Wednesday, June 29, 2011

जनसूचना अधिकार के तहत हम किसी भी विभाग की जानकारी ले सकते है:एडवोकेट वरयाम सिंह


रादौर कुलदीप सैनी
 हरियाणा एंटी क्रप्शन सोसायटी की विशेष बैठक प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट वरयाम ङ्क्षसह की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। बैठक में सभी जिलाध्यक्षों व अन्य सदस्यों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उदेश्य  सदस्यों को जनसूचना अधिकार के बारे में अवगत करवाना था। 


बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रदेशाध्यक्ष एडवोकेट वरयाम ङ्क्षसह ने कहा कि जनसूचना अधिकार के तहत हम किसी भी विभाग की जानकारी ले सकते है। जिसके लिए उन्हें निश्चित फीस जमा करवानी होगी। जबकि बीपीएल परिवार से संबध रखने वालों पर कोई फीस लागू नहीं होती। उन्होंने बताया कि जनसूचना अधिकार के तहत संस्था की ओर से जिला यमुनानगर के कई विभागों की सूचना मांगी गई है। मांगी गई सूचनाएं जनता के हित में है। जिनके सार्वजनिक होने के बाद आम जनता को विभाग के बारे में उपयोगी जानकारी मिल सकती है। साथ ही सरकार की ओर से क्या नियम लागू किए गए है, इस बारे में भी लोगों को जानकारी दी जा सकती है। लेकिन कुछ विभागों के अधिकारी सूचना देने की एवज में संस्था के सदस्यों को सूचना देने की बजाए अनावश्यक दबाव भी डाल रहे है। ताकि वे सूचना लेने से मना कर दे।  वरयाम ङ्क्षसह ने कहा कि इस बारे वे जल्द की मुख्य जनसूचना कमीश्रर से मिल कर ऐसे विभागों के अधिकारियों की सूचना उन्हें सौंपकर आगामी कार्रवाई की मांग करेगें। ताकि मांगी गई सूचनाएं उन्हें मिल सके। इस अवसर पर मनदीप सिंह, उदित त्यागी, शेरसिंह मलिक, सचिन सिंह, बीरङ्क्षसह, रणजीत कुमार, संजीत कुमार, विरेन्द्र सिंह, राजन सैनी, लवप्रीत ङ्क्षसह व जयकुमार आदि उपस्थित थे। 
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दंपति ने लगाई जिला उपायुक्त से न्याय की गुहार 
रादौर कुलदीप सैनी
  गांव मसाना रागडांन निवासी एक दंपति ने जिला उपायुक्त से न्याय की गुहार लगाई है। दंपति का आरोप है कि उनके गांव के कुछ व्यक्ति उन्हें नाजायज तंग कर रहे है और जान से मारने की धमकी दे रहे है। जिस बारे वे जिला पुलिस अधीक्षक से भी कार्रवाई की मांग कर चुके है। लेकिन अभी तक इस बारे कोई कार्रवाई नहीं हुई है। गांव मसाना रांगडान निवासी बाबूराम व उसकी पत्नी परमजीत ने बताया कि गत 25 जनवरी को उनके गांव के लाड़ी का गांव की कुछ लोगों के साथ आपसी रंजिश को लेकर विवाद हो गया था। जिसमें दूसरे पक्ष ने लाड़ी के पक्ष के 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया था। इस मामले में उसने लाड़ी के पक्ष की ओर से गवाही की थी। जिस पर दूसरे पक्ष के लोगों ने उसे नाजायज तंग करना शुरू कर दिया।


 19 मई की रात को वे लोग अपने कुछ साथियों के साथ एक इनोवा गाड़ी में आए और उसके घर में घुसकर उसे व उसकी पत्नी के साथ हाथापाई करने लगे। विरोध करने वार उन्होंने   उनके साथ गाली गलौच किया और जातिसूचक शब्द कहते हुए उन्हें जान से मारने की धमकी दी। जिस बारे उन्होंने खेड़ी लक्खासिंह पुलिस चौंकी में भी शिकायत दर्ज करवाई। लेकिन मामले पर कोई कार्रवाई न होते देख 30 मई को उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक से भी न्याय की गुहार लगाई। लेकिन फिर भी आज तक आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। जिस कारण उन्हें अपनी जानमाल का खतरा लगातार बना हुआ है। उन्होंने जिला उपायुक्त से न्याय की मांग की है कि आरोपियों व्यक्यिों के खिलाफ जल्द से जल्द सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। इस बारे जब खेड़ी लक्खाङ्क्षसह पुलिस चौंकी प्रभारी रणधीर सैनी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि शिकायत मे आधार पर मामले की जांच की जा रही है। दो दिन पहले की पुलिस कर्मचारी को महिला के ब्यान लेने के लिए गांव में भेजा गया था लेकिन महिला की तबीयत खराब होने के कारण ब्यान नहीं हो सके। शिकायत पर जल्द की कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 


