Thursday, June 30, 2011

देश में नही है तकनीकी शिक्षण संस्थानों की कमी:रंजन चटर्जी

करनाल विजय काम्बोज
देश की 12वीं पंचवर्षीय योजना में हर व्यक्ति को विकास का लाभ मिले, इस उददेश्य से  योजना आयोग भारत सरकार के कन्सलटेंट एवं वरिष्ठ आई.एस.अधिकारी रंजन चटर्जी ने आज करनाल जिले के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा कर विकास के लिए स्थापित शिक्षा, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा जन स्वास्थ्य विभाग के इन्फ्रास्टक्चर व वहां उपलब्ध सुविधाओं का जायजा लिया और उनमें काम कर रहे सरकारी अधिकारियों व विद्यार्थियों से संवाद कर जानकारी हासिल की। रंजन चटर्जी के साथ श्रीमती अर्चना सिंह कटियार भी थी। 


इन अधिकारियों ने सबसे पहले तरावड़ी स्थित औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र में पहुंचकर उसका भ्रमण किया। उपायुक्त श्रीमती नीलम पी. कासनी व अतिरिक्त उपायुक्त एम.के.पांडुरंग सहित जिले के विभिन्न अधिकारियों ने भारत सरकार के इन अधिकारियों का स्वागत किया। श्री रंजन ने औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र में चलाई जा रही ट्रेडो के बारे में जानकारी ली तथा प्रशिक्षण केन्द्र में शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थियों से विस्तार से पूछताछ की। उन्होंने कहा कि आज देश में शिक्षा संस्थानों विशेषकर तकनीकी इन्स्टीटयूट की कमी नहीं है क्योंकि रोजगारोन्मुखी शिक्षा का अधिक से अधिक विस्तार किया जाना जरूरी था। लेकिन शिक्षा संस्थानों की संख्या बढ़ाने की बजाए गुणवत्ता पर आधारित शिक्षा पर ज्यादा जोर दिया जाना जरूरी है। उन्होंने कहा हमारा उददेश्य है कि ग्रामीण पृष्टभूमि का बच्चा भी ऐसी शिक्षा ग्रहण करे जो विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा में भाग ले सके। उन्होंने कहा देश में औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्रों का उददेश्य विद्यार्थियों को शिक्षित करके उन्हें स्वरोजगार से जोडऩा था परन्तु आज का विद्यार्थी इस उददेश्य से दूर भाग रहा है। वह केवल उच्च शिक्षा प्राप्त करने में अपनी कामयाबी ढूंढ रहा है और अपना व्यवसाय खुद स्थापित करने की बजाए नौकरी के पीछे भाग रहा है परन्तु सभी को रोजगार देना संभव नहीं है। उन्होंने अपने दौरे के दौरान औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्र में कार्यरत  अधिकारियों को सलाह दी कि वे लड़कियों को व्यावसायिक शिक्षा से जोडऩे के प्रयास पर बल दें। उन्होंने कहा हरियाणा की अपेक्षा दक्षिणी भारत के राज्यों में लड़किया व लडक़े औद्योगिक प्रशिक्षण केन्द्रों में शिक्षा लेने में काफी रूचि दिखा रहे हैं वे हर क्षेत्र में अपनी अच्छी उपलब्धि दर्ज कर रही हैं। 


प्लानिंग आयोग की टीम ने राजकीय उच्च विद्यालय उचाना का भी दौरा किया। विद्यालय में स्कूल की मुख्याध्यापिका से स्कूल की व्यवस्था व शिक्षा स्तर के बारे में विस्तार से जानकारी ली। उन्होंने स्कूल में बनाए गए शौचालयों का भी निरीक्षण किया और उनकी दशा पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने का हर संभव प्रयास किया जाए। विद्यार्थियों को ऐसी शिक्षा दी जाए जो गुणवत्तापूर्ण हो। उन्होंने कहा संभव हो सके तो बच्चों को क्वालिटी एजुकेशन देने के लिए स्कूलों में अतिरिक्त समय दिया जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का प्रयास रहना चाहिए कि समय-समय पर स्कूलों के बच्चों के स्वास्थ्य की जांच करवाई जाए उन्हें एनीमिया की टेबलेट वितरित की जाएं ताकि उनमें खून की कमी न हो।  मिड-डे-मील पौष्टिक हो ताकि बच्चे का विकास हो सके। टीम ने इसी गांव की आंगनवाड़ी का भी निरीक्षण किया और आंगनवाड़ी की सफाई व्यवस्था की सराहना की। उन्होंने कहा आंगनवाडिय़ों में और विकास हो इसके भरसक प्रयास किये जाएं ताकि छोटे बच्चे व गर्भवती महिलाओं को इन केन्द्रों पर और अधिक से अधिक सुविधा मिल सके। उन्होंने जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी से कहा कि जिले की 1482 आंगनवाडिय़ों की कार्य-प्रणाली को कम्प्यूटरीकृत किया जाए जिससे एक स्थान पर बैठकर ही पूरे जिले की व्यवस्था देखी जा सके। उन्होंने गांव के पूर्व सरपंच सत्यपाल व महिला पंच रत्नी देवी से आंगनवाड़ी की व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी ली। इस पर ग्रामीणों ने टीम को आश्वस्त किया कि इस गांव की आंगनवाड़ी व्यवस्था बहुत अच्छी है। 
टीम ने करनाल के सेक्टर 4 स्थित सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का भी निरीक्षण किया। इस निरीक्षण के दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों के साथ गहनता से बातचीत की और विस्तार से जानकारी ली कि किस प्रकार शहर के गंदे पानी व सीवरेज के पानी का शुद्धिकरण  होता है। इस पर योजना आयोग के निदेशक श्रीमती कटियार ने अधिकारियों से कहा कि इस ट्रीटमेंट प्लांट से निकलने वाली मीथेन गैस का सदुपयोग किया जाए। इस ट्रीटमेंट प्लांट से प्रतिदिन 3.96 क्यूबिक गैस निकलती है जिसका ठीक प्रकार से प्रयोग नहीं किया जा रहा है। इस पर संबंधित अधिकारियों ने कहा कि शीघ्र ही यहां पर प्लांट लगाने की योजना है। इस प्लांट के लग जाने के बाद इस गैस का सदुपयोग किया जायेगा। उन्होंने कहा कि करनाल में स्थापित वाटर ट्रीटमेंट प्लांट देश के कई भागों में स्थापित ट्रीटमेंट प्लांटों से बेहतर ढंग का है। 

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