करनाल विजय काम्बोज
घटते लिंगानुपात में समानता लाने तथा कन्याभ्रूण हत्या की रोकथाम के लिये गठित जिला टास्क फोरस कमेटी की आज यहां हुई द्वितीय बैठक में कमेटी की अध्यक्ष उपायुक्त श्रीमती नीलम पी. कासनी ने ऐलान किया कि जो व्यक्ति कन्याभ्रूण हत्या करने या करवाने वाले की सूचना जिला प्रशासन को देगा उसे स्वास्थ्य विभाग की ओर से 5 हजार रुपये का नकद ईनाम दिया जायेगा। ज्ञात रहे कि इस बारे हरियाणा सरकार द्वारा पहले ही एक लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा की गई है। उपायुक्त ने कहा कि ऐसी सूचना देने वाले व्यक्ति यदि चाहे तो उनका नाम गुप्त रखा जा सकता है। इस बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त एम.के.पांडुरंग भी उपस्थित थे। बैठक में उपायुक्त श्रीमती कासनी ने गत मास हुई टास्क फोरस के बाद अब तक के हालात और जिला में लिंगानुपात पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह चिन्ता का विषय है कि गांव में भी लड़कियों की संख्या कम हो रही है इस असमानता से पार पाने के लिए उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकत्ताओं तथा स्वास्थ्य कार्यकत्र्ताओं को और अधिक सक्रियता से डयूटी करने के निर्देश दिये। उपायुक्त ने बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी की प्रतिनिधि सी.डी.पी.ओ. को कड़े निर्देश दिये कि आंगनवाड़ी कार्यकत्र्ता गांव में गर्भवती महिलाओं का पूरा रिकार्ड रखें और उसके प्रसव काल तक नजर रखी जाए। आंगनवाड़ी कार्यकत्ताओं की लापरवाही से कई बार गर्भवती महिलाएं अल्ट्रासाऊंड करवाने के लिए किसी न किसी अवैध गर्भपात केन्द्र पर जाकर गर्भपात करवा लेती हैं जिससे गर्भ में कन्या की हत्या का कारण बनता है। उन्होंने आंगनवाड़ी कार्यकत्ताओं के लिए ये निर्देश भी दिये कि उनके द्वारा अगली बैठक तक गांववार लिंगानुपात का पूरा विवरण दिया जायेगा। विवरण में गर्भवती महिलाओं की संख्या व समय भी दर्शाया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जिन गांवों में लिंगानुपात बहुत ही कम है वहां स्वास्थ्य व आंगनवाड़ी कार्यकत्ताओं से कारण पूछा जाए।
बैठक में उपस्थित सिविल सर्जन डाक्टर वंदना भाटिया ने बताया कि तरावड़ी के संजय अस्पताल के प्रभारी डाक्टर का अल्ट्रासाऊंड केन्द्र नियम पूरे न करने के आरोप में मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेगनेंसी अधिनियम के तहत बंद कर दिया गया है और इसकी जांच चल रही है। इसी प्रकार नीलोखेड़ी के धवन अस्पताल में भी कमियां पाए जाने पर उसे पी.एन.डी.टी. एक्ट के तहत कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है। सिविल सर्जन ने बताया कि एक मास में जिला में 18 अल्ट्रासाऊंड केन्द्रों का निरीक्षण किया गया। उन्होंने उपायुक्त को अवगत कराया कि अवैध रूप से गर्भपात करने में अधिकतर आर.एम.पी. डाक्टरों का हाथ होता है जो दलालों के माध्यम से अल्ट्रासाऊंड केन्द्रों से मिले होते हैं। उन्होंने बताया कि शहर के दो मुख्य व भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में दो बड़े होर्डिंगस लगाये जायेंगे जिन पर पूरे जिले का लिंगानुपात दर्शाया जायेगा। इस बारे उपायुक्त का सुझाव था कि डिजीटल होर्डिंग लगाई जाएं तो ज्यादा अच्छा रहेगा जिन पर आंकड़े डिस्प्ले होते रहेंगे।
बैठक में उपस्थित अतिरिक्त उपायुक्त एम.के.पांडुरंग ने कहा कि जब गर्भपात करवाने वाले दम्पत्ति या दलालों को अवैध अल्ट्रासाऊंड की जानकारी हासिल हो जाती है तो स्वास्थ्य विभाग को क्यों नहीं। उन्होंने सुझाव दिया कि डाक्टरों को इस बारे अपनी पूरी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। भविष्य में प्राईवेट डाक्टरों और अल्ट्रासाऊंड सेन्टरों का औचक निरीक्षण उपमंडलाधीशों द्वारा करवाया जायेगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कन्याभ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए प्रचार-प्रसार के साधनों का अधिक से अधिक प्रचार किया जाए।
शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डाक्टर राजीव गुप्ता ने कहा कि कार्यरत अल्ट्रासाऊं ड केन्द्रों पर नजर रखने के लिए फर्जी ग्राहक भेजने की कार्यवाही जारी रखी जानी चाहिए। कन्याभ्रूण हत्या की बुराई को रोकने के लिए इस अवैध धंधे में लगे कथित डाक्टरों में भय कायम रखना जरूरी है। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को सुझाव दिया कि वह इस बारे अपनी और सक्रियता बढ़ा सकते हैं।
राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय तथा राजकीय कन्या महाविद्यालय के प्राचार्यो, राधेश्याम शर्मा व एम.एस. नैन ने कहा कि वे इस अपराध को रोकने के लिए लोगों की नब्ज को टटोलने की जरूरत है जब तक समाज की नियत के बारे में हमें जानकारी नहीं होगी तो इस कार्य में मेहनत के परिणाम आने मुश्किल हैं। उन्होंने पेशकश की कि वे महाविद्यालयों में युवा विद्यार्थियों को स्वयंसेवक के रूप में तैयार करें जो गांव-गांव जाकर कन्याभ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए जागरूक करेंगे।
बैठक में उपमंडलाधीश असंध आर.के सिंह ने भी कन्याभ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए जागरूकता बढ़ाने पर बल दिया। बैठक में डिप्टी सिविल सर्जन डाक्टर अनिता अग्रवाल ने बताया कि टास्कफोरस की महीने में कम से कम एक बैठक आयोजित की जायेगी। महीने में 20 पंजीकृत अल्ट्रासाऊंड सेन्टरों का औचक निरीक्षण किया जायेगा। फॉक मीडिया द्वारा कम से कम 10 गांवों में प्रचार किया जायेगा तथा जिन गांवों में लिंगानुपात में गिरावट आई है उनमें नुक्कड़ संभाए आयोजित करके उन्हें जागरूक किया जायेगा तथा कन्याभ्रूण हत्या की रोकथाम गांव-गांव श£ोगन व वाल पैंटिंग करने का प्रावधान किया जा रहा है ताकि आम आदमी को इसकी जानकारी मिल सके।
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