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विजिलेंस टीम ने किया बाढ़ रोकथाम उपायों में हुई गड़बड़ी का खुलासा
यमुनानगर, कुलदीप सैनी
 बाढ़ की रोकथाम हेतू करवाये गए निर्माण कार्य में जमकर गड़बड़ी हुई है इसका खुलासा दिल्ली व विजिलेंस अंबाला से आई टीम ने किया है। मीडिया द्वारा प्रमुखता से निर्माण कार्य में गड़बड़ी के मामलें को प्रकाशित किये जाने के बाद निर्माण कार्य में प्रयोग हुई सामग्री की जांच को लेकर आज दिल्ली व अंबाला से अधिकारी अपनी टीमों के साथ निर्माण स्थल पर पहुंचे। यहां यह उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष बाढ़ से हुए भारी नुकसान को देखते हुए इस बार प्रशासन द्वारा 68 करोड़ रूपये यमुना के तटबंधो को पक्का करने व अन्य कार्यो के लिए खर्च करने का लक्ष्य रखा गया। जब यह निर्माण कार्य किया जा रहा था तो ग्रामीणों ने पाया कि निर्माण कार्य में सीमेंट का प्रयोग नामात्र किया जा रहा है और इस संबंध में उन्होंने मीडिया से सम्पर्क साधा। मीडिया में आने के बाद स्थानीय अधिकारियों द्वारा सैंपल जरूर लिए गए लेकिन उसके बाद भी निर्माण कार्य में उसी प्रकार सामग्री का इस्तेमाल किया जाता रहा। इसके बाद दोबारा मामलें को उठाया गया जिस पर अब दिल्ली व अंबाला से टीमों ने यहां दस्तक दी है। जब इन अधिकारियों ने निर्माण कार्य को देखा और परखा तो पाया कि निर्माण में भारी गडबडी हुई है।  दिल्ली से आई सैंपलिंग की टीम व विजिलेंस ने इस घोटाले का पर्दाफाश कर दिया। टीम के द्वारा लिए गए सैंपल लैब में भेजने से पहले ही फेल नजर आए जिसके बारे में विजिलेंस की टीम ने अधिकारियों को जिम्मेदार ठहराया। 
केंद्र सरकार व हरियाणा सिंचाई विभाग के वित आयुक्त ने एक संयुक्त टीम का गठन कर जांच व सैंपलिंग का जिम्मा इस टीम को सौंपा। टीम ने जब सैंपल लिए तो पांव तले से जमीन खिसकने लग गई, क्योंकि जिस ब्लाक पर सैंपल लेने के लिए ड्रिल को चलाया जा रहा था उस ब्लाक पर सीमेंट न होकर डस्ट व कोरसेंट ही मिली।


चीफ इंजीनियर, सैंपल टीम फार सैंपलिंग दिल्ली आरके गर्ग ने बताया कि जो ब्लाक बनाए गए है उनमें क्वालिटी नाम की कोई चीज नही है। यह बरसात के बाद आने वाली बाढ़ का पहला झटका भी नही झेल पाएंगे। यहां पर स्थानीय प्रशासन को नजर रखनी चाहिए थी, लेकिन एेसा कुछ नहीं हुआ। यह पहला एेसा मामला है, जिसमें मीडिय़ा की खबर पर संज्ञान लेकर जांच शुरू की गई है। वहीं, अंबाला से आए विजिलैंस के कार्यकारी अधिकारी ने भी श्री गर्ग द्वारा दिये गए वक्तव्य पर ही मोहर लगाई और कहा कि सामग्री में गोलमाल है। उधर सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता आर.के.भौरिया का कहना है कि यहां किसी भी प्रकार की कोई धांधली नही है। यहां के सभी सैंपल पास हुए है। इससे पहले जो सैंपल लिए गए है, उनकी अभी रिपोर्ट नहीं आई है। उधर ताजेवाला के सरपंच का कहना है कि प्रशासन को युद्ध स्तर पर काम पूरा करवाना चाहिए ताकि बाढ के प्रकोप से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि पहले निर्माण सामग्री न आने के कारण काम रूका रहा और अब मानसून आने वाला है लेकिन निर्माण कार्य अभी अधूरे हैं। 

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