाए जाएं ताकि लोगों को नगर निगम की सीमा का पता चल सकें। 
तीन युवको की ट्रेन  की चपेट मे आने से मौत
                                                 अपनी शादी के कार्ड देना जा रहा था एक युवक |
यमुनानगर, 25 जून (कुलदीप सैनी)
 अपनी शादी का कार्ड रिश्तेदारो को देने जा रहे युवक समेत तीन युवको की ट्रेन  की चपेट मे आने से मौत हो गई। मृतकों में से दो की शिनाख्त नहीं हो पाई थी। शिनाख्त न हो पाने के कारण पुलिस ने शवों को सिविल अस्पताल के शव विच्छेद गृह में रखवा दिया था।
लुधियाना निवासी मोहम्मद अयूप ने बताया कि उसके लडक़े मोहम्मद नौशाद की दो जुलाई को शादी होनी थी और आज वह सहारनपुर में अपने सगे संबंधियों को कार्ड बांटने के लिए जा रहा था। उन्हें सूचना मिली की उसके लडक़े की ट्रेन से गिरकर मौत हो गई है। सूचना मिलते ही वह यहां पहुंचे और अपने बेटे की शिनाख्त की। इसके साथ ही दो अज्ञात युवकों के शव अलग-अलग जगहों से रेलवे लाईनों से बरामद हुए जिनमें से एक का शव जगाधरी स्टेशन व रेलवे वर्कशाप स्टेशन के बीच मिला है तो दूसरे का मुस्तफाबाद रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म दो से मिला है। मृतकों की उम्र करीब 25 से 30 साल के बीच बताई जा रही है। मृतक का चेहरा बुरी तरह से खराब हो जाने से मृतक की शिनाख्त नहीं हो पाई है जिनकी शिनाख्त के लिए शवो को शवग्रह में रख दिया गया है।

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करंट  लगने  से एक किसान की मौत  
रादौर, 25 जून (कुलदीप सैनी)
  गांव रत्तनगढ़ के एक किसान को ट्यूबवैल पर पानी पीते समय करंट लग गया। करंट लगने से प्रभावित किसान टयूबवैल की कुई में गिर गया। जिससे उसकी मौत हो गई। बाद में जब आसपास के लोगों ने किसान को कुई में पड़ा देखा तो उसे तुरंत बाहर निकालकर रादौर के एक नीजि अस्पताल में ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शुक्रवार की सुबह गांव में मृतक का अंतिम संस्कार कर दिया गया। 
जानकारी के अनुसार गांव रत्तनगढ़ निवासी 6० वर्षीय जयपाल वीरवार की शाम को अपने खेतों में काम कर रहा था। तभी उसने पानी पीने के लिए टयूबवैल चलाया। टयूबवैल पर पानी पीते समय जयपाल को करंट लग गया। करंट के झटके से जयपाल टयूबवैल की लगभग 1० फुट गहरी कुई में जा गिरा। कुछ देर बाद जब पास के खेतों में कार्य कर रहे गांव के किसान उसके टयूबवैल पर पानी पीने के लिए आए तो उन्होंने जयपाल को कुई में पड़े देखा। तभी जयपाल को बाहर निकाला गया और मामले की जानकारी जयपाल के परिजनों को दी। जिसके बाद जयपाल को रादौर के नीजि अस्पताल में ले जाया गया। जहां पर डॉक्टरों से उसे मृत घोषित कर दिया। किसान की मौत से गांव में मातम का माहौल बना हुआ है। शुक्रवार की सुबह किसान का गांव में अंतिम संस्कार कर दिया गया। 
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टमाटर की फसल का उचित मूल्य मिल रहा है तो किसान के खेत में टमाटर की फसल नहीं है। 
रादौर, 25 जून (कुलदीप सैनी)
 अब पछताए होत क्या, जब चिडिय़ा चुग गई खेत- यह कहावत इस समय किसानों पर चरितार्थ होती नजर आ रही है। किसानों का भाग्य इस वर्ष किसानों को साथ देता दिखाई नहीं दे रहा है। धान के सीजन से लगातार किसानों को कभी प्रकृति तो कभी भाग्य की मार झेलनी पड़ रही है। टमाटर की फसल से उम्मीदें लगाए किसानों को टमाटर की फसल का उचित मूल्य न मिलने से हताशा हाथ लगी थी। लेकिन अब जब किसान को टमाटर की फसल का उचित मूल्य मिल रहा है तो किसान के खेत में टमाटर की फसल नहीं है। जिससे किसान केवल हाथ मलने पर मजबूर है। 
खेत में बची टमाटर की फसल को समेटता किसान। छाया : कुलदीप सैनी
                       टमाटर उत्पादक किसान रामकुमार, महिन्द्र, सतीश सैनी, धर्मपाल, गुरदयाल, सोमप्रकाश ने बताया कि धान की फसल के समय हुई भारी बारिश व बाढ़ के कारण धान की फसल से उन्हें कुछ खास मुनाफा नहीं हुआ था। तब उन्होंने सोचा था कि गेंहू की फसल से यह घाटा पूरा कर लेगें। लेकिन गेंहू की फसल ने भी उन्हें इस बार धोखा ही दिया। गेंहू में आई बिमारियों व मौसम की मार से गेंहू की पैदावार भी  काफी प्रभावित हुई थी। जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा था। तब किसानों ने सोचा कि टमाटर की फसल से इन घाटो को पूरा कर लेगें। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि इस बार उनका भाग्य उनसे पूरी तरह से विमुख हो चुका है। टमाटर की फसल के मंडियों में पहुंचने के बाद किसानों को टमाटर की फसल का उचित दाम नहीं मिला। प्रति करेट के हिसाब से किसानों को 25 से 3० रूपये का मूल्य ही मिल पाया। जिससे किसान का टमाटर की फसल पर आया खर्च भी पूरा नहीं हुआ। कुछ किसानों ने तो अपनी फसल को मंडियों में ले जाना ही बंद कर दिया था। कुछ किसानों ने तो फसल को खेत में ही नष्ट कर दिया था। लेकिन उन्हें क्या पता था कि कुछ ही दिन  बाद टमाटर के मूल्य आसमान छुएगें। अब टमाटर की फसल के पहले के मुकाबले दस गुना मूल्य हो चुका है। अब टमाटर की प्रति करेट 22० से 25० रूपये तक मिल रहा है।  लेकिन किसानों के पास अब केवल पछताने के सिवाए दूसरा कोई चारा नहीं है। जिन किसानो की थोड़ी बहुत फसल खेत में खड़ी हुई है उससे वे किसान अपना घाटा पूरा करने की कोशिश में लगे हुए है। 

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