जिलाधिकारी जनसमस्याओं को दे प्राथमिकता:हरमोहिंद्र सिंह चट्ठा
करनाल विजय काम्बोज
हरियाणा के वित्त मंत्री श्री हरमोन्द्रि सिंह चट्ठा ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि वे अपने-अपने कार्यालयों में जनता की कठिनाई को प्राथमिकता से सुने और उनके साथ आत्मीयता से पेश आएं ताकि वे महसूस करें कि सरकार द्वारा उनकी समस्याओं की सुनवाई की जा रही है। अधिकारी अपने-अपने मोबाईल फोन पर भी जन-प्रतिनिधियों की बात सुनकर उनकी समस्याओं का निपटारा कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने जन-प्रतिनिधियों को भी विकास कार्यो के संदर्भ में प्रशासन को अपना पूर्ण सहयोग देने की बात कही।
श्री चट्ठा आज स्थानीय पंचायत भवन में जिला लोक सम्पर्क एवं कष्ट निवारण समिति की बैठक में लोगों की समस्याएं सुनने से पूर्व जिलाधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वे अपने 35 वर्षो के राजनैतिक कार्यकाल के दौरान तीसरी बार करनाल जिला की कष्ट निवारण समिति के अध्यक्ष बने हैं और यह जिला उनका अपना गृह जिला है। बैठक में उपस्थित कष्ट निवारण समिति के सरकारी व गैर सरकारी सदस्यों को देखकर उन्होंने कहा कि सभी सदस्यों को कष्ट निवारण समिति के एजेंड़ा में रखी गई शिकायतों को पढक़र आना चाहिए, विशेषकर उन शिकायतों पर विशेष ध्यान देना चाहिए जो उनके क्षेत्र से संबंधित है। इससे समस्या को निराकरण करने में आसानी रहेगी और दोनों पक्षों को न्याय मिलेगा।
वित्त मंत्री ने कष्ट निवारण समिति के एजेंड़ा में कुल 9 शिकायतों में से 6 शिकायतों का मौके पर ही समाधान किया तथा शेष 3 समस्याओं से संबंधी कार्यवाही रिपोर्ट अगली बैठक में संंबंधित अधिकारियों को प्रस्तुत करने के निर्देश दिये। एजेंडे में रखी गई शिकायतों के अलावा जिले के लगभग 200 अन्य लोगों की शिकायतें भी सुनी गई। उप-आबकारी एवं कराधान आयुक्त से संबंधित शिकायत पर वित्त मंत्री श्री चट्ठा ने संज्ञान लेते हुए संबंधित अधिकारी को निर्देश दिये कि जिला के किसी भी गांव में खुर्दो के माध्यम से शराब की बिक्री न होने दें और इस पर गंभीरता से कार्यवाही करें, केवल अधिकृत ठेकों के माध्यम से शराब की बिक्री होनी चाहिए। ज्ञात रहे कि अध्यक्ष ने यह निर्देश गांव साम्बली निवासी रीना, दिशा, अंगूरी, रामकली व कष्ट निवारण समिति के सदस्य करतार सिंह की शिकायत को सुनते हुए दिये। इसी प्रकार गांव पनौड़ी निवासी रामनिवास की शिकायत पर अध्यक्ष ने इस गांव के डिपो होल्डर का लाईसेंस संदेह के आधार पर रदद करने के लिए जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक को निर्देश दिए। वास्तव में इस डिपो धारक से गांव के ही एक व्यक्ति रामनिवास ने सूचना के अधिकार के तहत डिपो के रिकार्ड की मांग की थी, और रिकार्ड उपलब्ध नहीं करवाये जाने पर डिपो होल्डर ने शिकायतकत्र्ता को यह कहा था कि उसका रिकार्ड कहीं गुम हो गया है इस पर अध्यक्ष ने पुलिस विभाग को जांच करने के निर्देश दिये कि वे यह सुनिश्चित करें कि डिपोधारक का रिकार्ड वास्तव में ही गुम हुआ है या नहीं।
वित्त मंत्री ने गांव महमल थरोटा निवासी श्रीमती तेज कौर पत्नि देसा सिंह की शिकायत का निवारण करते हुए अतिरिक्त उपायुक्त व जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक को निर्देश दिये कि उक्त प्रार्थी वास्तव में ही बी.पी.एल. परिवार की सूची में शामिल होने की सभी योग्यताएं रखती हैं इसलिए इसका नाम शीघ्रातिशीघ्र बी.पी.एल. सूची में दर्ज करवायें जबकि प्रार्थी का नाम पहले भी बी.पी.एल. सूची में शामिल था जो किसी कारणवश कट गया था । इसी प्रकार गांव उपलाना निवासी ज्ञान सिंह व धन सिंह द्वारा की गई शिकायत पर वित्त मंत्री ने शिकायतकत्ताओं के बैठक में उपस्थित न होने के कारण उनकी शिकायत पर कोई चर्चा नहीें की और इस केस को फाईल करने के निर्देश दिये।
