Wednesday, June 22, 2011

योग से व्यक्तित्व का विकास होता है।कासनी


करनाल  22 जून,विजय कम्बोज

उपायुक्त श्रीमती नीलम पी. कासनी ने कहा कि स्वस्थ तन और मन के लिये योग जरूरी है। योग से मनुष्य रोगमुक्त व तनाव रहित हो जाता है और योग से व्यक्तित्व का विकास होता है। उपायुक्त आज प्रात: जिला जेल में भारत विकास परिषद की करनाल शाखा द्वारा आयोजित योग शिविर का शुभारम्भ करने के बाद बंदियों को सम्बोधित कर रही थी। 


उन्होंने कहा कि कुछ चीजे जिन्दगी मे सीखनी जरूरी हैं, योग भी इनमें से एक है लेकिन योग करने के लिये इसका प्रशिक्षण व अभ्यास जरूरी है। इसके बाद ही योग के आसन व क्रियाओं को सही ढंग से किया जा सकता है। उन्होंने अपनी तकरीर में बंदियों से मुखातिब हो कहा कि सभ्यता के विकास के बाद समाज में रहने वाले व्यक्तियों को आजादी और उनके अधिकार मिले, लेकिन जब मनुष्य अपनी आजादी के दायरे से बाहर निकलकर दूसरों के अधिकार व आजादी में खलल या सामाजिक नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे सजा का भागीदार बनना पड़ता है। आप लोगों के साथ भी जाने-अनजाने में कुछ ऐसा ही हुआ जिससे आपको जेल में आना पड़ा। यहां आकर आजादी सिमट जाती है। ऐसे माहौल में रहकर दिल और दिमाग का संतुलन नहीं रहता और इसके लिये संयम बनाए रखना अति जरूरी है लेकिन संयम या ठोसपन सबके वश में नहीं है। उसके लिये किसी न किसी अच्छे ज्ञान की प्रेरणा चाहिए जिसे पाकर व्यक्ति अपनी मानसिक ताकत को जिंदा रख सके और बेकाबू न हो और इसके लिये योग सबसे उत्तम साधन है। 


उपायुक्त ने कहा कि योग मनुष्य को शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रखता है। उन्होंने बंदियों से कहा कि वे भारत विकास परिषद की ओर से आयोजित शिविर में योग का प्रशिक्षण देने आए अनुदेशको की बातों को ध्यान से सुने और उनके द्वारा करवाई जा रही क्रियाओं को ध्यान से करें। शिविर के बाद बंदियों में से कुछ व्यक्ति योग सीखकर आगे के लिये प्रतिदिन आपको योग करवाते रहे। उन्होंने कहा कि जेल में रहकर योग करने से आपके व्यवहार में फर्क आयेगा और इसके परिणाम दूरगामी होंगे। जेल से बाहर जाकर आप न केवल एक अच्छे इंसान के रूप में समाज के लोगों के सामने जायेंगे, बल्कि अपने व्यवहार से उन्हें दिखाएंगे कि आप में कुछ न कुछ बदलाव आया है और इसके लिये जरूरी है कि मन लगाकर योगा करें। उन्होंने कहा कि न केवल योग बल्कि भक्ति-संगीत इत्यादि सुनने में भी अपनी रूचि बढ़ाये। बंदियों में भी कई प्रतिभाशाली हैं। उस प्रतिभा को आपस में बांटे। 
इससे पूर्व उपायुक्त ने जिला जेल के महिला वार्ड में जाकर वहां योगा सीख रही महिला बंदियों को सम्बोधित किया। उन्होंने महिलाओं से कहा कि वे योग से जुडक़र अपने मन पर नियंत्रण रखना सीखे और अपने व्यवहार में बदलाव लायें। जेल में योग शिविर आयोजित करवाने के लिये उपायुक्त ने जेल अधीक्षक शेरसिंह व भारत विकास परिषद के पदाधिकारियों की सराहना की। 
जेल अधीक्षक शेरसिंह ने उपायुक्त का स्वागत किया और जिला जेल में बंदियों के लिए जुटाई जा रही सुविधाओं की जानकारी दी। उन्होंने उपायुक्त को बताया कि आज से प्रारम्भ होकर योग शिविर 30 जून तक चलेगा और इसके बाद प्रतिदिन योग प्रशिक्षित बंदी व जेल कर्मचारी कैदियों को योग करवायेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि जेल में चल रहे संगीत कार्यक्रम से कैदी जुड रहे हैं और उनका रूझान भक्ति की ओर बढ़ रहा है। 
इस अवसर पर जेल उप-अधीक्षक संजीव कुमार बुधवार, डाक्टर वी.के.ठाकुर,  भारत विकास परिषद करनाल की ओर से राजेश गोयल, संदीप अरोड़ा, प्रतिभा बंसल, ठाठ सिंह, सूर्य देव, जेल वार्डर राम प्रकाश शर्मा भी उपस्थित थे। 


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