घरौंडा 21 जून(प्रवीन सोनी)
भूमि की उपजाऊ क्षमता बढाने तथा खरपतवार व बीमारियों के कीड़ों से निपटने के लिए वर्तमान समय में किसानों द्वारा बहुत अधिक मात्रा में जहरीले रसायन प्रयोग किए जाते है। फस्लों में रसायनों का प्रयोग किसानों के लिए बेहद महंगा रहता है वही लम्बे समय तक जहरीले रसायनों के प्रयोग से भूमिगत जल में भी कैमिकल अंश आ जाते है। इन समस्याओं से निपटने के लिए सैंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल संस्थान में खेत की मिट्टी में सुधार लाने तथा खरपतवार व कीड़ों से निपटने के लिए सोइल सोलराइजेशन की खास तकनीक विकसित की गई है।
सैंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल संस्थान में भूमि की जांच करता अधिकारी।
छाया-तेजबीर
सैंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर वेजिटेबल संस्थान के प्रोजेक्ट निदेशक एसके यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि खरपतवारों व कीड़ों से निपटने के लिए किसान बहुत अधिक मात्रा में रसायनों का प्रयोग कर रहे है जो बहुत ही खतरनाक है। सोसराइजेशन तकनीक में चिज्लर या रोटोवेटर की मदद से खेत की 40 से 45 सै०मी० गहरी जुताई करके प्रति एकड़ 16000 किलो वर्मी कम्पोस्ट खाद मिलाई जाती है। इसके बाद खेत की हल्की सिंचाई करके मिट्टी को पारदर्शी मल्चिंग सीट द्वारा अच्छी तरह से ढक दिया जाता है। सिंचाई से मिली नमी सेखरपतवार के बीच अंकुरित होने शुरू हो जाते है। मल्चिंग सीट पर धूप से भाप पडऩे से तापमान 70 से 75 डिग्री तक पहुंच जाता है और मिट्टी मौजूद नमी से भाप बनती है। भाप से मिट्टी स्टेरलाइज हो जाती है और तापमान में मिट्टी में मौजूद प्यूपा, बैक्टीरिया, फंग्स व खरपतवार के बीज खत्म हो जाते है।
सोइल सोलराइजेशन की क्रिया 4 से 5 सप्ताह तक चलती है जिसमें एक दिन छोडक़र ड्रिप की सहायता से मिट्टी को पानी दिया जाता है। इसके बाद खेत की मिट्टी खरपतवार व हानिकारक कीड़ों से मुक्त हो जाती है। और खेत में अलग से कोई खरपतवार नाशक व कीटनाशक डालने की जरूरत नही पड़ती है। सोइल सोलराइजेशन से फसलों में आने वाले जड़ गलन, तना, ब्लास्ट व झुलसा रोगों से बचा सकता है।
=============================================== मांगों को लेकर प्रदेश सरकार के खिलाफ की नारेबाजी।
घरौंडा, करनाल(प्रवीन सोनी)
सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के आह्वान पर नगरपालिका कर्मचारी संघ के सभी कर्मचारियों ने एक दिन का सामूहिक अवकाश लेकर नपा कार्यालय के सामने प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। सभी कर्मचारियों ने हुड्डा की जन विरोधी नीतियों के खिलाफ भारी रोष प्रकट किया।
कर्मचारियों को संबोधित करते हुए प्रधान कालाराम ने कहा कि प्रदेश सरकार सफाई कर्मचारियों की मांगों को न मानकर उनका शोषण करने पर तुली हुई है। उन्होंने सरकार को चेताया कि अगर समय रहते प्रदेश सरकार ने उनकी मांगे नही मानी तो वे आर पार की लड़ाई लड़ेंगे। हमारी मुख्य मांगे ठेकेदारी प्रथा बंद करवाना, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करना, सभी चतुर्थ कर्मचारियों को रियायती दरों पर सौ-सौ गज के प्लाट देना इत्यादि शामिल है।
इस अवसर पर दलबीर सिंह, रोहताश, जयपाल, कृष्ण, सूरजीत, सुस्ता आदि कर्मचारी शामिल रहे।
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