एक अन्य शिकायत गांव फफड़ाना निवासी दिनेश कुमार पुत्र सत्यवान शर्मा द्वारा की गई थी इस पर अध्यक्ष श्री चट्ठा ने कड़ा रूख अपनाते हुए उपायुक्त को निर्देश दिये कि झूठी शिकायत करने वाले प्रार्थियों के खिलाफ भी कार्यवाही करे क्योंकि प्रार्थी द्वारा झूठी शिकायत करने से कष्ट निवारण समिति के सदस्यों व जिला प्रशासन का बहुमूल्य समय नष्ट होता है। इस संबंध में बैठक में उपस्थित श्रीमती सुमिता सिंह ने भी इस बात का समर्थन किया कि जो शिकायतकत्र्ता शिकायत करने के बाद बैठक में नहीं आता उसकी शिकायत झूठी मान ली जाए और उसे फाईल कर दिया जाए। इसी प्रकार सिंचाई विभाग से संबंधी रामसिंह द्वारा रखी गई शिकायत पर श्री चटठा ने कष्ट निवारण समिति के सदस्यों श्री बलकार सिंह व सुदेश गुलाटी को जिम्मेदारी सौंपी और कहा कि वे स्वयं मौके पर जाकर उसका मुआयना करें और मामले का दोनों पक्षो के आपसी सहमति से समझौता करवाएं। जिला शिक्षा अधिकारी से संबंधी रामनगर के लोगों द्वारा रखी गई शिकायत पर वित्त मंत्री ने जिला शिक्षा अधिकारी के प्रतिनिधि द्वारा सदन में प्रस्तुत की गई रिपोर्ट से असंतुष्ट होकर पुन: से जिला पुलिस को मामले की जांच करने के निर्देश दिये। टयूशन सेन्टर से संबंधित इस मामले में कष्ट निवारण समिति के सदस्य करतार सिंह सिंधड ने भी शहर में अन्य स्थानों पर चल रहे टयूशन सेन्टरों पर नजर रखने बारे अनुरोध किया और कहा कि टयूशन सेन्टरों के बाहर अनेक मनचले लडक़े हुल्लडबाजी करते नजर आते हैं ऐसे तत्वों पर अंकुश लगाया जाए।
वित्त मंत्री ने डेरा बहलोलपुर निवासी श्रीमती लखविन्द्र कौर पत्नि लखबीर सिंह की शिकायत पर उप-पुलिस अधीक्षक द्वारा प्रस्तुत की गई जांच रिपोर्ट सुनने उपरांत कहा कि प्रार्थी का खंभा लगा है या नहीं इसकी रिपोर्ट अगली बैठक में प्रस्तुत करें और इस प्रकार इस मामले को लम्बित रखा गया। इसी प्रकार पुलिस विभाग से संबंधी तरावड़ी वार्ड न. 1 निवासी कैलाशो देवी पत्नि जयपाल की शिकायत पर उप-पुलिस अधीक्षक द्वारा जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए बताया गया कि इस मामले से जुड़े मुलजिम गिरफ्तार हो चुके हैं और उनका चालान करके न्यायालय में पेश किया गया है। इस मामले की सुनवाई करने उपरांत अध्यक्ष ने इसे फाईल करने के निर्देश दिये। एजेंडे में रखी गई शिकायतों के अलावा कष्ट निवारण समिति के सदस्य घनश्याम दास गुप्ता ने वित्त मंत्री को अवगत कराया कि पैंशन वितरण का कार्य सही तरीके से नहीं हो रहा है। उन्होंने वार्ड वाईज पैंशन वितरण करवाने बारे अनुरोध किया । इसके अतिरिक्त उन्होंने अनुसूचित जाति के लोगों को वितरित की जाने वाली नि:शुल्क 200 लिटर की पानी की टंकी भी उपलब्ध करवाने बारे भी निवेदन किया। अध्यक्ष ने बताया कि पैंशन वितरण स्कीम को अब और पारदर्शी बनाया गया है अब उन्हीं पात्र लोगों को पैंशन मिलेगी जो बैंक में अपना खाता खुलवायेंगे और आगामी पैंशन बैंक के माध्यम से ही मिलेगी।
बैठक में उपायुक्त श्रीमती नीलम प्रदीप कासनी ने वित्त मंत्री का स्वागत करते हुए बताया कि जिला के अधिकारी 11 बजे से लेकर 12 बजे तक अपने-अपने कार्यालय में लोगों की शिकायतें सुनकर उनका समाधान करते हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि कष्ट निवारण समिति के अध्यक्ष के निर्देशानुसार ही जनता की भलाई और उनकी समस्याओं के निपटान में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जायेगी।
इस अवसर पर करनाल की विधायक एवं हरियाणा प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष श्रीमती सुमिता सिंह, जिला परिषद के अध्यक्ष श्री अंग्रेज सिंह धूमसी, पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार आर्य, अतिरिक्त उपायुक्त एम.के.पांडुरंग सहित जिला के सभी विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे। इसके अतिरिक्त समिति के गैर-सरकारी सदस्यों में संतोष कुमारी शर्मा, राकेश कुमार, रितु सिंह, कनक रानी, कैप्टन ताराचंद, बेदी राम, सूरजभान कश्यप, सुशील गर्ग, प्रमोद गुप्ता, सुरेश कुमार, त्रिलोचन सिंह, अंग्रेज सिंह, सूरत सिंह साही, इन्द्र कुमार, पंकज जनोट, गुरूदेव सिंह, सुदेश गुलाटी, रामप्रकाश, सुशील गुप्ता, सतीश शर्मा, दया प्रकाश, शेरसिंह, इन्द्र पाल सिंह, सोम नाथ तथा भगवान दास बंसल भी उपस्थित थे।
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